| शब्द का अर्थ | 
					
				| रोम-हर्ष					 : | पुं० [सं० ष० त०] आतंक, भय, वीभत्सता आदि के कारण रोंगटे खड़े होना। रोमांच। पुलक। | 
			
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				| रोम-हर्षक					 : | वि० [सं० ष० त०] रोम-हर्ष उत्पन्न करनेवाला। रोंगटे खडे करनेवाला अर्थात् दारुण या भीषण। | 
			
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				| रोम-हर्षण					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. रोमांच। सिहरन। रोओं का खड़ा होना, जो अत्यन्त आनन्द के सहसा अनुभव अथवा भय से होता है। २. सूत पौराणिक। वि० रोंगटे खड़े करनेवाला। भीषण। | 
			
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