शब्द का अर्थ
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					विना					 :
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					अव्य० [सं० वि+शा] १. न होने पर। अभाव में। बिना। जैसे—आपके बिना काम न चलेगा। २. अलग रहकर अथवा उपयोग न करते हुए। जैसे—बिना जूते के चलने में कष्ट होता है। ३. अतिरिक्त। सिवा। (क्व०)। जैसे—तुम्हारे बिना उसका है ही कौन।				 | 
			
			
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					विनाड़ी					 :
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					स्त्री० [सं०] एक घड़ी का साठवाँ भाग। पल। प्रायः २४ सेकेंड का समय।				 | 
			
			
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					विनाथ					 :
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					वि० [सं० ब० स०] जिसका नाथ न हो। अनाथ।				 | 
			
			
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					विनाम					 :
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					पुं० [सं० वि√नम् (नम्र होना)+घञ्] १. टेढ़ापन। वक्रता। २. वैद्यक में पीड़ा आदि के कारण शरीर के किसी अंग का झुक जाना। ३. किसी पदार्थ का वह गुण जिसके कारण वह झुकाया या मोड़ा जा सकता है।				 | 
			
			
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					विनायक					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] १. गणों के नायक गणेश। २. गरुड़। ३. गुरु। ४. गौतम बुद्ध। ५. बाधा। विघ्न। विशेष—पुराणों में विनायक के कई रूप कहे गये है। यथा कोण बिनायक, दवढ़ि विनायक, सिंदूर विनायक, हस्ति विनायक आदि।				 | 
			
			
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					विनायक चतुर्थी					 :
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					स्त्री० [सं० मध्य० स०] माघ सुदी चौथ। गणेशचतुर्थी।				 | 
			
			
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					विनायिका					 :
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					स्त्री० [सं०] १. विनायक अर्थात् गणेश की पत्नी। २. गरुड़ की पत्नी।				 | 
			
			
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					विनाल					 :
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					वि० [सं० ब० स०] जिसमें नाल अर्थात् डंठल न हो।				 | 
			
			
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					विनाश					 :
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					पुं० [सं० वि√नश्+घञ्] १. ऐसी स्थिति जो अत्यधिक धन-जन की हानि की परिचायिका हो। नाश। ध्वंस। जैसे—भूकम्प के कारण शहरों बाढ़ के कारण गाँवों अतिवृष्टि या अनावृष्टि के कारण खेतों का होनेवाला विनाश। २. अदर्शन। लोप। ३. खराबी। विकार। ४. दुर्दशा। ५. नुकसान। हानि।				 | 
			
			
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					विनाशन					 :
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					पुं० [सं०] १. नाश करना। २. मार डालना। ३. बिगाड़ना। ४. काल का एक पुत्र असुर।				 | 
			
			
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					विनाशित					 :
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					भू० कृ० [सं० वि√नश्+णिच्+क्त]=विनष्ट।				 | 
			
			
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					विनाशी (शिन्)					 :
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					वि० [सं० वि√नश्+णिनि] [स्त्री० विनाशिनी] १. विनाश या ध्वंत करनेवाला। (डेस्ट्रॉयर)। २. मार डालनेवाला। ३. खराब करने या बिगाड़नेवाला।				 | 
			
			
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					विनाश्य					 :
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					वि० [सं० वि√नश् (नष्ट करना)+ण्यत्] जिसका विनाश हो सकता हो या होने को हो।				 | 
			
			
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					विनास					 :
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					पुं०=विनाश।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					विनासक					 :
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					वि० [सं० ब० स०+कन्, ह्रस्व] बिना नाक का। नकटा। वि०=विनाशक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					विनासन					 :
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					पुं०=विनाशन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					विनासना					 :
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					स० [सं० विनाशन] विनाश करना। अ० विनष्ट होना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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