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			| शब्द का अर्थ |  
				| श्लेष-चित्र					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] १. साहित्य में ऐसा चित्र जिसमें स्पष्ट रूप से व्यक्त होनवाले भाव के सिवा कोई और भाव भी छिपा हो। जैसे—यदि कोई नायक कई नायिकाओं में से किसी एक नायिका पर रीझ कर अन्य नायिकाओं को भूल जाय और उससे चिढ़कर कोई मानिनी नायिका ऐसा चित्र अंकित कर जिसमें वह नायक कई कुमुदिनियों के बीच में से किसी एक कुमुदिनी का रस लेता हुआ दिखाई दे तो ऐसा चित्र श्लेष-चित्र कहा जायगा। २. दे० ‘कूट चित्र’। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |