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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2724
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

महत्त्वपूर्ण तथ्य

जनमत का सामान्य अर्थ सार्वजनिक प्रश्नों पर सामान्य जनता के विचारों से है।

राजनीति शास्त्र में जनमत का एक विशिष्ट अर्थ होता है।

जनमत की सार्वजनिक सच्ची कसौटी सार्वजनिक हित है।

आदर्श लोकमत या लोक विचार वही है जो लोकहित से प्रेरित हो।

कैरोल के अनुसार, “लोकमत सामान्य जनता की मिश्रित प्रक्रिया है। "

डूब के अनुसार, " लोकमत का अर्थ एक सामाजिक समूह के रूप में जनता का किसी प्रश्न या समस्या के प्रति रुख या विचार है।"

गिन्सवर्ग के अनुसार, “लोकमत का तात्पर्य समाज में प्रचलित उन विचारों एवं निर्णयों के समूह से होता है जो न्यूनाधिक निश्चित रूप से अभिव्यक्त किये जाते हैं और जिनमें कुछ स्थायित्व होता है।" इस प्रकार जनमत में न्यूनाधिक निश्चितता का होना आवश्यक है।

एक वास्तविक जनमत में कई विशेषतायें पायी जाती हैं यथा -

1. जनसाधारण का मत
2. सार्वजनिक हित से सम्बद्ध
3. तर्क एवं तथ्यों पर आधारित
4. सामान्य इच्छा पर आधारित
5. समाज कल्याण की भावना से प्रेरित
6. एक विराट सम्मिश्रण
7. बहुमत अथवा सर्वसम्मति का होना आवश्यक नहीं
8. न्यूनतम निश्चितता एवं स्थायित्व

जनमत किसी विशेषं वर्ग या व्यक्ति का नहीं होता बल्कि यह जनसाधारण का मत होता है।

इसका संबंध किसी व्यक्ति विशेष या वर्ग विशेष से न होकर सार्वजनिक हित से होता है।

जनमत समाज कल्याण की भावना से ओत-प्रोत होता है।

वास्तविक जनमत तर्क एवं तथ्यों पर आधारित होता है। अतः भावावेश में व्यक्त किया गया मत या विचार जनमत नहीं होता है।

सर राबर्ट पील के अनुसार - " जनमत गलतियों, दुर्बलताओं, अन्धविश्वासों, गलत एवं सही विचारों, हठ एवं समाचार पत्रों के समाचारों का एक मिश्रित रूप होता है।

जनमत की वास्तविक कसौटी समाज का कल्याण है। अतः जनमत के लिए सर्वसम्मति या बहुमत का होना आवश्यक नहीं है।

डॉ. बेनीप्रसाद के शब्दों में, "वही मत वास्तविक लोकमत है जो जनकल्याण की भावना से प्रेरित हो।"

लोकमत विवेक तथा जनता की वास्तविक विचारधारा पर आधारित होता है।

सर्वसम्मति से व्यक्त किया गया मत भी जनमत नहीं होता है।

यथा रूस में साम्यवाद सर्वसम्मति पर आधारित था परन्तु इसे जनमत नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसका कोई विरोधी नहीं था।

सामान्य इच्छा' सिद्धांत का प्रतिपादक रूसो था।

जनमत प्रजातंत्र की वास्तविक आधारशिला है।

शुल्जे के अनुसार, “जनमत एक प्रबल सामाजिक शक्ति है जिसकी अवहेलना करने वाला राजनीतिक दल स्वयं अपने लिए संकट आमंत्रित करता है। "

प्रजातंत्र में जनमत का एक महत्वपूर्ण कार्य वैधानिक सम्प्रभुता और राजनीतिक सम्प्रभुता के बीच समन्वय स्थापित करना है।

प्रत्यक्ष प्रजातंत्र में इस प्रकार की कोई समस्या नहीं होती परन्तु अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र में इन दोनों के बीच संघर्ष उत्पन्न होता है।

इस संघर्ष में कुछ समय के लिए वैधानिक सम्प्रभुता श्रेष्ठमान ली जाती है परन्तु अंतिम सत्ता राजनीतिक सम्प्रभुता अथवा जनमत है।

जनमत शासन को निरंकुश होने से रोकता है।

जनमत सभा, जुलूस, हड़ताल, उपचुनाव, विरोध प्रदर्शन आदि साधनों द्वारा शासन को सही दिशा में कार्य करने के लिए बाध्य करता है।

जनमत में प्रशासनिक भ्रष्टाचार आवश्यक रूप से उत्पन्न होता है।

परन्तु प्रबल, प्रबुद्ध एवं संगठित जनमत के द्वारा प्रशासकीय अधिकारियों की मनमानी एवं भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकता है।

जनमत को जनता के मौलिक अधिकारों का सर्वोत्तम रक्षक माना जाता है।

लोकमत नैतिक या सामाजिक व्यवस्था के मूल्यों की रक्षा करता है

प्रजातंत्र शासन में जनमत का महत्व अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी है।

सभी जनतांत्रिक देश अपने कार्यों तथा गतिविधियों के संदर्भ में चिंतित रहते हैं कि कहीं जनमत उनके विरुद्ध न हो जाये।

लोकमत के निर्माण के अनेक साधन एवं सहायक तत्व हैं यथा -

1. प्रेस पत्र-पत्रिकायें तथा साहित्य
2. रेडियो, टेलीविजन तथा सिनेमा,3. सार्वजनिक सभायें .
3. विधान मण्डल तथा विधान मण्डल के लिए चुनाव
4. राजनीति दल तथा इन दलों के नेता
5. शिक्षण संस्थायें
6. धार्मिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक संस्थायें
7. निर्वाचन

स्वस्थ लोकमत के निर्माण में अनेक तरह की बाधायें भी आती हैं यथा -

1. शिक्षा का अभाव
2. आर्थिक विषमता एवं गरीबी
3. राजनीतिक चेतना का अभाव
4. दोषपूर्ण राजनीतिक दल प्रणाली
5. प्रचार के साधनों पर सरकारी नियंत्रण
6. पक्षपातपूर्ण समाचार पत्र एवं
7. आधारभूत एकता का अभाव।

स्वस्थ लोकमत के निर्माण की अनेक शर्तें हैं, यथा

1. सुशिक्षित जनता
2. साम्प्रदायिकता का अन्त
3. निर्धनता का उन्मूलन
4. स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष प्रेस
5. स्वस्थ एवं सुदृढ़ राजनीतिक दल
6. विचार, अभिव्यक्ति एवं संगठन की स्वतन्त्रता
7. जागरूक जनता।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय -1 राजनीति विज्ञान : परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र
  2. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  3. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  4. उत्तरमाला
  5. अध्याय - 2 राजनीतिक विज्ञान की अध्ययन की विधियाँ
  6. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  7. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  8. उत्तरमाला
  9. अध्याय - 3 राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध
  10. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 4 राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन के उपागम
  14. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  15. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  16. उत्तरमाला
  17. अध्याय - 5 आधुनिक दृष्टिकोण : व्यवहारवाद एवं उत्तर-व्यवहारवाद
  18. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  19. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  20. उत्तरमाला
  21. अध्याय - 6 आधुनिकतावाद एवं उत्तर-आधुनिकतावाद
  22. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  23. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 7 राज्य : प्रकृति, तत्व एवं उत्पत्ति के सिद्धांत
  26. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  27. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  28. उत्तरमाला
  29. अध्याय - 8 राज्य के सिद्धान्त
  30. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  31. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  32. उत्तरमाला
  33. अध्याय - 9 सम्प्रभुता : अद्वैतवाद व बहुलवाद
  34. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. उत्तरमाला
  37. अध्याय - 10 कानून : परिभाषा, स्रोत एवं वर्गीकरण
  38. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  39. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  40. उत्तरमाला
  41. अध्याय - 11 दण्ड
  42. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  43. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  44. उत्तरमाला
  45. अध्याय - 12 स्वतंत्रता
  46. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  47. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  48. उत्तरमाला
  49. अध्याय - 13 समानता
  50. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  51. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  52. उत्तरमाला
  53. अध्याय - 14 न्याय
  54. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  55. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  56. उत्तरमाला
  57. अध्याय - 15 शक्ति, प्रभाव, सत्ता तथा वैधता या औचित्यपूर्णता
  58. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  59. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  60. उत्तरमाला
  61. अध्याय - 16 अधिकार एवं कर्त्तव्य
  62. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  63. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  64. उत्तरमाला
  65. अध्याय - 17 राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक विकास एवं राजनीतिक आधुनिकीकरण
  66. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  67. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  68. उत्तरमाला
  69. अध्याय - 18 उपनिवेशवाद एवं नव-उपनिवेशवाद
  70. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  71. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  72. उत्तरमाला
  73. अध्याय - 19 राष्ट्रवाद व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
  74. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  75. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  76. उत्तरमाला
  77. अध्याय - 20 वैश्वीकरण
  78. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  79. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  80. उत्तरमाला
  81. अध्याय - 21 मानवाधिकार
  82. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  83. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  84. उत्तरमाला
  85. अध्याय - 22 नारीवाद
  86. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  88. उत्तरमाला
  89. अध्याय - 23 संसदीय प्रणाली
  90. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. अध्याय - 24 राष्ट्रपति प्रणाली
  94. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  96. उत्तरमाला
  97. अध्याय - 25 संघीय एवं एकात्मक प्रणाली
  98. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  99. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  100. उत्तरमाला
  101. अध्याय - 26 राजनीतिक दल
  102. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. अध्याय - 27 दबाव समूह
  106. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  107. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  108. उत्तरमाला
  109. अध्याय - 28 सरकार के अंग : कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका
  110. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  111. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  112. उत्तरमाला
  113. अध्याय - 29 संविधान, संविधानवाद, लोकतन्त्र एवं अधिनायकवाद .
  114. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  115. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  116. उत्तरमाला
  117. अध्याय - 30 लोकमत एवं सामाजिक न्याय
  118. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  120. उत्तरमाला
  121. अध्याय - 31 धर्मनिरपेक्षता एवं विकेन्द्रीकरण
  122. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  123. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  124. उत्तरमाला
  125. अध्याय - 32 प्रतिनिधित्व के सिद्धान्त
  126. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  127. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  128. उत्तरमाला

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