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			| शब्द का अर्थ |  
				| संप्रयोग					 : | पुं० [सं० सम्-प्र√युज् (संयोग करना)+घञ्] १. जोड़ने या मिलाने की क्रिया या भाव। एक साथ करना। मिलाना। २. मेल। समागम। ३. मैथुन। संभोग। ४. उपयोग। प्रयोग। ५. ज्योतिष में किसी नक्षत्र के साथ चन्द्रमा का होने वाला योग। ६. इन्द्रजाल। जादूगरी। ७. उच्चाटन, मोहन, वशीकरण आदि का प्रयोग। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| संप्रयोगी (गिन्)					 : | पुं० [सं० संम्-प्र√युज् (संबंध करना)+घिनुण्, संप्रयोग+इनि वा] [स्त्री० संप्रयोगिनी] १. कामुक। लम्पट। २. ऐन्द्रजालिक। जादूगर। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |