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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2657
आईएसबीएन :0

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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

प्रश्न- राइबोन्यूक्लिक अम्लों की रचना का वर्णन कीजिए तथा इसके जैविक एवं जैव-रासायनिक महत्व पर प्रकाश डालिए।

अथवा
आर. एन. ए. की संरचना का वर्णन कीजिए। कोशिका में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के आर. एन. ए. का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. RNA के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
2. tRNA तथा m- RNA की विशेषताओं को लिखिए।
3. t - RNA पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
4. राइबोन्यूक्लिक एसिड (आर.एन.ए.) पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर -

राइबोन्यूक्लिक अम्ल
(Ribonucleic Acid)

राइबोन्यूक्लिक अम्ल राइबोन्यूक्लिओटाइड के बहुलक होते हैं जो एक लम्बे अशाखित पॉलीन्यूक्लिओटाइड अणु के रूप में कोशिकाओं में पाये जाते हैं। ये केन्द्रक के अतिरिक्त कोशा द्रव्य में अत्यधिक मात्रा में पाये जाते हैं। यह कुछ जीवाणुओं तथा विषाणुओं में प्रमुख आनुवंशिक पदार्थ के रूप में पाये जाते है लेकिन यूकैरियोटिक कोशाओं में ये आनुवंशिक पदार्थ का कार्य न करके प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करते हैं। आर. एन. ए. में चार प्रकार के न्यूक्लिओटाइड पाये जाते हैं जिनका निर्माण निम्न प्रकार होता है

(i) राइबोस शर्करा - ये पाँच कार्बनिक शर्करा होती है जिसमें 2 तथा 3 कार्बन पर - OH समूह पाया जाता है।
(ii) फॉस्फोरिक अम्ल (H3PO4)
(iii) नाइट्रोजन क्षार (पिरीमिडीन्स तथा प्यूरीन्स)
             ↓                                 ↓
      यूरेसिल                         एडिनीन
     साइटोसिन                     ग्वानीन

 

संरचना
(Structure)

(i) RNA अणु एक लम्बी अशाखित पॉलीन्यूक्लिओटाइड श्रृंखला की बनी एक सूत्रीय रचना है। इसका यह सूत्र स्वयं ही वलित होकर कुण्डली बनाता हैं।
(ii) RNA अणु की पॉलीमर श्रृंखला भी हजारों न्यूक्लिओटाइड्स से मिलकर बनी होती है जो एक रैखिक क्रम में 3' -5' फॉस्फोडाइएस्टर बन्धों द्वारा एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।
(iii) RNA के न्यूक्लिओटाइड्स में राइबोस पेण्टोज शर्करा होती है। इस कारण RNA न्यूक्लिओसाइड्स को राइबोन्यूक्लिओसाइड्स तथा इसके न्यूक्लिओटाइड्स को राइबोन्यूक्लिओटाइड्स कहते हैं।
(iv) RNA में चार प्रकार के नाइट्रोजन क्षार A (एडिनीन) G (ग्वानीन) C (साइटोसिन) तथा U (यूरेसिल) पाये जाते हैं।
(v) RNA में A/U = G / C = 1 का अनुपात नहीं पाया जाता है।

आर. एन. ए. के प्रकार (Types of RNA) - सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओं में तीन प्रकार के आर.एन.ए. पाये जाते हैं— (i) संदेशवाहक आर. एन. ए. (messenger RNA), (ii) राइबोसोमल आर. एन. ए. (Ribosomal RNA) तथा (iii) स्थानान्तरण आर. एन. ए. (Transfer RNA)।

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राइबोज शर्करा का अणु तथा RNA का एक राइबोन्यूक्लिओटाइड

1. संदेशवाहक आर.एन.ए. (Messenger RNA mRNA) - इसे केन्द्रकीय RNA भी कहते हैं। यह कोशिका के कुल RNA का 10 प्रतिशत भाग बनाता है। इसका जीवन काल अल्प होता है तथा DNA के एक स्ट्रेण्ड को टेम्पलेट बनाकर RNA पॉलीमरेज विकर की उपस्थिति में mRNA का निर्माण होता है। यह DNA से आनुवंशिक निर्देश प्राप्त करके जीवद्रव्य में राइबोसोम तक पहुँचता है। इसी कारण जैकब तथा मोनाड (Jacob and Monod) ने 1951 में इसे मैसेन्जर RNA का नाम दिया।

mRNA में क्षारों के विन्यास का क्रम DNA के उस भाग के समान होता है जिसकी प्रतिकृति के रूप में यह बनता है। mRNA में DNA थायमीन के स्थान पर यूरेसिल होता है।

यह प्रोटीन संश्लेषण में विभिन्न अमीनो अम्लों के परस्पर संयोजन के लिए फर्मे (template) का कार्य करता है। mRNA का अणु अत्यन्त विषमांगी (heterogenous) होता है क्योंकि इसके अणुओं के आकार तथा आणविक भार में विभिन्नता होती हैं। सिस्ट्रान्स की संख्या के आधार पर m RNA दो प्रकार के होते हैं.

(i) मोनोसिस्ट्रोनिक mRNA (Monocistronic mRNA) - इनमें केवल एक सिस्ट्रॉन के कोडॉन होतें है। यह प्रोटीन के केवल एक अणु का संश्लेषण करता है।
(ii) पॉलीसिस्ट्रोनिक mRNA (Polycistronic mRNA) - इसमें एक से अधिक सिस्ट्रॉन के कोडॉन होते हैं। ये एक से अधिक प्रोटीन श्रृंखलाओं का संश्लेषण करते है।

2. राइबोसोमल आर. एन. ए. (Ribosomal RNA rRNA) - यह राइबोसोम का प्रमुख घटक है एवं कोशिका के पूर्ण RNA का 80 प्रतिशत भाग बनाता है। इसका जीवात्जनन केन्द्रक में होता है जो स्थिर होता है। यूकैरिओटिक कोशिकाओं में RNA, 28S, 18S एव kg 5S के रूप में तथा प्रोकैरिओटिक कोशिकाओं में 235 तथा 16S के रूप में होता है। 288 राइबोसोम RNA, राइबोसोम की 60S उपइकाई (subunit) में होता है तथा इसका आणविक भार 1.8 x 106 डाल्टन होता है। 18S RNA, 40S उपइकाई में मिलता है एवं इसका आणविक भार 0.8 x 106 डाल्टन होता है। rRNA का लगभग 60 प्रतिशत भाग कुण्डलित होता है। परन्तु इनका विन्यास DNA से भिन्न होता है।

5S RNA में अधिकांशतः 12 न्यूक्लिओटाइड होते हैं और यह राइबोसोम की 60S इकाई में पाया जाता है। प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं के 23S RNA, 50S उपइकाई में पाये जाते हैं तथा इनका आणविक भार 1.2 x 106 डाल्टन होता है तथा 18S RNA जोकि 30S उपइकाई में पाये जाते हैं का आणविक भार 0.6 x 106 डाल्टन होता है।

3. स्थानान्तरित या ट्रान्सफर आर. एन. ए. (Transfer RNA- tRNA) - स्थानान्तरिक RNA छोटे अणुओं का बना होता है। ये कोशिका के कोशाद्रव्य में पाये जाते हैं। इसे विलेय RNA (soluble RNA) भी कहते हैं। इसका आणविक भार mRNA से कम होता है। mRNA की तरह इसकी उत्पत्ति भी केन्द्रक में होती है जिसके फलस्वरूप यह कोशिकाद्रव्य में भेज दिया जाता है। ये mRNA पर स्थित कोडॉन का अनुलेखन करते हैं तथा बीस अमीनो अम्लों के साथ बन्धुता रखते हैं। tRNA अमीनो अम्लों से जुड़कर उन्हें प्रोटीन संश्लेषण वाले स्थान तक पहुँचा देते हैं। इनका भार कोशिका में पाये जाने वाले RNA के कुल भार का 10-15% होता है। सर्वप्रथम होगलैण्ड (Hogland) ने इसकी खोज कोशाद्रव्य में की थी।

संरचना (Structure) - प्रत्येक tRNA अणु में चार विशिष्ट स्थल होते हैं। इन्हें रोमन अंकों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है.

I स्थल अमीनो एसिड से संयोजन स्थल को दर्शाता है।
II स्थल अमीनो अम्ल उत्प्रेरक विकर की पहचान अथवा अभिज्ञान के विशिष्ट स्थल को प्रदर्शित करता है।
III स्थल कोडॉन को अभिज्ञात करने का स्थल है।
IVस्थल राइबोसोम को अभिज्ञात करने का स्थल है।

tRNA आनुवंशिक कूट (genetic code) की व्याख्या करने का कार्य करते हैं। वास्तव में DNA के संदेश को जो प्रकूटों (codons) के रूप में अभिव्यक्त होते हैं, tRNA पढ़ता है। प्रकूट जिन अमीनो अम्लों को विशिष्टित करता है tRNA उसे पहचानने का कार्य तथा विशिष्ट अमीनो अम्लों को ग्रहण करके पॉलीपेप्टाइ श्रृंखला बनाने में सहायता करता है। कोशिका में लगभग 60 विभिन्न प्रकार के tRNA अणु होते हैं।

ये एकल स्ट्रैण्ड के बने होते हैं, लेकिन कहीं-कहीं पूरक युग्मन के कारण मुड़कर स्वयं के ऊपर कुण्डिलत हो जाता है तथा इसका स्वरूप क्लोवर पर्ण प्रतिरूप (clover leaf model) कहलाता है। अत्यधिक कुण्डलित होने के कारण यह 5' सिरे से श्होकर 3' सिरे पर समाप्त होता है। इसके 5' सिरे पर ग्वानीन स्थित होता है तथा 3' सिरे पर सदैव साइटोसीन साइटोसीन - एडीनीन (CCA) का अनुक्रम होता है। प्रत्येक tRNA अणु पर चार विभिन्न क्षेत्र होते हैं जो निम्न प्रकार हैं-

(i) अमीनो अम्ल संलग्न स्थल (Amino Acid Attachment Site) - यह स्थल समस्त tRNA अणुओं में पाया जाता है। यह tRNA के अणु का सबसे विशिष्ट क्षेत्र है क्योंकि इसमें तीन अयुग्मित क्षार होते हैं जिनका अनुक्रम mRNA के विशिष्ट कोडॉन के साथ tRNA के युग्मन को निर्धारित करता है।

(ii) अभिज्ञान स्थल (Recognition Site) - इसमें एक विशिष्ट क्षार अनुक्रम होता है -जो tRNA अणु में उपयुक्त अमीनो अम्लों के संलग्न संयोजन का निर्देशन करता है। इसे डाइहाइड्रॉक्सी यूरिडीन भुजा (dihydroxyuridine arm DHUarm) कहते हैं। यह अमीनो अम्ल उत्प्रेरक विकर को अभिज्ञात करने के विशिष्ट स्थल को निरूपित करता है।

(iii) एन्टीकोडॉन या कोडॉन का अभिज्ञान स्थल (Anticodon or Codon Recognition Site) - इस स्थल पर तीन अयुग्मित क्षार होते हैं। इनका अनुक्रम mRNA में स्थित कोडॉन का पूरक होता है। अतः यह mRNA के विशिष्ट कोडॉन के साथ tRNA के युग्मन को निर्धारित करता है। इसलिए यह tRNA अणु का सर्वाधिक विशिष्ट क्षेत्र है।

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ट्रान्सफर आर. एन. ए. (tRNA) की संरचना

(iv) राइबोसोम के अभिज्ञान का स्थल (Ribosome Recognition Site) - यह स्थल सभी tRNA अणुओं में सर्वाधिक रूप में पाया जाता है। प्रोटीन संश्लेषण के समय tRNA इस स्थल द्वारा राइबोसोम से जुड़ता है।

tRNA अणु की दोनों भुजाओं के कुछ क्षार अन्तरअणुक क्षारयुग्मन (intermolecular base pairing) प्रदर्शित करते हैं। RNA के सामान्य क्षारों के अतिरिक्त प्रत्येक tRNA अणु में अनेक असामान्य क्षार जैसे स्यूडोयूरिडीन (pseudouridine), मिथाइल ग्वानीन इत्यादि भी होते हैं।

स्थानान्तरित आर. एन. ए. का संश्लेषण (Synthesis of tRNA) - tRNA के अणु DNA के विशिष्ट स्थलों पर संश्लेषित होते हैं। प्रारम्भ में प्रत्येक RNA अणु DNA में स्थित अपने विशिष्ट सिस्ट्रॉन (cistron) के संगठन एवं अनुक्रम में पूरकता प्रदर्शित करता है। DNA से पूर्ण tRNA अणु के अनुलेखन के बाद कुछ विशिष्ट बिन्दुओं पर नाइट्रोजन क्षार विकर प्रक्रिया के द्वारा परिवर्तित हो जाते हैं।

आर. एन. ए. का जैविक महत्व
(Biological Importance of RNA)

(i) कुछ जीवाणु तथा विषाणुओं में RNA आनुवंशिक पदार्थ का कार्य करता है।
(ii) mRNA प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करता है।
(iii) t- RNA अमीनो अम्ल के स्थानान्तरण में सहायता करता है।
(iv) r- RNA कुछ प्रोटीन के साथ मिलकर राइबोसोम का निर्माण करते हैं।
(v) ये केन्द्रक तथा कोशाद्रव्य के बीच रचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कोशा कला की सूक्ष्म संरचना जानने के लिए सिंगर और निकोल्सन की तरल मोजैक विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- कोशिका सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? प्राणि कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए तथा पाँच कोशिका उपांगों के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- निम्नलिखित वैज्ञानिकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) एन्टोनी वान ल्यूवेन हॉक (ii) श्लीडेन तथा श्वान्स
  4. प्रश्न- अन्तरकोशिकीय संचार या कोशिका कोशिका अन्तर्क्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
  5. प्रश्न- कोशिका-एडहेसन का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) माइक्रोट्यूब्ल्स (ii) माइक्रोफिलामेन्टस (iii) इन्टरमीडिएट फिलामेन्ट
  7. प्रश्न- माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की संरचना तथा कार्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  9. प्रश्न- राइबोसोम की संरचना एवं कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- परऑक्सीसोम पर टिप्पणी लिखिए।
  11. प्रश्न- वेंकटरमन रामाकृष्णन पर टिप्पणी लिखिए।
  12. प्रश्न- बाह्य प्रोटीन और समाकल प्रोटीन कोशिका कला की पारगम्यता को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  13. प्रश्न- हरितलवक और माइटोकॉण्ड्रिया में मिलने वाले समान लक्षणों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- परॉक्सीसोम किन कोशिकांगों के साथ मिलकर प्रकाशीय श्वसन (फोटोरेस्पिरेशन) की क्रिया सम्पन्न करता है? प्रकाशीय श्वसन के जैविक कार्यों की समीक्षा प्रस्तुत कीजिए।
  15. प्रश्न- केन्द्रक की संरचना का चित्र सहित वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- उपयुक्त आरेखों के साथ गुणसूत्र आकारिकी व परासंरचना का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- “गुणसूत्रों की विशेष किस्में” विषय पर एक निबन्ध लिखिए।
  18. प्रश्न- न्यूक्लिक अम्ल क्या होते हैं? डी.एन.ए. की संरचना तथा प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- वाट्सन तथा क्रिक के द्वारा प्रस्तुत डी. एन. ए. की संरचना का वर्णन कीजिए तथा डी. एन. ए. के विभिन्न प्रकार बताइए।
  20. प्रश्न- राइबोन्यूक्लिक अम्लों की रचना का वर्णन कीजिए तथा इसके जैविक एवं जैव-रासायनिक महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- मेसेल्सन एवं स्टेहल के उस प्रयोग का वर्णन कीजिए जो अर्द्ध-संरक्षी डी. एन. ए. पुनरावृत्ति को प्रदर्शित करता है।
  22. प्रश्न- जेनेटिक कोड पर टिप्पणी लिखिए।
  23. प्रश्न- गुणसूत्रों की रचना एवं प्रकार का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- न्यूक्लिओसोम का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  26. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- सेण्ट्रोसोम की परिभाषा लिखिए।
  28. प्रश्न- क्रोमेटिन के प्रकारों को बताते हुए हेटेरोक्रोमेटिन को विस्तार से समझाइये।
  29. प्रश्न- किसी एक प्रायोगिक साक्ष्य द्वारा सिद्ध कीजिये कि डी.एन.ए. ही आनुवांशिक तत्व है।
  30. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- B गुणसूत्र का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- डी.एन.ए. और आर.एन.ए. में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  33. प्रश्न- RNA कौन-सा आनुवंशिक कार्य DNA की तरह पूरा करता है?
  34. प्रश्न- नीरेनबर्ग तथा एच.जी.खोराना के योगदान का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- क्या RNA का एक स्ट्रेण्ड दूसरा स्ट्रेण्ड संश्लेषित कर सकता है?
  36. प्रश्न- DNA की संरचना फॉस्फोरिक एसिड, पेन्टोज शर्करा तथा नत्रजन क्षार से होती है। इसके वस्तुतः आनुवंशिक तत्व कौन से हैं?
  37. प्रश्न- वाटसन एण्ड क्रिक पर टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- DNA की पुनरावृत्ति में सहायक एन्जाइमों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- कोशिका चक्र से आप क्या समझते हैं? इण्टरफेज में पायी जाने वाली कोशिका चक्र की विभिन्न प्रावस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- समसूत्री कोशिका विभाजन का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए तथा समसूत्री के महत्व पर एक टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन का सविस्तार वर्णन कीजिए तथा इसके महत्व का उल्लेख कीजिए।
  42. प्रश्न- समसूत्री तथा अर्धसूत्री विभाजन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- एक संकर संकरण क्या है? कम से कम दो उदाहरणों को बताइए।
  44. प्रश्न- स्वतन्त्र अपव्यूहन के नियम को समझाइए।
  45. प्रश्न- एक उपयुक्त उदाहरण देते हुए अपूर्ण प्रभाविकता पर एक टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- जन्तुओं में लिंग निर्धारण की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- मानव में लिंग निर्धारण कैसे होता है?
  48. प्रश्न- लिंग निर्धारण में प्राकृतिक कारकों के प्रभाव का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- वंशानुगत तथा आनुवंशिकी में अन्तर बताइए।
  50. प्रश्न- आनुवंशिकी का जनक किसको वस्तुतः कहा जाता है?
  51. प्रश्न- समप्रभाविता की वंशागति को समझाइए।
  52. प्रश्न- “समलक्षणी जीवों की जीनी संरचना भिन्न हो सकती है। यह कथन सही है अथवा गलत? क्यों?
  53. प्रश्न- ग्रीगर जॉन मेण्डल के योगदान को रेखांकित कीजिए।
  54. प्रश्न- कौन-सा कोशिका विभाजन गैमीट पैदा करता है?
  55. प्रश्न- स्यूडोडोमिनेंस पर टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस एवं बैक क्रॉस में अन्तर बताइए।
  57. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस तथा बैक क्रॉस को समझाइए।
  58. प्रश्न- मानव में बार बॉडी के महत्व को समझाइये।
  59. प्रश्न- लिंग प्रभावित वंशागति एवं लिंग सीमित वंशागति में अन्तर बताइए।
  60. प्रश्न- लिंग सहलग्न, लिंग प्रभावित और लिंग सीमाबद्धित लक्षणों के बीच सोदाहरण विभेदकीजिए।
  61. प्रश्न- मेरी एफ. लिओन की परिकल्पना समझाइए।
  62. प्रश्न- कारण स्पष्ट कीजिए कि नर मधुमक्खी में शुक्राणुओं का निर्माण समसूत्री विभाजन द्वारा क्यों होता है?
  63. प्रश्न- ZW टाइप लिंग निर्धारण पर टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- पक्षियों में लिंग निर्धारण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- स्तनधारी मादा की शुरूआती अवस्था में कौन-सा X क्रोमोसोम हेट्रोक्रोमेटाइज हो जाता है, माता का या पिता का?
  66. प्रश्न- मल्टीपिल ऐलीलिज्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  67. प्रश्न- Rh-तत्व क्या है? इसके महत्व एवं वंशागति का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- जीन की अन्योन्य क्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरणों की सहायता से जीन की अन्योन्य क्रिया की विधि का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- एक स्त्री का रक्त समूह 'AB' व उसके बच्चे का रक्त समूह '0' है। कारण सहित स्पष्ट कीजिए कि उस बच्चे के पिता का रक्त समूह क्या होगा?
  72. प्रश्न- एक Rh + स्त्री, Rh पुरुष से शादी करती है। इनकी संतति में एरेथ्रोब्लास्टोसिस की क्या सम्भावना है?
  73. प्रश्न- लैंडस्टीनर के योगदान का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- रक्त समूह को समझाइए।
  75. प्रश्न- जिनोम को परिभाषित कीजिए।
  76. प्रश्न- 'गृह व्यवस्थापक जीन' या 'रचनात्मक जीन' के बारे में बताइये।
  77. प्रश्न- प्रभावी तथा एपीस्टेटिक जीन में क्या अन्तर है?
  78. प्रश्न- लीथल जीन्स पर टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- पूरक जीन क्रिया को परिभाषित कीजिए।
  80. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- हेट्रोक्रोमेटिन और उसके लक्षण पर टिप्पणी लिखिए।
  82. प्रश्न- क्रासिंग ओवर उद्विकास की प्रक्रिया है। स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- लिंकेज ग्रुप पर टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- सामान्य मानव कैरियोटाइप का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- गुणसूत्रीय विपथन पर एक निबन्ध लिखिए।
  86. प्रश्न- असुगुणिता किसे कहते हैं? विभिन्न प्रकार की असुगुणिताओं का वर्णन कीजिए तथा इनकी उत्पत्ति के स्रोत बताइए।
  87. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति से आप क्या समझते हैं? मनुष्य या ड्रोसोफिला के सन्दर्भ में इस परिघटना का उदाहरणों सहित विवेचन कीजिए।
  88. प्रश्न- क्लाइनफिल्टर सिंड्रोम कार्यिकी अथवा गुणसूत्र के असामान्य स्थिति का परिणाम है। स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- मंगोलिज्म या डाउन सिन्ड्रोम क्या है?
  90. प्रश्न- टर्नर सिन्ड्रोम उत्पन्न होने के कारण एवं उनके लक्षण लिखिए।
  91. प्रश्न- समक्षार उत्परिवर्तन पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- अनुप्रस्थ विस्थापन पर टिप्पणी लिखिए।
  93. प्रश्न- पोजीशन एफेक्ट क्या है? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- लिंग सहलग्नता प्रक्रिया को समसूत्री नर व समसूत्री मादा में स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- वर्णान्ध व्यक्ति रेलवे ड्राइवर क्यों नहीं नियुक्त किये जाते हैं?
  96. प्रश्न- मानव वंशागति के अध्ययन में क्या मुख्य कठिनाइयाँ हैं?
  97. प्रश्न- संक्रामक जीनों से आप क्या समझते हैं?
  98. प्रश्न- वंशावली विश्लेषण पर टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति के प्रारूप का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोगजनक परजीवी की संरचना एवं जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- वुचरेरिया बैन्क्रोफ्टाई के वितरण, स्वभाव, आवास तथा जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- जिआर्डिया पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  103. प्रश्न- एण्टअमीबा हिस्टोलायटिका की संरचना, जीवन-चक्र, रोगजन्यता एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोग क्या है? यह कैसे होता है? इसके संचरण एवं रोगजनन को समझाइए। इस रोग के नियंत्रण के उपाय बताइए।
  105. प्रश्न- फाइलेरिया क्या है? इसके रोगजनकता एवं लक्षणों तथा निदान का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जिआर्डिया के प्रजनन एवं संक्रमित रोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- जिआर्डिया में प्रजनन पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- जिआर्डिया पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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