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			| शब्द का अर्थ |  
				| रंध्र					 : | पुं० [सं० रंध+रक्] १. छेद। सूराख। पद—ब्रह्म-रंध्र। २. स्त्री की भग। योनि ३. छिद्र। दोष। ४. लाक्षणिक अर्थ में कोई ऐसा छिद्र तत्त्व या दुर्बल स्थान जिस पर सफलतापूर्वक या सहज में आक्रमण, आक्षेप या आघात किया जा सके। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |