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बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2644
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान

प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।

उत्तर-

बच्चों के भय के कारण

भय के निम्नलिखित कारण हैं-.

(i) व्यक्तिगत अप्रिय अनुभूतियाँ - प्राणी की व्यक्तिगत अप्रिय अनुभूतियाँ उसमें भय संवेग की उत्पत्ति करती हैं। जैसे आग से जल जाने पर व्यक्ति आग से डरने लगता है, डाक्टर सुई लगा देता है तो डाक्टर से डरने लगता है। स्कूल में यदि शिक्षक कठोर अनुशासन में रखते हैं तो स्कूल के नाम से डरने लगता है। अतः व्यक्तिगत अप्रिय अनुभवों से भय की उत्पत्ति होती है।

(ii) अनुकरण - जब बच्चे अपने माता-पिता तथा आस-पास रहने वाले अन्य व्यक्तियों को किसी विशेष वस्तु से डरने देखते हैं तो वे भी उन्हीं से डरने लगते हैं।

(iii) अतिरिक्त भय सम्बद्धता - जब किसी वस्तु परिस्थिति या जीव के साथ भयानक ध्वनि उत्पन्न की जाती है तो बालक उस वस्तु परिस्थिति या जीव से डरने लगता है। जैसे किसी जानवर अँधेरे स्थान या व्यक्ति के साथ भयानक ध्वनि उत्पन्न करके उसे बच्चे के सामने लाया जाता है तो वह भयानक ध्वनि और वस्तु का परस्पर सम्बन्ध जोड़ लेता है और डरने, लगता है।

उपर्युक्त तीन प्रमुख कारणों के अतिरिक्त और भी कई कारण हैं जो बालकों में भय की उत्पत्ति करते हैं -

1. बालकों में भय अप्रिय प्रसंगों से भी उत्पन्न होता है। अप्रिय प्रसंगों से तात्पर्य है बालक की किसी परिस्थिति या क्रिया या वस्तु विशेष को पसन्द न करना। जैसे कुछ बालक नहाने या स्कूल जाने से डरते हैं। अतः जैसे ही उन्हें स्कूल जाने या नहाने के लिए कहा जाता है वे भयभीत हो जाते हैं।

2. कठोर अनुशासन बालकों में भय उत्पन्न करता है। यदि परिवार या स्कूल में बालकों को कठोर अनुशासन में रखा जाता है तो उनमें असुरक्षा की भावना विकसित होती है। यह असुरक्षा की भावना भय उत्पन्न करती है।

3. बालकों की दुःखद अनुभूतियाँ उनमें भय की उत्पत्ति करती है। यदि बालक सीढ़ी से गिर जाता है तो सीढ़ी पर चढने में डरता है।

4. भूख, थकान तथा शारीरिक अस्वस्थता बालकों में भय उत्पन्न करती है।

5. प्रिय वस्तु का बिछुड़ना बालकों में भय उत्पन्न करता है।

6. बड़े बच्चों का भय काल्पनिक होता है। वे मृत्यु, भूत-प्रेत, काल्पनिक वस्तुओं आदि से डरते हैं।

7. बड़े बच्चों का जन्म क्रम भी भय संवेग को प्रभावित करता है। ऐसा देखा गया है कि पहले जन्मे बच्चे को अन्य बच्चों की तुलना में अधिक डर लगता है।

8. बालकों में असुरक्षा की भावना भय उत्पन्न करती है। जो बालक स्वयं किसी कारण से असुरक्षित महसूस करते हैं उनमें भय की भावना अधिक होती है।

9. उपर्युक्त सभी कारणों के अतिरिक्त बालक जानवरों, अँधेरे स्थान, ऊँचे स्थान, अनजान व्यक्ति, वस्तु और परिस्थिति, तीव्र ध्वनि आदि से डरते हैं।

10. सामाजिक तिरस्कार, प्रतिष्ठा हानि की भावना तथा दण्ड भी भय की उत्पत्ति में सहायक होता है।

भय संवेग की प्रत्येक अवस्था में पाया जाता है केवल अन्तर इतना है कि आयु वृद्धि के साथ-साथ इनके स्वरूप, तीव्रता तथा प्रदर्शन में अन्तर आता जाता है। बचपनावस्था पूर्व बाल्यावस्था तथा बाल्यावस्था तीनों ही अवस्थाओं में भय संवेग में बड़ी भिन्नता होती है। बचपनावस्था में अधिकांशतः बालक तीव्र ध्वनि से डरते हैं। इसके विपरीत बाल्यावस्था में वे जानवरों, अँधेरे स्थान तथा अकेलेपन तथा अपरिचित व्यक्तियों से डरते हैं परन्तु उत्तरबाल्यावस्था में बालकों का भय काल्पनिक वस्तुओं से सम्बन्धित हो जाता है जैसे वे भूत-प्रेत, मुर्दा तथा काल्पनिक वस्तुओं से अधिक डरने लगते हैं।

भय के स्वरूप और तीव्रता में भी आयु के अनुसार अन्तर पाया जाता है। आयु बढ़ने के साथ-साथ की तीव्रता में कमी आती जाती है। छोटे बालकों की तुलना में बड़े बालक शीघ्रता से रोते-चिल्लाते और भागते नहीं हैं।

जिन बालकों का सामाजिक समायोजन भली प्रकार नहीं हो पाता है वे बालक भी सामाजिक असुरक्षा के कारण भयभीत रहते हैं। इसके अतिरिक्त आत्म-विश्वासी और आत्म-निर्भर बालकों को भय कम होता है। दूसरे पर आश्रित रहने वाले बालक अधिक भयभीत रहते हैं। तीव्र बुद्धि बालक मन्दबुद्धि बालकों की तुलना में कम डरता है क्योंकि तीव्र बुद्धि वाला बालक वातावरण को शीघ्रता से समझकर सही मूल्याँकन कर लेता है।

भय संवेग की उत्पत्ति में यौन विभेद भी रहता है। ऐसा देखा गया है कि बालकों की तुलना में बालिकाएँ अधिक भयभीत रहती हैं।

भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय

1. बालक को भयामय स्थिति से दूर रखना चाहिए।

2. बालक जिस परिस्थिति या वस्तु से डरता है उस स्थिति में बालक को अकेले न छोड़ें। जैसे बालक एकान्त या अंधेरे से डरता है तो उसे अकेले या अंधेरे स्थान में न छोड़ें।

3. जिस वस्तु व्यक्ति या परिस्थिति से बालक डरता है तो उस बालक के सामने सुखद व रूचिकर रूप में बार-बार प्रस्तुत करना चाहिए। जिससे बालक उसके वास्तविक स्वरूप से परिचित हो जाये जैसे बालक बिल्ली या कुत्ते से डरता है तो माता-पिता को चाहिए कि वह कुत्ते-बिल्ली को अपनी गोद में बैठाकर धीरे-धीरे बालक के समीप लायें। ऐसा कई बार करने से बालक व्यक्तिगत अनुभव प्राप्त करेगा और उसका भय दूर हो जायेगा।

4. बालक को अनावश्यक रूप से भयभीत नहीं करना चाहिए।

5. बालक पर कठोर अनुशासन नहीं लगाना चाहिए क्योंकि कठोर अनुशासन से असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है और यह भावना भय की उत्पत्ति करती है।

6. बच्चों को भयामय कहानियाँ न सुनायें बल्कि वीरतापूर्वक कहानियाँ सुनाकर उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करें।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
  2. प्रश्न- आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  3. प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
  5. प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
  6. प्रश्न- "आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  7. प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  9. प्रश्न- सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार आयोजित करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
  10. प्रश्न- आहार द्वारा कुपोषण की दशा में प्रबन्ध कैसे करेंगी?
  11. प्रश्न- वृद्धावस्था में आहार को अति संक्षेप में समझाइए।
  12. प्रश्न- आहार में मेवों का क्या महत्व है?
  13. प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझती हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
  14. प्रश्न- वर्जित आहार पर टिप्पणी लिखिए।
  15. प्रश्न- शैशवावस्था में पोषण पर एक निबन्ध लिखिए।
  16. प्रश्न- शिशु के लिए स्तनपान का क्या महत्व है?
  17. प्रश्न- शिशु के सम्पूरक आहार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- किन परिस्थितियों में माँ को अपना दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए?
  19. प्रश्न- फार्मूला फीडिंग आयोजन पर एक लेख लिखिए।
  20. प्रश्न- 1-5 वर्ष के बालकों के शारीरिक विकास का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- 6 से 12 वर्ष के बालकों की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
  22. प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
  23. प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
  24. प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये।
  25. प्रश्न- एक सुपोषित बच्चे के लक्षण बताइए।
  26. प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- वृद्धावस्था की प्रमुख पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
  28. प्रश्न- एक वृद्ध के लिए आहार योजना बनाते समय आप किन बातों को ध्यान में रखेंगी?
  29. प्रश्न- वृद्धों के लिए कौन से आहार सम्बन्धी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है? वृद्धावस्था के लिए एक सन्तुलित आहार तालिका बनाइए।
  30. प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
  31. प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  32. प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिए एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन किन बातों का ध्यान रखेंगी?
  33. प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  34. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था क्या है? इसकी विशेषतायें बताइये।
  35. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था का क्या अर्थ है? मध्यावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- शारीरिक विकास का क्या तात्पर्य है? शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले करकों को समझाइये।
  37. प्रश्न- क्रियात्मक विकास का क्या अर्थ है? क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए एवं मध्य बाल्यावस्था में होने वाले क्रियात्मक विकास को समझाइये।
  38. प्रश्न- क्रियात्मक कौशलों के विकास का वर्णन करते हुए शारीरिक कौशलों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक विकास के लिए किन मानदण्डों की आवश्यकता होती है? सामाजिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
  41. प्रश्न- सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
  42. प्रश्न- बालक के सामाजिक विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- समाजीकरण से आप क्या समझती हैं? इसकी प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
  44. प्रश्न- सामाजिक विकास से क्या तात्पर्य है? इनकी विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- उत्तर बाल्यावस्था में सामाजिक विकास का क्या तात्पर्य है? उत्तर बाल्यावस्था की सामाजिक विकास की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  46. प्रश्न- संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ लिखिए एवं बालकों के संवेगों का क्या महत्व है?
  48. प्रश्न- बालकों के संवेग कितने प्रकार के होते हैं? बालक तथा प्रौढों के संवेगों में अन्तर बताइये।
  49. प्रश्न- संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
  51. प्रश्न- संज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए। संज्ञान के तत्व एवं संज्ञान की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है? इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं? वाणी एवं भाषा का क्या सम्बन्ध है? मानव जीवन के लिए भाषा का क्या महत्व है?
  54. प्रश्न- भाषा- विकास की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- भाषा-विकास से आप क्या समझती? भाषा-विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक लिखिए।
  56. प्रश्न- बच्चों में पाये जाने वाले भाषा सम्बन्धी दोष तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताइए।
  57. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
  58. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? बालक के भाषा विकास के प्रमुख स्तरों की व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- भाषा के दोष के प्रकारों, कारणों एवं दूर करने के उपाय लिखिए।
  60. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- सामाजिक बुद्धि का आशय स्पष्ट कीजिए।
  62. प्रश्न- 'सामाजीकरण की प्राथमिक प्रक्रियाएँ' पर टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- बच्चों में भय पर टिप्पणी कीजिए।
  64. प्रश्न- बाह्य शारीरिक परिवर्तन, संवेगात्मक अवस्थाओं को समझाइए।
  65. प्रश्न- संवेगात्मक अवस्था में होने वाले परिवर्तन क्या हैं?
  66. प्रश्न- संवेगों को नियन्त्रित करने की विधियाँ बताइए।
  67. प्रश्न- क्रोध एवं ईर्ष्या में अन्तर बताइये।
  68. प्रश्न- बालकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक संवेग पर टिप्पणी लिखिए।
  69. प्रश्न- भाषा विकास के अधिगम विकास का वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- भाषा विकास के मनोभाषिक सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- बालक के हकलाने के कारणों को बताएँ।
  72. प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भाषा दोष पर टिप्पणी लिखिए।
  74. प्रश्न- भाषा विकास के महत्व को समझाइये।
  75. प्रश्न- वयः सन्धि का क्या अर्थ है? वयः सन्धि अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) वयःसन्धि में लड़के लड़कियों में यौन सम्बन्धी परिपक्वता (b) वयःसन्धि में लैंगिक क्रिया-कलाप (e) वयःसन्धि में नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरूपयोग (d) वय: सन्धि में आहार सम्बन्धी आवश्यकताएँ।
  77. प्रश्न- यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- एच. आई. वी. वायरस क्या है? इससे होने वाला रोग, कारण, लक्षण एवं बचाव बताइये।
  79. प्रश्न- ड्रग और एल्कोहल एब्यूज डिसआर्डर क्या है? विस्तार से समझाइये।
  80. प्रश्न- किशोर गर्भावस्था क्या है? किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, किशोर गर्भावस्था से बचने के उपाय बताइये।
  81. प्रश्न- युवाओं में नशीले पदार्थ के सेवन की समस्या क्यों बढ़ रही है? इस आदत को कैसे रोका जा सकता है?
  82. प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता की परिभाषा लिखिए। किशोरावस्था में सृजनात्मक विकास कैसे होता है? समझाइये।
  84. प्रश्न- किशोरावस्था की परिभाषा देते हुये उसकी अवस्थाएँ लिखिए।
  85. प्रश्न- किशोरावस्था की विशेषताओं को विस्तार से समझाइये।
  86. प्रश्न- किशोरावस्था में यौन शिक्षा पर एक निबन्ध लिखिये।
  87. प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
  88. प्रश्न- किशोरावस्था क्या है? किशोरावस्था में विकास के लक्षण स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
  90. प्रश्न- प्रारम्भिक वयस्कावस्था में 'आत्म प्रेम' (Auto Emoticism ) को स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- किशोरावस्था से क्या आशय है?
  92. प्रश्न- किशोरावस्था में परिवर्तन से सम्बन्धित सिद्धान्त कौन से हैं?
  93. प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख सामाजिक समस्याएँ लिखिए।
  94. प्रश्न- आत्म की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
  95. प्रश्न- शारीरिक छवि की परिभाषा लिखिए।
  96. प्रश्न- प्राथमिक सेक्स की विशेषताएँ लिखिए।
  97. प्रश्न- किशोरावस्था के बौद्धिक विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  98. प्रश्न- सृजनात्मकता और बुद्धि में क्या सम्बन्ध है?
  99. प्रश्न- प्रौढ़ावस्था से आप क्या समझते हैं? प्रौढ़ावस्था में विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कावस्था के मानसिक लक्षणों पर प्रकाश डालिये।
  101. प्रश्न- वैवाहिक समायोजन से क्या तात्पर्य है? विवाह के पश्चात् स्त्री एवं पुरुष को कौन-कौन से मुख्य समायोजन करने पड़ते हैं?
  102. प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कतावस्था में सामाजिक विकास की विवेचना कीजिए।
  103. प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
  104. प्रश्न- वृद्धावस्था से क्या आशय है? संक्षेप में लिखिए।
  105. प्रश्न- वृद्धावस्था में संज्ञानात्मक सामर्थ्य एवं बौद्धिक पक्ष पर प्रकाश डालिए।
  106. प्रश्न- पूर्व प्रौढ़ावस्था की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिये।
  107. प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए?
  109. प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
  110. प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए।
  111. प्रश्न- उत्तर-वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।

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