| शब्द का अर्थ | 
					
				| शिशिर					 : | पुं० १. माघ और फाल्गुन की ऋतु। २. शीतकाल। जाडा। ३. हिम। पाला। ४. विष्णु। ५. एक प्रकार का अस्त्र। ६. सूर्य। ७. लाल चन्दन। वि० [शश+किरच्-निपा] १. बहुत अधिक ठंडा। २. ठंढ से जमा हुआ। | 
			
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				| शिशिर-कर					 : | पुं० [ब० स०] चन्द्रमा। | 
			
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				| शिशिर-किरण					 : | पुं० [ब० स०] चन्द्रमा। | 
			
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				| शिशिरता					 : | स्त्री० [सं० शिशिर+तल्-टाप्] १. शिशिर का भाव या धर्म। २. बहुत अधिक सर्दी। | 
			
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				| शिशिर-मयूख					 : | पुं० [ब० स०] चन्द्रमा। | 
			
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				| शिशिर-रश्मि					 : | पुं० [ब० स०] चन्द्रमा। | 
			
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				| शिशिरांत					 : | पुं० [सं० ष० त० स० ब० स० वा] शिशिर ऋतु के अन्त में होनेवाली ऋतु अर्थात बसंत। | 
			
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				| शिशिरांशु					 : | पुं० [सं० ब० स०] चन्द्रमा। | 
			
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				| शिशिराक्ष					 : | पुं० [सं० ब० स०] पुराणानुसार एक पर्वत जो सुमेरु के पश्चिम में कहा गया है। | 
			
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