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			| शब्द का अर्थ |  
				| रार					 : | स्त्री० [सं० रारि, प्रा० राड़ि=लड़ाई] १. ऐसा झगड़ा जिसमें बहुत कहा-सुनी हो और जो कुछ देर तक चलता रहे। तकरार। हुज्जत। क्रि० प्र०—करना।—ठानना।—मचाना। २. ऐसी ध्वनि जिसमें रह रहकर (रकार) र का सा शब्द होता है। जैसे—पेड़ों की मर्मर में होनेवाली रार या पेड़ों के गिरने में अरर या रार का स्वर निकले। उदाहरण—कलरव करते किलकार रार। ये मौन मूक तृण करु दल पर।—पन्त। स्त्री०=राल। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |