| शब्द का अर्थ | 
					
				| शालाक					 : | पुं० [सं० शाला+कन्] १. झाड-झंखाड़। २. झाड़-झंखाड़ से उत्पन्न होनेवाली आग। | 
			
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				| शालाकी (किन्)					 : | पुं० [सं० शालाक+इनि] १. शल्य चिकित्सा करनेवाला। जर्राह। २. नापित। हज्जाम। ३. भाला-बरदार। | 
			
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				| शालाक्य					 : | पुं० [सं० शलाक+ण्य] १. आयुर्वेद की एक शाखा जिसमें कान, आँख, नाक, जीभ, मुँह आदि रोगों की चिकित्सा सम्बन्धी विवरण हैं। २. वह जो आँख, नाक, मुँह आदि के रोगों की चिकित्सा करता हो। | 
			
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