बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
|
|
बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- सामाजिक वंचन का अर्थ बताइये।
उत्तर -
सामाजिक वंचन का अर्थ -
सामाजिक वंचन की अवधारणा की शुरुआत 1970 के दशक में फ्रांस में हुई। सामाजिक वंचन की अवधारणा एक जटिल और बहुआयामी अवधारणा है। इसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलू होते हैं। ये सभी आपस में एक-दूसरे में उलझे हुए हैं। हमारे ऊँच-नीच पर आधारित पूरी सामाजिक व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा है। सामाजिक वंचना के स्वरूपों में कई तरह के फर्क किया जा सकता है। आप व्यवसायिक या आर्थिक बहिष्करण की बात कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में कुछ समूहों को सामाजिक व्यवस्था, मूल्यों-मान्यताओं और रीति-रिवाजों के माध्यम से सामाजिक संस्थानों तक पहुँचने और विभिन्न आदान-प्रदानों में बदलने को रोक दिया जाता है।
जाति पर आधारित भेदभाव का सबसे बड़ा उदाहरण है, जहाँ एक वर्ग दूसरे वर्ग पर अत्याचार करता है। सामाजिक वंचना से न केवल तनाव, हिंसा और अन्य-पुरुष वर्ग का निर्माण होता है, बल्कि समाज में असमानता और वंचना को बढ़ावा मिलता है।
भारत के परिप्रेक्ष्य में सामाजिक वंचना
प्रायः जाति आधारित, धर्म आधारित भेदभाव को समझने के लिए निर्मित किया गया है। दलित-उच्च जाति, इन्हीं अंतरविरोधों, हिंदू-मुस्लिम इत्यादि इस सामाजिक वंचना के प्रमुख रूप से प्रभावित समुदाय जाति या व्यक्ति के लिए दलित समूहों को विभिन्न रूप और आयामों में सामाजिक वंचना का अनुभव किया है।
वर्तमान परिस्थिति में सकारात्मक उद्देश्यों, हिंसा या बहिष्करण से बचते हुए सरकार द्वारा अनेक योजनाओं में भी सामाजिक वंचना का संवैधानिक संरक्षण दिया जा रहा है।
|