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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2647
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- स्कीमा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?

अथवा
स्कीमा से आप क्या समझते हैं एवं स्कीमा किस प्रकार कार्य करता है? व्याख्या कीजिए।

उत्तर-

स्कीमा (Schema) - स्कीमा से तात्पर्य ब्राह्य वातावरण की वस्तुओं, उद्दीपकों, घटनाओं आदि के बारे में व्यक्ति का ज्ञान तथा उसके पूर्व कल्पनाओं से होता है। अतः स्कीमा ब्राह्य घटनाओं एवं वस्तुओं के बारे में व्यक्ति के मन में एक सामान्य योजना होता है। व्यक्ति में स्कीमा का विकास अनुभव के आधार पर होता है और यह एक तरह के मानसिक ढाँचे के समान होता है, जिसके माध्यम से व्यक्ति नयी सूचनाओं को संसाधित कर उसे मौजूद या वर्तमान सूचनाओं से सम्बन्धित करता है। एक बार स्कीमा का निर्णय हो जाने पर वे स्मृति में सूचनाओं के कूटसंकेतन, संचयन तथा पुनः प्राप्ति को काफी प्रभावित करते हैं। स्कीमा के द्वारा हम दुनिया के साथ अपनी बातचीत को आसान बनाने में मदद करते हैं। वस्तु व्यक्ति, सामाजिक घटना, भूमिका और स्वयं स्कीमा सहित कई प्रकार के स्कीमा हैं।

स्कीमा शब्द "जीन पियागेट 1923" द्वारा दिया गया जोकि एक विकास मनोवैज्ञानिक थे। पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास के एक चरण सिद्धान्त का प्रस्ताव रखा जिसमें स्कीमा को इसके प्रमुख घटकों में से एक के रूप में उपयोग किया गया। पियाजे ने स्कीमा को ज्ञान की बुनियादी इकाइयों के रूप में परिभाषित किया जो दुनिया के सभी पहलुओं से सम्बन्धित है। उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को सूचनाओं को समझने और उनकी व्याख्या करने में मदद करने के लिये उपयुक्त परिस्थितियों में मानसिक रूप से विभिन्न स्कीमाओं को लागू किया जाता है। पियाजे के लिये, संज्ञानात्मक विकास एक व्यक्ति पर अधिक स्कीमा प्राप्त करने और मौजूदा स्कीमा पर की गयी। पियाजे ने स्कीमा को ज्ञान की बुनियादी इकाई के रूप में परिभाषित किया जो दुनिया के सभी पहलुओं से सम्बन्धित है। पियाजे के लिये संज्ञानात्मक विकास एक व्यक्ति पर अधिक स्कीमा प्राप्त करने और मौजूदा स्कीमा की बारीकियों और जटिलता को बढ़ाने पर निर्भर करता है।

'फ्रेंडरिक बार्टलेंट 1932' ने स्कीमा की अवधारणा को बताया। इनके अनुसार, स्कीमा के कारण लोग अवधारणाओं को मानसिक निर्माण में व्यवस्थित करते हैं। स्कीमा लोगों को सूचनाओं को संसाधित करने और याद रखने में मदद करती है। जैसे जब कोई बच्चा छोटा होता है, तो वे कुत्ते के लिये एक स्कीमा विकसित करता है, कि कुत्ता चार पैरों वाला होता है, बालों वाला होता है, और उसकी पूँछ होती है। साथ-साथ बच्चा बड़ा होता है, जानवरों के बारे में और अधिक सीखता है तथा पशु स्कीमा विकसित करता है। अपने मौजूदा स्कीमा को जानवरों के बारे में सीखी गई किसी भी नई जानकारी को समायोजित करके संशोधित करता है। यह एक प्रक्रिया है जो सभी प्रकार के ज्ञान के लिये वयस्कता में जारी रहती है।

स्कीमा के प्रकार - स्कीमा के कई प्रकार हैं जो हमें अपने आस-पास की दुनिया को समझने में सहायता करते हैं, जिन लोगों के साथ हम बातचीत करते हैं और स्वयं को भी समझने में सहायता करते हैं। स्कीमा के प्रकारों में शामिल हैं

(1) आब्जेक्ट स्कीमा - जो हमें निर्जीव वस्तुओं को समझने और व्याख्या करने में मदद करते हैं, जिसमें विभिन्न वस्तुएँ क्या हैं और कैसे काम करती हैं। उदाहरण हमारे पास एक स्कीमा है कि एक दरवाजा है और उसका उपयोग कैसे करें।

(2) व्यक्ति स्कीमा - जो विशिष्ट लोगों को समझने में हमारी मदद करने के लिये बनाये गये हैं।

(3) सामाजिक योजनाएँ - जो हमें यह समझने में मदद करती हैं कि विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों में कैसे व्यवहार किया जाए। उदाहरण यदि कोई व्यक्ति मूवी देखने की योजना बना रहा है, तो उनकी मूवी स्कीमा उन्हें मूवी थियेटर में जाने पर अपेक्षित सामाजिक स्थिति के प्रकार की एक सामान्य समझ प्रदान करती है।

(4) ईवेट स्कीमा - जिसे स्क्रिप्ट भी कहा जाता है, जो किसी दिये गये ईवेंट के दौरान अपेक्षित क्रियाओं और व्यवहारों के अनुक्रम को शामिल करता है। जैसे कोई व्यक्ति फिल्म देखने जाता है, तो वे थियेटर जाने, सीट चुनने, फिल्म देखने और वापस आने का अनुमान लगाता है।

(5) स्व-स्कीमा - जो हमें स्वयं को समझने में सहायता करती है। वे इस बात पर ध्यान केन्द्रित करता है कि हम क्या जानते हैं कि हम अब कौन हैं, हम अतीत में कौन थे और भविष्य में कौन हो सकते हैं?

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र की व्याख्या करें।
  2. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
  3. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए। इसके अध्ययन की दो महत्वपूर्ण विधियों पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
  5. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
  6. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में सर्वेक्षण विधि के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  7. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में क्षेत्र अध्ययन विधि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार तथा गुण दोषों पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए। इसकी प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक विधियों की विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- अन्तर- सांस्कृतिक शोध विधि क्या है? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की आधुनिक विधियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के अध्ययन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- अर्ध-प्रयोगात्मक विधि का वर्णन कीजिये।
  14. प्रश्न- क्षेत्र अध्ययन विधि तथा प्रयोगशाला प्रयोग विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिये।
  15. प्रश्न- समाजमिति विधि के गुण-दोष बताइये।
  16. प्रश्न- निरीक्षण विधि पर टिप्पणी लिखिये।
  17. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसके स्वरूप को समझाइए।
  18. प्रश्न- प्रभावांकन के साधन की व्याख्या कीजिए तथा यह किस प्रकार व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण में सहायक है? स्पष्ट कीजिए।
  19. प्रश्न- दूसरे व्यक्तियों के बारे में हमारे मूल्यांकन पर उस व्यक्ति के व्यवहार का क्या प्रभाव पड़ता है? स्पष्ट कीजिए
  20. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण से आप क्या समझते हैं? यह जन्मजात है या अर्जित? विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- चित्रीकरण करना किसे कहते हैं?
  22. प्रश्न- अवचेतन प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  23. प्रश्न- सामाजिक प्रत्यक्षण पर संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ता है?
  24. प्रश्न- छवि निर्माण किसे कहते हैं?
  25. प्रश्न- आत्म प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  26. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षण में प्रत्यक्षणकर्ता के गुणों पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- प्रत्यक्षपरक सुरक्षा किसे कहते हैं?
  28. प्रश्न- सामाजिक अनुभूति क्या है? सामाजिक अनुभूति का विकास कैसे होता है?
  29. प्रश्न- स्कीमा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
  30. प्रश्न- सामाजिक संज्ञानात्मक के तहत स्कीमा निर्धारण की प्रक्रिया कैसी होती है? व्याख्या कीजिए।
  31. प्रश्न- बर्नार्ड वीनर के गुणारोपण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- केली के सह परिवर्तन गुणारोपण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- क्या स्कीमा स्मृति को प्रभावित करता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  34. प्रश्न- क्या सामाजिक अनुभूति में सांस्कृतिक मतभेद पाए जाते हैं?
  35. प्रश्न- स्कीम्स (Schemes) तथा स्कीमा (Schema) में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
  36. प्रश्न- मनोवृत्ति से आप क्या समझते हैं? इसके घटकों को स्पष्ट करते हुए इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  37. प्रश्न- अभिवृत्ति निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के उपायों का वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- मनोवृत्ति परिवर्तन में हाईडर के संतुलन सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  39. प्रश्न- संज्ञानात्मक अंसवादिता से आप क्या समझते हैं? फेसटिंगर ने किस तरह से इसके द्वारा मनोवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की?
  40. प्रश्न- मनोवृत्ति की परिभाषा दीजिए। क्या इसका मापन संभव है? अभिवृत्ति मापन की किसी एक विधि की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में लिकर्ट विधि का मूल्यांकन कीजिए।
  42. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में बोगार्डस विधि के महत्व का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन में शब्दार्थ विभेदक मापनी का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- अभिवृत्ति को परिभाषित कीजिए। अभिवृत्ति मापन की विधियों का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- मनोवृत्ति को परिभाषित कीजिए। मनोवृत्ति के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  46. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण क्या है? इसके स्वरूप तथा निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- अभिवृत्ति के क्या कार्य हैं? लिखिए।
  48. प्रश्न- अभिवृत्ति और प्रेरणाओं में अन्तर समझाइये।
  49. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन की कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।
  50. प्रश्न- थर्स्टन विधि तथा लिकर्ट विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  51. प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक पर प्रकाश डालिए।
  52. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण में वैयक्तिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  53. प्रश्न- “अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण होने का एक मुख्य आधार समानता है।" विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- क्या आक्रामकता जन्मजात होती है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- कुंठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  57. प्रश्न- क्या आक्रामकता सामाजिक रूप से एक सीखा गया व्यवहार होता है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  58. प्रश्न- आक्रामकता के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- कुंठा-आक्रामकता सिद्धान्त को बताइए।
  60. प्रश्न- आक्रामकता को उकसाने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए। अपने उत्तर के पक्ष में प्रयोगात्मक साक्ष्य भी दें।
  61. प्रश्न- मानवीय आक्रामकता के वैयक्तिक तथा सामाजिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- समाजोपकारी व्यवहार का अर्थ और इसके निर्धारकों पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- प्रतिसामाजिक व्यवहार का स्वरूप तथा विशेषताएँ बताइये।
  64. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के सामाजिक व सांस्कृतिक निर्धारक का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- परोपकारी व्यवहार को किस प्रकार उन्नत बनाया जा सकता है?
  66. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार किसे कहते हैं?
  67. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- अनुरूपता से क्या आशय है? अनुरूपता की प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए इसको प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
  69. प्रश्न- अनुरूपता के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- पूर्वाग्रह की उपयुक्त परिभाषा दीजिये तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। पूर्वाग्रह तथा विभेद में अन्तर बताइये।'
  71. प्रश्न- सामाजिक पूर्वाग्रहों की प्रवृत्ति की संक्षिप्त रूप में विवेचना कीजिए। इसके हानिकारक प्रभावों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है? उदाहरण देकर अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये।
  72. प्रश्न- पूर्वाग्रह कम करने की तकनीकें बताइए।
  73. प्रश्न- पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं एवं स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  75. प्रश्न- दर्शक प्रभाव किसे कहते हैं?
  76. प्रश्न- पूर्वाग्रह की प्रकृति एवं इसके संघटकों की विवेचना कीजिए।
  77. प्रश्न- पूर्वाग्रह के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- पूर्वाग्रह के नकारात्मक प्रभाव का वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- पूर्वाग्रह के विकास और सम्पोषण में निहित प्रमुख संज्ञानात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- पूर्वाग्रह एवं विभेदन को कम करने के लिये कुछ कार्यक्रमों की व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- समूह समग्रता से आप क्या समझते हैं? समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- समूह मानदंड क्या है? यह किस प्रकार से समूह के लिए कार्य करते हैं?
  83. प्रश्न- समूह भूमिका किस प्रकार अपने सदस्यों के लिए कार्य करती है? स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- निवैयक्तिकता से आप क्या समझते हैं? प्रयोगात्मक अध्ययनों से निवैयक्तिकता की प्रक्रिया पर किस तरह का प्रकाश पड़ता है?
  85. प्रश्न- “सामाजिक सरलीकरण समूह प्रभाव का प्रमुख साधन है। व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- “निर्वैयक्तिता में व्यक्ति अपनी आत्म- अवगतता खो देता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  87. प्रश्न- समूह के प्रकार बताइये।
  88. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए और इसे किस तरह से कम किया जा सकता है? विवेचना कीजिए।
  89. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  90. प्रश्न- समूह निर्णय पर टिप्पणी लिखिये।
  91. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन पर टिप्पणी लिखिये।
  92. प्रश्न- समूह की संरचना पर टिप्पणी लिखिये।

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