| शब्द का अर्थ | 
					
				| यौन					 : | वि० [सं० योनि+अण्] [भाव० यौनता] १. योनि-संबंधी। २. पुरुष और स्त्रियों की जननेंद्रियों से संबंध रखनेवाला। जैसे—योन विज्ञान, यौन संसर्ग आदि। ३. जिसमें योनि या स्त्रीलिंग और पुलिंग का भेद हो। जैसे—यौन वनस्पतियाँ या पेड़-पौधे। पुं० उत्तरापथ की एक प्राचीन जाति जिसका उल्लेख महाभारत में है। | 
			
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				| यौनकी					 : | स्त्री० [सं० यौन से] आधुनिक विज्ञान की वह शाखा या शास्त्र जिसमें इस बात का विवेचन होता है कि स्त्रियों और पुरुषों की जननेंद्रियों की कैसी बनावट होती है, उनमें किस प्रकार यौन-सम्बन्ध तथा गर्भाधान होता है आदि आदि। (सेक्सालाजी) | 
			
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				| यौनता					 : | स्त्री० [सं० यौन+तल्—टाप्] १. यौन होने की अवस्था या भाव। यौनभाव। २. स्त्री और पुरुष या नर और मादा के स्वतन्त्र अस्तित्व की धारणा या भाव। लिंगिता। (सेक्सुएलिटी) | 
			
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				| यौन-विकृति					 : | स्त्री० [सं० कर्म० स०] आधुनिक मनोविज्ञान में काम-वासना की तृप्ति के लिए उत्पन्न होनेवाली वह विकृत स्थिति जो स्वाभाविक संभोग से भिन्न और उसके विपरीत हो। जैसे—आत्मरति, समलिंगी, रति, अन्य जातियों या वर्गों के जीव-जन्तुओं के साथ की जानेवाली रति। | 
			
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				| यौन-विज्ञान					 : | पुं० [सं० कर्म० स०]=यौनिकी। | 
			
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