| शब्द का अर्थ | 
					
				| शिल्प					 : | पुं० [सं० शिल+पक्] हाथ से काम करने का हुनर। दस्तकारी। हस्तकला। | 
			
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				| शिल्पक					 : | पुं० [सं० शिल्प+कन्] एक प्रकार का नाटक जिसमें इंद्रजाल तथा अध्यात्म संबंधी बातों का वर्णन रहता है। | 
			
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				| शिल्पकर					 : | पुं० [शिल्प√कृ (करना)+अच्] शिल्पकार। | 
			
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				| शिल्पकला					 : | स्त्री० [सं० ष० त० स०] शिल्प (दे०)। | 
			
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				| शिल्पकार					 : | पुं० [सं० शिल्प√कृ (करना)+अण्, उप० स०] १. शिल्पी। कारीगर। २. मकान बनाने वाला राज। मेमार। | 
			
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				| शिल्पकारी					 : | पुं० [सं० शिल्प√कृ (करना)+णिनि, शिल्पकारिन्]=शिल्पकार। स्त्री०=शिल्प। | 
			
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				| शिल्प-गृह					 : | पुं० [ष० त० स०] वह स्थान जहाँ शिल्प-संबंधी कोई कार्य होता हो। कारखाना। | 
			
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				| शिल्पज्ञ					 : | वि० पुं० [सं० शिल्प√ज्ञा (जाना)+क०] शिल्प जाननेवाला। | 
			
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				| शिल्पता					 : | स्त्री० [सं० शिल्प+तल्-टाप्] शिल्प का भाव या धर्म। शिल्पत्व। | 
			
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				| शिल्पत्व					 : | पुं० [सं० शिल्प+त्व]=शिल्पता। | 
			
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				| शिल्पप्रजापति					 : | पुं० [सं० मध्यम० स०] विश्वकर्मा का एक नाम। | 
			
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				| शिल्प-यंत्र					 : | पुं० [मध्य० स०] ऐसा यंत्र जिससे शिल्प सम्बन्धी काम होता या चीजें बनती हों। | 
			
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				| शिल्प-लिपि					 : | स्त्री० [सं० मध्यम० स०] पत्थर, ताँबे आदि पर अक्षर खोदने की कला। | 
			
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				| शिल्प-विद्या					 : | स्त्री० [ष० त०, स०] १. हाथ से तरह-तरह की चीजें बनाने की कला। २. गृह-निर्माण कला। मकान आदि बनाने की विद्या। | 
			
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				| शिल्प-विद्यालय					 : | पुं० [ष० त० स०] वह विद्यालय जिसमें अनेक प्रकार के शिल्प अर्थात् चीजें बनाने की कला सिखाई जाती हो। | 
			
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				| शिल्पशाला					 : | स्त्री० [सं० ष० त० स०] कारखाना। शिल्पगृह। | 
			
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				| शिल्पशास्त्र					 : | पुं० [सं० मध्यम० स०] १. वह शास्त्र जिसमें दस्तकारियों का विवेचन होता है। २. वास्तुशास्त्र। | 
			
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				| शिल्पिक					 : | पुं० [सं० शिल्प+इनि+कन्] १. वह जो शिल्प द्वारा निर्वाह करता हो। कारीगर। शिल्पी। २. शिव का एक नाम। ३. नाटक का शिल्पक नामक भेद। | 
			
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				| शिल्पिका					 : | स्त्री० [सं० शिल्पिक-टाप्] एक प्रकार का तृण जो ओषधि रूप में काम आता है। | 
			
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				| शिल्पिनी					 : | स्त्री० [सं० शिल्पिन्—ङीप् | 
			
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				| शिल्पी (ल्पिन्)					 : | पुं० [सं०] १. शिल्प संबंधी काम करनेवाला व्यक्ति। शिल्पकार। कारीगर। २. मेमर। राज। ३. चित्रकार। ४.नखी नामक गन्ध द्रव्य। | 
			
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