शब्द का अर्थ
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					व्रात					 :
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					पुं० [सं०√वृ+अतच्, पृषो, सिद्धि] १. आदमी। मनुष्य। ३. जत्था। दल। ४. जीविका उपार्जन के लिए किया जानेवाला परिश्रम या प्रयत्न। ५. जातिच्युत ब्रह्मचारी की संतान।				 | 
			
			
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					व्रात्य					 :
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					वि० [सं०व्रात+यत्] व्रत संबंधी। व्रत का। पुं० १. ऐसा आर्य या हिन्दू जिसके पूरे धार्मिक संस्कार न हुए हों। २. ऐसा ब्राह्मण क्षत्रिय या शूद्र जो वैदिक कृत्य न करता हो। ३. वर्णसंकर।				 | 
			
			
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					व्रात्यता					 :
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					स्त्री० [सं० व्रात्य+तल्+टाप्] व्रात्य होने की अवस्था या भाव।				 | 
			
			
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					व्रात्यत्व					 :
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					पुं० [सं० व्रात्य+त्व] =व्रात्यता।				 | 
			
			
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					व्रात्य-स्तोम					 :
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					पुं० [सं० मध्यम० स०] एक प्रकार का यज्ञ जो व्रात्य या संस्कारहीन लोग किया करते थे।				 | 
			
			
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