शब्द का अर्थ
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					विकृति					 :
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					स्त्री० [सं० वि√कृ (करना)+क्तिन्] १. विकृत होने की अवस्था या भाव। २. खराबी। विकार। ३. वह रूप जो विकार के उपरान्त प्राप्त हो। बिगड़ा हुआ। ४. बीमारी। रोग। परिवर्तन। ५. मन में होनेवाला क्षोभ। ६. काम-वासना। ७. वैर। शत्रुता। ८. धार्मिक क्षेत्र में माया का एक नाम। ९. पिंगल में २३ वर्णों वाले छंदों की संज्ञा। १॰. सांख्य के अनुसार मूल-प्रकृति का वह रूप जो उसमें विकार आने पर होता है। विकार। परिणाम। ११. व्याकरण में शब्द का वह रूप जो उसको मूल धातु से विकृत होने पर प्राप्त होता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					विकृति-विज्ञान					 :
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					पुं० [सं०] चिकित्सा-शास्त्र और दैहिकी का वह अंग या विभाग जिसमें इस बात का विवेचन होता है कि शरीर में किस प्रकार के विकार होने से कौन-कौन से रोग होते हैं। रोग-विज्ञान। (पैथालोजी)।				 | 
			
			
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					विकृतिवेत्ता					 :
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					पुं० [सं०] वह जो विकृति-विज्ञान का ज्ञाता हो। (पैथॉलोजिस्ट)।				 | 
			
			
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