शब्द का अर्थ
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श्रृंखला :
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स्त्री० [सं० श्रृंखल-टाप्] १. एक दूसरी में पिरोई हुई बहुत सी कड़ियों का समूह। २. क्रम में आने या होनेवाली बहुत सी बातें, चीजें घटनाएँ आदि। (चेन उक्त दोनों अर्थों में) ३. एक प्रकार के कार्यो, वस्तुओं आदि का एक के बाद एक करके चलनेवाला क्रम। माला (सीरीज)। ४. कतार। श्रेणी। पंक्ति। ५. मेखला। ६. करधनी। ७. साहित्य में एक अलंकार जिसमें कहे हुए पदार्थों का क्रम से वर्णन किया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
श्रृंखला-बद्ध :
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वि० [सं० तृ० त० स०] १. जंजीर या सिक्कड़ से बँधा हुआ। २. जो श्रृंखला के रूप में किसी विशिष्ट क्रम से लगा हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
श्रृंखला :
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स्त्री० [सं० श्रृंख√ला+क, टाप्] १. एक दूसरी में पिरोई हुई बहुत सी कड़ियों की लड़ी। जंजीर। सिकड़ी। २. लगातार एक क्रम से आने या होनेवाली बहुत सी घटनाएँ चीजें बातें आदि। (चेन, उक्त दोनों अर्थों के लिए) ३. एक ही प्रकार के कार्यो, वस्तुओं आदि का एक के बाद एक करके चलनेवाला क्रम। माला (सीरीज़) जैसे—कार्य-श्रृंखला। ४. एक ही दिशा, रूप, विभाग आदि से कुछ दूर तक चलता रहनेवाला क्रम। माला। श्रेणी। (रेंज)। ५. क्रम। सिलसिला। ६. कमर में पहनने की करधनी। तागड़ी। ७. साहित्य में एक प्रकार का अलंकार जिसमें पहले क्रम से कुछ चीजें या बातें गिनाई जाती है, और तब उसी क्रम से उनका वर्णन किया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |