शब्द का अर्थ
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					वरि					 :
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					स्त्री० [सं० वर=पति] पत्नी। (राज०) उदाहरण–वर मंदा सइ वद वरि।–प्रिथीराज। अव्य,० [सं० उपरि] १. ऊपर। (राज०) उदाहरण–वले बाढ़ दे सिली वरि।–प्रिथीराज। २. भाँति। तरह। उदाहरण–वेस संधि सुहिणा सुवरि।–प्रिथीराज।				 | 
			
			
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					वरियाम					 :
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					वि० [सं० वरीयस्] उत्तम। श्रेष्ठ। उदाहरण-पतो माल गद्ध पुरुषरा, वणिया भुज वरियाम।–बाँकीदास।				 | 
			
			
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					वरिशी					 :
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					स्त्री० [सं० वडिश] छली फँसानेवाली कँटिया बंसी।				 | 
			
			
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					वरिष्ठ					 :
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					वि० [सं० वर+इष्ठन्] १. श्रेष्ठ तथा पूज्य। २. सबसे बड़ा तथा बढ़कर। कनिष्ठ का विपर्याय। (सुपीरियर)। पुं० [सं०] १. धर्म सावर्णि मन्वतर के सप्त ऋषियों में से एक। २. उरुतमस ऋषि का एक नाम। ३. ताँबा ४. मिर्च। ५. तीतर। पक्षी।				 | 
			
			
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					वरिष्ठा					 :
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					स्त्री० [सं० वरिष्ठ+टाप्] १. हलदी। २. अड़हुल। जवा।				 | 
			
			
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