| शब्द का अर्थ | 
					
				| शर्य					 : | पुं० [सं०√शृ (हिंसा करना)+यत्] १. योद्धा। २. तीर। बाण। ३. उँगली। | 
			
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				| शर्यण					 : | पुं० [सं० शर्य्य√नी (ढोना)+ड] वैदिक काल का एक जनपद जो कुरुक्षेत्र के अंतर्गत था। | 
			
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				| शर्यणावत्					 : | पुं० [सं० शर्य्यन√अव (रक्षा करना)+क्विप्, तुक्] शर्य्यण नामक जनपद के पास का एक प्राचीन सरोवर जो तीर्थ माना जाता था। | 
			
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				| शर्या					 : | स्त्री० [सं० शर्य्य-टाप्] १. रात्रि। रात। २. उँगली। ३. छोटा तीर। | 
			
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