शब्द का अर्थ
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					विस्मय					 :
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					पुं० [सं० वि√स्मि+अच्] १. आश्चर्य। २. अचम्भा। २. वह विशिष्ट स्थिति जब किसी प्रकार की अप्रत्याशित तथा चमत्कारिक बात या वस्तु सहसा देखकर प्रसन्नता-मिश्रित आश्चर्य होता है। ३. साहित्य में उक्त के आधार पर अद्भुत रस का स्थायी भाव। वि० जिसका अभिमान या गर्व चूर्ण हो चुका हो।				 | 
			
			
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					विस्मयाकुल					 :
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					वि० [सं० तृ० त०] जो बहुत अधिक विस्मय के कारण घबरा या चकरा गया हो।				 | 
			
			
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					विस्मयादि-बोधक					 :
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					पुं० [सं०] व्याकरण में अव्यय का वह भेद जो ऐसे अधिकारी शब्द का सूचक होता है जो आश्चर्य, खेद, दुःख, प्रसन्नता आदि का सूचक होता है। जैसे— वाह, हाय ओह आदि।				 | 
			
			
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