| शब्द का अर्थ | 
					
				| रीस					 : | स्त्री० [सं० ईर्ष्या] १. किसी को कोई काम करते देखकर वही काम करने की मन में जाग्रत होनेवाली भावना। २. प्रतिस्पर्धा। होड़। स्त्री०=रिस (गुस्सा)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| रीसना					 : | अ०=रिसाना (रुष्ट होना)। | 
			
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				| रीसा					 : | स्त्री० [देश] एक प्रकार की झाड़ी, जिसकी छाल के रेशों से रस्सियाँ बनती हैं। इसे ‘बनरीहा’ भी कहते हैं। | 
			
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				| रीसी					 : | स्त्री०=रीस (स्पर्धा)। | 
			
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