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			| शब्द का अर्थ |  
				| षड़ानन					 : | वि० [सं० ब० स०] छः मुखोंवाला। जिसके छः मुँह हों। पुं० १. कार्तिकेय जिनके छः मुँह कहे गये हैं। २. संगीत में स्वर साधना की एक प्रणाली जो आरोही में इस प्रकार है-सा रे गम प ध रे ग म प ध नि, ग म प ध नि सा और अवरोही में इसके विपरीत है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |