| शब्द का अर्थ | 
					
				| रेहन					 : | पुं० [फा० रिहन] रुपया उधार लेने की वह रीति, जिसमें महाजन के पास कुछ माल या जायजाद इस शर्त पर रखी रहती है कि जब ऋण चुका दिया जायगा, तब माल या जायदाद वापस मिलेगी। बंधक। गिरवी (प्लेज, मार्टगेंज)। क्रि० प्र०—करना।—रखना। पुं० =अरहन। पुं० [?] मिलावटी सोने में से निकली हुई तलछट या मैल। स्त्री० [हिं० रहना] रहने की क्रिया या भाव। | 
			
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				| रेहनदार					 : | पुं० [फा०] वह जिसके पास कोई जायदाद रेहन रखी गई हो। | 
			
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				| रेहननामा					 : | पुं० [फा०] वह कागज जिस पर चीज रेहन आदि रखने की शर्ते लिखी गई हों। | 
			
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