| शब्द का अर्थ | 
					
				| समाहार					 : | पुं० [सं० सम-आ√हृ (हरण करना)+घञ्] १. बहुत सी चीज को एक जगह इकट्ठा करना। संग्रह। २. ढेर। राशि। ३. मिलन। मिलाप। | 
			
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				| समाहार-द्वंद्					 : | पुं० [सं० मध्यम० स०] व्याकरण में ऐसा द्वंद्व समास जिससे उसके पदों के अर्थ के सिवा कुछ और अर्थ भी सूचित होता है। जैसा—सेठ साहूकार, हाथ-पाँव, दाल-रोटी आदि। इनमें से प्रत्येक अपने पदों के अर्थ के सिवा उसी प्रकार वे कुछ और व्यक्तियों या पदार्थों का भी बोध कराता है। | 
			
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