| शब्द का अर्थ | 
					
				| शिंघाण					 : | पुं० [सं०√शिघ् (सूँघना)+ल्युट-अन, णत्व, पृषो, शिघ√नी (ढोना)+ड] १. अन्दर की वायु की जोर से नाक का मल बाहर निकालना। २. लौहमल। मंडूर। ३. तराजू की डंडी के ऊपर का काँटा या सुई। ४. कांच का बरतन। ५. दाढ़ी। ६. फूला हुआ अंडकोश। | 
			
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				| शिंघाणक					 : | पुं० [सं० शिंघाण+कन्] [स्त्री० शिंघाणिका] १. नाक के अन्दर का चेप। २. कफ। बलगम। | 
			
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				| शिंघाणी (णिन्)					 : | पुं० [सं० शिंघाण+इनि] नाक। | 
			
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