| शब्द का अर्थ | 
					
				| शर्वर					 : | पुं० [सं०√सर्व+अरन्] १. अंधकार। अँधेरा। २. सन्ध्या। ३. कामदेव। | 
			
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				| शर्वरी					 : | स्त्री० [सं०√शृवनिप्-ङीष्] १. रात। रात्रि। २. सन्ध्याकाल। ३. हलदी। ४. औरत। स्त्री। ५. बृहस्पति के साठ संवत्सरों में से चौतीसवाँ संवत्सर। | 
			
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				| शर्वरीकर					 : | पुं० [सं० शर्वरी√कृ (करना)+ट-अच-वा] विष्णु। | 
			
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				| शर्वरी-दीपक					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] चन्द्रमा। | 
			
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				| शर्वरीपति					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] १. चन्द्रमा। २. शिव। | 
			
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				| शर्वरीश					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] चन्द्रमा। | 
			
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