| शब्द का अर्थ | 
					
				| शबल					 : | वि० [सं० शप् (निन्दा करना)+वल्, प+ब] १. चितकबरा। २. रंगबिरंगा। ३. अनुकृत। पुं० १. कई रंगों को मिलाकर बनाया हुआ रंग। २. बौद्धों का एक प्रकार का धार्मिक कृत्य। ३. अगिया घास। ४. चित्रक। चीता। | 
			
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				| शबलक					 : | वि० [सं० शबल+कन्]=शबल। | 
			
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				| शबलता					 : | स्त्री० [सं० शबल+तल्+टाप्] शबल होने की अवस्था या भाव। रंग-बिरंगा होना। | 
			
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				| शबलत्व					 : | पुं० [सं० शबल+त्व]=शबलता। | 
			
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				| शबला					 : | स्त्री० [सं० शबल+टाप्] १. चितकबरी या बहुरंगी गौ। २. कामधेनु। | 
			
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				| शबलित					 : | भू० कृ० [सं० शबल+इतच्] १. चितकबरा। रंगबिरंगा। २. अनेक रंगों में रँगा हुआ। | 
			
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				| शबली					 : | स्त्री० [सं० शबल+ङीष्] शबला। (दे०) | 
			
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