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बी.ए._बी.एस-सी._बी.कॉम. ( III सेमेस्टर) मानव मूल्य एवं पर्यावरण अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2654
आईएसबीएन :0

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बी.ए./बी.एस-सी./बी.कॉम. ( III सेमेस्टर)  मानव मूल्य एवं पर्यावरण अध्ययन

निजीकरण

'निजीकरण' शब्द का प्रयोग अनेक विचारों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इस संबंध में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण विचार है विराष्ट्रीयकरण (सार्वजनिक उद्यम के स्वामित्व को सरकार के हाथ से लेकर निजी हाथ में देने के अर्थ में)। एक दूसरा विचार है उदारीकरण तथा विनियमों को हटाना, जिनके फलस्वरूप प्रतियोगिता की शक्तियों को बल मिलता है। परंतु निजीकरण की संकल्पना का क्षेत्र बहुत अधिक व्यापक है, इस अर्थ में हम केवल यही नहीं देखते कि किसी • उद्यम का स्वामित्व किसके हाथ में है बल्कि यह भी देखते हैं कि किसी उद्यम को बाजार शक्तियों को अनुशासन में कहाँ तक लाया गया है। निजीकरण के अंतर्गत अनेक प्रकार की संभावनाएँ आ जाती हैं—इसके लिए एक छोर पर तो विराष्ट्रीयकरण है और दूसरे छोर पर बाजार का अनुशासन होता है। जिस प्रक्रिया में सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी को कुछ लोगों द्वारा अपने कब्जे में ले लिया जाता है, उसे निजीकरण कहा जाता है। कंपनी 'लिमिटेड' नाम छोड़कर अपने लास्ट नाम में 'प्राइवेट लिमिटेड' लिखना शुरू कर देती है।

निजीकरण का औचित्य - निम्नलिखित कारणों से निजीकरण का मुद्दा अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो गया है-

1. सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यमों (PSEs) की एकाधिकारी स्थिति के फलस्वरूप उनमें  अक्षमता आती है।
2. प्रतियोगिता के अभाव के कारण PSES के कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
3. PSES द्वारा संतोषजनक कार्य न करने का कारण नौकरशाही भी रही है। वह इन उद्यमों को कुशलतापूर्वक चला नहीं सकी।
4. यू. के. तथा यू. एस. ए. जैसे विकसित देशों में निजीकरण करके ESEs की पुन: संचरना करना आम बात हो गई है।
5. निजीकरण के संबंध में समस्त विश्व में बौद्धिक विचार-विमर्श तथा वाद-विवाद शुरू हुआ तथा लोकमत के दबाव का भी इस संबंध में प्रभाव पड़ा।
6. कुछ सहायता देने वाली एजेंसियों ने शर्त लगा दी कि वे सहायता तभी दे पाएँगी जब निजीकरण किया जाए। इससे निजीकरण की प्रक्रिया को बल मिला।
7. स्वयं PSEs के प्रबंधकों ने कुछ ऐसे सुझाव दिए कि निजीकरण के संबंध में विचार करना पड़ा।

निजीकरण से संबंधित समस्याएँ निजीकरण कोई सरल विकल्प नहीं है। इस संबंध में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं तथा उनका समाधान करना आसान कार्य नहीं होता। इनमें से कुछ प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं-

1. निजीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यमों (PSFs) का चयन
2. कर्मचारियों की ओर से विरोध
3. परिसंपत्तियों या इक्विटी का मूल्य निर्धारण
4. विनिवेश की मात्रा
5. विक्रय की विधि या प्राथमिकता
6. राजनैतिक अस्थिरता

ये समस्याएँ बहुत अधिक जटिल हैं तथा इनका समाधान ढूँढना आसान नहीं है। विदेशी निवेशकों को अनुमति देने के संबंध में निर्णय लेना, विशेषतः उपभोक्ता वस्तु क्षेत्रक में, बहुत कठिन कार्य होता है।

विनिवेश किसके पक्ष में किया जाए? वित्तीय संस्थाओं के पक्ष में किया जाए या सामान्य जनता के बीच बेच दिया जाए। प्रबंधकीय नियंत्रण यदि सरकार अपने हाथ में रखती है तो कार्यकुशलता में सुधार लाना संदेहास्पद होगा। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि राजनैतिक विचारों के कारण निजीकरण की नीति को विपरीत मोड़ दिया जाएगा। कर्मचारियों के संगठन निजीकरण और विनिवेश समिति के विरोध में दबाव बनाए हुए हैं।

भारत में सामूहिक रूप से निजीकरण के संबंध में बहस तो अभी भी चल रही है, फिर भी सरकार ने इस संबंध में कार्य करना शुरू कर दिया है, क्योंकि महसूस किया जाता है कि ऐसा किए बिना अर्थव्यवस्था की उदारीकरण और बाजारीकरण की गति उत्कृष्ट अवस्था ( take of stage) को प्राप्त नहीं कर पाएगी। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं : (i) इस्पात, दूरसंचार, विद्युत, एयर लाइनों, बंदरगाहों आदि कोर क्षेत्रकों में निजी कंपनी क्षेत्रक का प्रवेश होने देना, (ii) सार्वजनिक उद्यमों को और अधिक बजट सहायता न देना, (iii) अभिज्ञात सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यमों (identified PSUs) में जनता को इक्विटी जारी करना और (iv) अभिज्ञात PSUs को पूरी तरह से बेच देना। निजीकरण के संबंध में जैसे-जैसे प्रगति होती है, वैसे-वैसे इस संबंध में एक व्यापक नीति बनाने की आवश्यकता हो जाती है।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय-1 मानव मूल्य (Human Values) पाठ्य सामग्री
  2. मूल्यों के प्रकार
  3. भारतीय संस्था में विकसित मूल्य
  4. उद्यम प्रबन्धन में मूल्य
  5. पेशे के प्रति वफादारी की श्रेणियाँ
  6. पेशे के प्रति वफादारी के मूल्य के सिद्धान्त
  7. समाज कार्य पेशे के प्रति निष्ठा का पालन
  8. प्रबन्धन में सांस्कृतिक मानवीय मूल्य
  9. दर्शन
  10. सांस्कृतिक मूल्य
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञांत कीजिए।
  12. अध्याय - 2 चरित्र निर्माण में स्वामी विवेकानन्द के सिद्धान्त (The Principles of Swami Vivekanand in Character Building) पाठ्य सामग्री
  13. भारत के युवाओं के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
  14. सात पापों की गाँधीवादी अवधारणा
  15. अहिंसा का दर्शन और गाँधी
  16. माता-पिता तथा अध्यापकों की भूमिका के प्रति डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम के विचार
  17. माता-पिता तथा शिक्षक की भूमिका के प्रति APJ अब्दुल कलाम के विचार
  18. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  19. अध्याय - 3 मानव मूल्य और वर्तमानव्यवहार-मुद्दे : भ्रष्टाचार एवं रिश्वत (Human Values and Present Behaviour Issues: Corruption and Bribe) पाठ्य सामग्री
  20. भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव
  21. भ्रष्टाचार व असमानता
  22. विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार
  23. संचार माध्यमों (मीडिया) का भ्रष्टाचार
  24. चुनाव सम्बन्धी भ्रष्टाचार
  25. नौकरशाही का भ्रष्टाचार
  26. कॉरपोरेट भ्रष्टाचार
  27. शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार
  28. विविध भ्रष्टाचार
  29. भ्रष्टाचार और स्विस बैंक
  30. समाधान
  31. रिश्वत
  32. सामाजिक नेटवर्क एवं संचार में व्यक्तिगत नीति
  33. विशिष्ट संरचना
  34. ऑनलाइन शॉपिंग
  35. यूनाइटेड किंगडम का रिश्वत अधिनियम
  36. सामान्य रिश्वतखोरी अपराध
  37. विदेशी सरकारी अधिकारियों की रिश्वत
  38. अभियोजन और दंड
  39. अन्य प्रावधान
  40. रिश्वत अधिनियम का अनुपालन
  41. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  42. अध्याय - 4 नीतिशास्त्र के सिद्धान्त (Principles of Ethics) पाठ्य सामग्री
  43. महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ
  44. नीतिशास्त्र के प्रमुख सिद्धान्त
  45. आध्यात्मिक मूल्य
  46. भारत में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ
  47. निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate social responsibility या "CSR" )
  48. रतन नवल टाटा
  49. अजीम हाशिम प्रेमजी
  50. बिल गेट्स
  51. माइक्रोसॉफ्ट
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  53. अध्याय - 5 निर्णय निर्माण में धार्मिकता (Holistic Approach in Decision Making) पाठ्य सामग्री
  54. समस्या का विश्लेषण करने के तरीके
  55. श्रीमद्भगवत् गीता : प्रबंधन में तकनीक (The Bhagwat Gita : Techniques in Management)
  56. धर्म एवं जीवन प्रबंधन
  57. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  58. अध्याय - 6 चर्चा द्वारा दुविधाओं की व्याख्या (Elaboration of Dilemmas through Discussion) पाठ्य सामग्री
  59. विपणन संगठन : अर्थ व उद्देश्य
  60. मार्केटिंग की दुविधा
  61. भारतीय दवा उद्योग
  62. जेनेरिक दवा (Generic Drug)
  63. निजीकरण में दुविधा (Dilemma of Privatisation)
  64. सार्वजनिक उद्यमों द्वारा संतोषजनक कार्य न करने के कारण
  65. निजीकरण
  66. उदारीकरण में दुविधा (Dilemma on Liberalisation)
  67. भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण का प्रभाव
  68. सोशल मीडिया एवं साइबर सुरक्षा में दुविधा (Dilemmas in Social Media and Cyber Security)
  69. सोशल मीडिया और भारत
  70. सोशल मीडिया से जुड़ी समस्याएँ
  71. सोशल मीडिया और निजता का मुद्दा
  72. साइबर सुरक्षा दृष्टिकोण के समक्ष समस्याएँ
  73. साइबर सुरक्षा की दिशा में किये गए सरकार के प्रयास
  74. जैविक खाद्य पदार्थों की दुविधा (Dilemma on Organie Food)
  75. खाद्य मानक का महत्त्व
  76. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  77. अध्याय - 7 पारितन्त्र (Ecosystem) पाठ्य सामग्री
  78. पारितन्त्र की संरचना एवं कार्य प्रणाली (Structure and Functioning of Ecosystem)
  79. आहार श्रृंखला (Food Chain)
  80. खाद्य जाल (Food Web)
  81. ऊर्जा प्रवाह (Energy Flow)
  82. पारिस्थितिक पिरामिड (Ecological Pyramids)
  83. जैव विविधता का संरक्षण (Conservation of Biodiversity)
  84. जर्मप्लाज्म बैंक अथवा जीन बैंक (Germplasm Bank or Gene Bank)
  85. स्वस्थानें एवं उत्स्थाने संरक्षण (In situ conservation & Ex-situ Conservation of Biodiversity)
  86. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  87. अध्याय - 8 व्यक्ति विशेष की प्रदूषण नियंत्रण में भूमिका (Role of Individual in Pollution Control) पाठ्य सामग्री
  88. जनसंख्या एवं पर्यावरण Population & Environment)
  89. दीर्घकालिक या ठोस विकास (Sustainable Development)
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  91. अध्याय - 9 भारत एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य (Sustainable Development Goals of India and UN) पाठ्य सामग्री
  92. यूएनडीपी की भूमिका
  93. सर्कुलर अर्थव्यवस्था की अवधारणा एवं उद्योग उपक्रम (Concept of circular economy and entrepreneurship)
  94. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  95. अध्याय - 10 पर्यावरणीय नियम (Environmental Laws) पाठ्य सामग्री
  96. वन अधिकार अधिनियम 2006
  97. स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार
  98. पर्यावरणीय संरक्षण में अन्तर्राष्ट्रीय उन्नति (International Advancement in Environmental Conservation)
  99. वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF)
  100. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal)
  101. NGT के महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक निर्णय
  102. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  103. अध्याय - 11 हवा की गुणवत्ता (Quality of Air) पाठ्य सामग्री
  104. संयुक्त राष्ट्र की रिर्पोट के अनुसार
  105. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
  106. वायु गुणवत्ता सूचकांक
  107. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
  108. भारतीय परम्परागत पर्यावरणीय ज्ञान का महत्त्व (Importance of Indian Traditional knowledge on Environment)
  109. पर्यावरणीय गुणवत्ता का जैव मूल्यांकन (Bio Assessment of Environmental Quality)
  110. पर्यावरण का क्षेत्र
  111. पर्यावरण का महत्त्व
  112. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  113. अध्याय - 12 पर्यावरण प्रबन्धन (Environment Management) पाठ्य सामग्री
  114. पर्यावरण प्रबंधन की प्रणालियाँ
  115. पर्यावरण आकलन का महत्त्व (Importance of Environment Assessment )
  116. पर्यावरणीय प्रभाव आकलन के उद्देश्य
  117. भारत में पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन
  118. पर्यावरणीय ऑडिट (Environmental Audit)
  119. पर्यावरण ऑडिट कितने प्रकार के होते हैं?
  120. पर्यावरण लेखा परीक्षा के लाभ
  121. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।

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