| शब्द का अर्थ | 
					
				| रेश					 : | स्त्री० [फा०] लंबी दाढ़ी। | 
			
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				| रेशम					 : | पुं० [फा०] [वि० रेशमी] एक विशिष्ट प्रकार के कीड़ों के कोश पर के रोओं से तैयार किये जानेवाले बहुत चमकीले चिकने तथा मुलायम तंतु या रेशे जो प्रायः कपड़े बनाने के काम आते हैं। कोशा। कौशेय। विशेष—इस कीड़े की अनेक जातियाँ होती हैं, जिनसे अलग-अलग प्रकार के रेशम के तागे बनते हैं। | 
			
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				| रेशमी					 : | वि० [फा०] १. रेशम का बना हुआ। जैसे—रेशमी रूमाल या साड़ी। २. रेशम की तरह चमकीला और मुलायम। जैसे—रेशमी बाल। | 
			
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				| रेशा					 : | पुं० [फा० रेशः] १. वह तंतु या महीन सूत जो पौधों की छालों आदि से निकलता है या कुछ फलों के अन्दर भी पाया जाता है। २. वे तंतु जिनके शरीर का मांस तथा कुछ और अंग बने होते हैं। ३. कोई ऐसा तत्त्व या बुनावट के रूप में हो और जिसके तंतु या सूत अलग किये जाते हों (फाइबर) ४. शरीर के अन्दर की नस। रग। | 
			
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				| रेशा खत्मी					 : | पुं० [फा०] एक प्रकार की वनस्पति, जिसका प्रयोग हकीमी दवाओं में होता है। मुहावरा—रेशा खतमी हो जाना=बहुत गदगद या पुलकित होना। (परिहास) | 
			
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