| शब्द का अर्थ | 
					
				| रक्तज					 : | वि० [सं० रक्त√जन् (उत्पत्ति)+ड] १. जो रक्त से उत्पन्न हो। २. (रोग) जो रक्त विकार के कारण उत्पन्न हो। | 
			
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				| रक्तजकृमि					 : | पुं० [कर्म० स०] वह कृमि जो रक्त-विकार के कारण उत्पन्न होता है। | 
			
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				| रक्तजपा					 : | स्त्री० [कर्म० स०] अड़हुल। जवा। देवीफूल। | 
			
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				| रक्तजिह्व					 : | पुं० [ब० स०] सिंह। शेर। वि० लाल जीभवाला। | 
			
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				| रक्तजूर्ण					 : | पुं० [कर्म० स०] ज्वार। जोन्हरी। | 
			
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