| शब्द का अर्थ | 
					
				| शबर					 : | पु० [सं० श√वृ (वरण करना)+अच्] १. दक्षिण भारत में रहनेवाली एक जंगली या पहाड़ी जाति। २. जंगली आदमी। ३. शिव। ४. हाथ। ५. जल। ६. ऐसी सन्तान जो शूद्र भील के संयोग से उत्पन्न हुई हो। वि० चितकबरा। | 
			
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				| शबरक					 : | वि० [सं० शबर+कन्] [स्त्री० शबरिका] १. शबर लोगों में होनेवाला। २. जंगली। | 
			
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				| शबर-चंदन					 : | पुं० [सं० शबर+हिं० चंदन] एक प्रकार का चंदन जो लाल और सफेद दोनों मिले हुए रंगों का होता है। | 
			
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				| शबरी					 : | पुं० [सं० शबर+ङीष्] १. शबर जाति की नारी। २. रामायण में वर्णित शबर जाति की एक राम-भक्त स्त्री जिसने उन्हें चख चखकर जूठे बेर खिलाये थे। ३. बौद्ध तांत्रिकों की एक उपास्य नायिका जो बहुत दूर के किसी ऊँचे पर्वत पर रहनेवाली अबोध बालिका के रूप में मानी गई है। | 
			
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