| शब्द का अर्थ | 
					
				| रंभा					 : | स्त्री० [सं०√रंभ+अच्—टाप्] १. केला। कदली। २. गौरी। पार्वती। ३. स्वर्ग की एक प्रसिद्ध अप्सरा। ४. वेश्या। रंडी। ५. उत्तर दिशा। पुं० [सं० रंभ] लोहे का वह मोटा भारी डंडा जिसका अगला सिरा धारदार होता है और जिससे आघात करके मजदूर या दीवार में छेद करते हैं। | 
			
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				| रंभा-तृतीया					 : | स्त्री० [सं० मध्य० स०] ज्येष्ठ शुक्ला तृतीया। | 
			
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				| रँभाना					 : | अ० [सं० रंभणा] गाय का बोलना। गाय का शब्द करना। स० गौ से रंभण करना। गौ के शब्द करने में प्रवृत्त करना। | 
			
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				| रंभापति					 : | पुं० [सं० ष० त०] इंद्र। | 
			
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				| रंभाफल					 : | पुं० [सं० ष० त०] केला। | 
			
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