शब्द का अर्थ
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					विराव					 :
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					पुं० [सं० वि√रु (शब्द करना)+घञ्] १. शब्द। आवाज। २. मुँह से निकलनेवाली वाणी। बोली। उदाहरण—मोर कौं सोर गान कोकिल विराव कै।—सेनापति। ३. शोरगुल। हो-हल्ला। वि० रव अर्थात् शब्द से रहित। जिसमें आवाज न हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					विरावण					 :
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					वि० [सं० विराव√नी (ढोना)+ड] [स्त्री० विराविणी] १. बोलने या शब्द करनेवाला। २. रोने-चिल्लानेवाला। ३. शोर-गुल करने या हो-हल्ला मचानेवाला।				 | 
			
			
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					विरावी (विन्)					 :
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					वि० [सं०] विरावण।				 | 
			
			
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