बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन
प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
अथवा
"स्त्रातेजी की क्षितिज तो युद्ध तक ही सीमित है पर उच्चस्तरीय स्त्रातेजी युद्ध से परे बाद में आने वाली शान्ति पर ही दृष्टि रखती है।" महान स्त्रातेजी के क्षेत्र तथा विस्तार को ध्यान में रखते हुए उपर्युक्त कथन की समीक्षा कीजिये।
उत्तर-
महान स्त्रातेजी
(Great Grand Strategy)
महान स्त्रातेजी का अर्थ - किसी युद्ध को आरम्भ करने से पूर्व उसके बारे में एक व्यापक योजना बनाई जाती है जिसमें सैनिक, आर्थिक, राजनीतिक, तथा कूटनीतिक बातों के आधार पर तय किया जाता है कि शत्रु को किस प्रकार हराया जाये। इसमें केवल सैन्य शक्ति का ही सहारा नहीं लिया जाता है। वरन् शत्रु को हराने के लिये अनेक प्रकार के कार्य किये जाते हैं। उदाहरण के लिये शत्रु के नाके बन्दी समुद्री तट की ओर से भी की जा सकती है। इससे उसके आर्थिक व्यापार को नष्ट किया जा सकता है। इस प्रकार उसका अर्थतन्त्र अस्त-व्यस्त हो जाएगा तो उसे युद्ध में सरलतापूर्वक पराजय दी जा सकती है। मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में भी शत्रु को हानि पहुँचाने का कार्य किया जा सकता है। जो महान कूटनीति का एक अंग है। आर्थिक तथा मनोवैज्ञानिक क्षेत्रों के साथ-साथ कूटनीति कार्य भी इससे मदद करते हैं। यथा यदि शत्रु के आवागमन के साधनों को काट दिया जाये तो शत्रु को काफी हानि पहुँचायी जा सकती है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि समय शत्रु को हराने के लिये केवल सैनिक साधन ही हमारी सहायता नहीं, करते वरन् आर्थिक, मनोवैज्ञानिक, स्त्रातेजी आदि अनेक क्षेत्रतीय साधन भी प्रयोग में लाये जाते हैं। इसी को महान स्त्रातेजी कहा जाता है। महान स्त्रातेजी का लक्ष्य बड़ा व्यापक होता है। इससे राष्ट्र के सारे साधन तथा शक्तियों को इस ढंग से रखा जाता है कि जिससे राष्ट्र अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। जिसके कारण युद्ध हो रहा है।
जनरल आन्द्रोनि स्त्रातेजी को तीन भागों में विभाजित किया है-
1. सम्पूर्ण स्त्रातेजी (Total strategy)
2. समायोजित स्त्रातेजी (Over all strategy)
3. क्रियान्वित स्त्रातेजी (Operational strategy )
महान् स्त्रातेजी राजनीतिक सत्ता के प्रत्यक्ष निरीक्षण में काम करती है। इसका लक्ष्य होता है। सम्पूर्ण युद्ध को किस प्रकार संचालित किया जाये।" इसमें सरकारी अधिकारियों को अथक परिश्रम करना पड़ता है। जिसमें उच्च सैन्याधिकारी (Cheif of the staff) उच्चस्तर की सुरक्षा समितियों का निर्माण करता है। "
लिडिल हार्ट के शब्दों में, "स्त्रातेजी लड़ाकू शक्ति के यन्त्रों में से एक यन्त्र है। "
इस प्रकार महान स्त्रातेजी द्वारा सेनानायक अपनी कला का प्रदर्शन करता है। यह अपने महान उद्देश्य की प्राप्ति के लिये की जाती है ताकि युद्ध में विजय पाने के अपरान्त देश के नैतिक तथा आर्थिक स्तर को उठाया जा सके। यही कारण है कि एक शत्रु की महत्वाकांक्षा को कुंठित करने के लिये उस पर वित्तीय भार तथा व्यापारिक कूट योजनात्मक दबाव डाला जाता है। यह देखकर शत्रु शीघ्र ही आत्म-समर्पण के लिये तैयार हो जाता है। स्त्रातेजी बनाने वाले महान कूट नीतिज्ञ को समस्त देश की राजनीतिक व्यवस्था, आर्थिक व्यवस्था, सैन्य व्यवस्था को हानि न पहुँचा सके।
क्लाजविट्ज ने द्वितीय विश्व युद्ध के सम्बन्ध में लिखा है कि, "जर्मनी ने युद्ध नीति को निर्धारित करते समय भावी शक्ति को मस्तिष्क से निकाल दिया था। इसी कारण उसने अपनी अधांधुंध (Blindly ) शक्ति को युद्ध में झोंक दिया। उसके फलस्वरूप युद्ध में उसकी हार हुई।
श्यामलाल तथा मुखर्जी ने इस तथ्य को इन शब्दों में लिखा है कि, "युद्ध नीति का निर्धारण शक्ति प्राप्त करने के लक्ष्य को मस्तिष्क में रखकर किया जाना चाहिये। युद्ध का उद्देश्य शत्रु को नष्ट कर देना नहीं है बल्कि उसे अपना न्यूनतम नुकसान के साथ, आत्मसमर्पण के लिये विवश करना चाहिये। "
इस परिभाषा से यह स्पष्ट हो जाता है कि युद्ध नीति का निर्धारण शक्ति प्राप्त करने के लक्ष्य को मस्तिष्क में रखकर करना चाहिये।
स्त्रातेजी तथा महान स्त्रातेजी में अन्तर महान स्त्रातेजी तथा स्त्रातेजी में निम्नलिखित भेद है-
1. महान् स्त्रातेजी एक विस्तृत धारणा है। इसका लक्ष्य राष्ट्र द्वारा निर्धारित की गई युद्ध नीति को प्राप्त करना होता है। इसके विपरीत स्त्रातेजी एक सकुंचित धारणा है। इसका लक्ष्य केवल सैनिक साधनों को इस प्रकार से प्रयुक्त करना होता है कि सैनिक कार्य लक्ष्यपूर्ण किया जा सके।
2. स्त्रातेजी का सम्बन्ध केवल लड़ाई जीतने से ही होता है लेकिन महान स्त्रातेजी का लक्ष्य अधिक विस्तृत होता है। उसका लक्ष्य केवल सैनिक विजय प्राप्त करना ही नहीं होता वरन् उसका लक्ष्य यह भी होता है कि लड़ाई के बाद देश की अर्थिक, नैतिक तथा सैनिक स्थिति पहले से अच्छी हो। महान् स्त्रातेजी शत्रु के ऊपर सैनिक विजय के साथ-साथ क्षेत्रिय विजय भी प्राप्त करना चाहते हैं।
3. स्त्रातेजी महा- स्त्रातेजी के अन्तर्गत आती है। यह उस विस्तृत योजना का एक अंश होता है।
4. महान् स्त्रातेजी में केवल सैनिक साधन ही सम्मिलित नहीं होते, वरन् इसमें शत्रु को हराने वाले आर्थिक, मनोवैज्ञानिक आदि स्थान भी होते हैं, स्त्रातेजी में केवल सैनिक साधन ही होते हैं।
5. स्त्रातेजी सेनानायक (General) की कला होती है क्योंकि इसका सम्बन्ध केवल सैनिक बातों से ही होता है, जबकि महान स्त्रातेजी एक राजनीतिज्ञ की कला होती है क्योंकि इसका सम्बन्ध राष्ट्र के समस्त स्त्रोतों से होता है।
हिटलर स्त्रातेजी तथा महान स्त्रातेजी को एक समझता था परन्तु कुछ भूलों के कारण उसकी स्त्रातेजी विजय महान स्त्रातेजी हार में बदल गई।
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- प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
- प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
- प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
- प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
- प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
- प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
- प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
- प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
- प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
- प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
- प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
- प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
- प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।