बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
महत्त्वपूर्ण तथ्य
भारतीय संविधान के भाग 5 में संसद के बारे में वर्णन किया गया है।
संसद के तीन अंग हैं- राष्ट्रपति, लोक सभा तथा राज्य सभा।
वेस्टमिंस्टर माडल, संसदीय शासन प्रणाली को कहा जाता है।
विधायिका केन्द्र सरकार का विधायी अंग है।
निम्न सदन, जनता का सदन, लोक सभा को कहा जाता है।
लोक सभा को पहला चैम्बर भी कहा जाता है।
लोक प्रिय सदन लोकसभा को कहा जाता है। यह सम्पूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
दूसरा चैंबर, उच्च सदन राज्य सभा को कहा जाता है। .
राज्यों के प्रतिनिधियों का सदन भी राज्य सभा को कहा जाता है।
बुद्धजीवियों का सदन भी राज्य सभा को कहा जाता है।
राष्ट्रपति किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है।
राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है।
संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने पर विधि बनता है।
संसद के दोनों सदनों को आहुत एवं सत्रावसान राष्ट्रपति करता है।
समय से पूर्व राष्ट्रपति लोकसभा का विघटन कर सकता है।
संसदीय व्यवस्था राष्ट्रपति की देन है।
संसदीय व्यवस्था में कार्यपालिका एवं विधायिका संबंध परस्पर सहयोगी होता है।
राज्यसभा के गठन का प्रावधान अनुच्छेद 80 में है इसमें 245 सदस्य है तथा 250 सदस्य होने चाहिए।
राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करता है।
लोकलेखा समिति अपनी रिपोर्ट लोक सभा अध्यक्ष को सौंपती है।
आम व्ययों के दुरुपयोग एवं अनियमितताओं को संसद के समक्ष उजागर करने का कार्य लोक- लेखा समिति करती है।
सार्वजनिक व्यय पर संसदीय नियंत्रण का कार्य प्राक्कलन समिति, लोकलेखा समिति तथा लोक उपक्रम समिति का है।
लोक उपक्रम समिति का गठन सन् 1964 में किया गया था इस समिति में लोकसभा एवं राज्यसभा के कुल 22 सदस्य होते हैं।
प्राक्कलन समिति संसद की स्थायी समितियों में सबसे बड़ी समिति है।
वर्तमान समय में समिति प्रणाली का विकास माण्टेस्क्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम, 1919 के अनुसार हुआ है।
राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों राज्य सभा में 238 सदस्यों का प्रतिनिधित्व होता है।
राज्य सभा में सीटों का आवंटन चौथी अनुसूची में है।
राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
राज्य सभा के सीटों का आवंटन जनसंख्या के आधार किया जाता है तथा इसके सदस्यों के चुनाव में विधानसभा के सदस्य भाग लेते हैं।
दिल्ली एवं पाण्डिचेरी ऐसे संघ राज्य क्षेत्र हैं जिसके सदस्य राज्य सभा के सदस्यों के निर्वाचन में भाग लेते हैं।
राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्यों को साहित्य, विज्ञान, कला एवं समाजसेवा के क्षेत्र से नामित करता है।
वर्तमान में लोकसभा की अधिकतम संख्या 552 है।
संघ राज्यक्षेत्र से लोक सभा में 20 सदस्य चुने जाते हैं।
राज्यों से लोक सभा में 30 सदस्य चुने जाते हैं।
राज्यसभा के सदस्यों की न्यूनतम आयु 30 वर्ष है।
राज्य सभा एक स्थायी सदन है। इसके सदस्यों का चुनाव 3 वर्ष के लिए होता है।
इसके 1/3 सदस्य प्रत्येक दूसरे वर्ष अवकाश ग्रहण कर लेते हैं।
भारत का उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होता है।
राज्य सभा के सभापति का कार्यकाल 5 वर्ष तथा उपसभापति का कार्यकाल 6 वर्ष होता है।
राज्यसभा के सभापति का निर्वाचन होता है।
राज्य सभा की अध्यक्षता राज्य सभा का सभापति करता है।
यदि राज्य सभा में सभापति अनुपस्थित होता है तो सभापति के कार्यों को उपसभापति करेगा।
राज्यसभा का उपसभापति, राज्यसभा के सभापति को अपना त्यागपत्र देता है।
लोकसभा द्वारा पारित विधेयक को राज्यसभा 6 माह तक रोक सकती है।
राज्यसभा को काउंसिल आफ स्टेट्स कहा जाता है।
राज्यसभा का पहली बार गठन 1952 में हुआ था।
धन विधेयक को राज्यसभा में पेश नहीं किया जाता है।
राज्यसभा धन विधेयक को अधिकतम 14 दिन तक रोक सकती है।
भारतीय संसद के उच्च सदन की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति करता है।
न्यूनतम 10 लाख जनसंख्या पर किसी राज्य को एक स्थान राज्य सभा के लिए आवंटित किया गया है।
राज्य सभा चूंकि कभी विघटित नहीं होता है इसलिए इसे स्थायी सदन कहा जाता है।
लोक सभा के सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं जबकि राज्य सभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं।
राज्यसभा में आरक्षण का प्रावधान नहीं है।
दिल्ली में राज्यसभा की 3 तथा 'पाण्डिचेरी में 1 सीट है।
लोकसभा में आरक्षण का प्रावधान राज्यवार जनसंख्या के आधार पर किया गया है।
लोक सभा में SC/ST के आरक्षण का प्रावधान अनुच्छेद 30 में है।
लोकसभा के कार्यकाल की आपातकाल में वृद्धि की जा सकती है।
राष्ट्रपति कम से कम एक वर्ष में संसद का दो अधिवेशन आहुत करता है।
लोकसभा में एक सत्र की अंतिम बैठक तथा आगामी सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 माह का अन्तराल होना चाहिए।
लोक सभा का अधिवेशन चलाने के लिए 1/10 की गणपूर्ति होनी चाहिए।
लोक सभा अध्यक्ष लोक सभा की अध्यक्षता करता है।
लोक सभा में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष दो पदाधिकारी होते हैं।
लोकसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
लोकसभा का अध्यक्ष अपना त्यागपत्र उपाध्यक्ष को तथा उपाध्यक्ष अध्यक्ष को देता है।
लोक सभा के अध्यक्ष को उसके समस्त सदस्यों के बहुमत द्वारा हटाया जाता है।
लोकसभा की नियम समिति का पदेन अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होता है।
सदन में अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों संबंधी समिति का गठन संसद के लोकसभा में किया जाता है।
कार्यमंत्रणा समिति का गठन लोकसभा एवं राज्यसभा में किया जाता है। इसमें लोकसभा के 15 तथा राज्यसभा के 11 सदस्य होते हैं।
सरकारी आश्वासन समिति का गठन सर्वप्रथम 1953 में हुआ
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- अध्याय -1 राजनीति विज्ञान : परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 2 राजनीतिक विज्ञान की अध्ययन की विधियाँ
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 3 राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 4 राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन के उपागम
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 5 आधुनिक दृष्टिकोण : व्यवहारवाद एवं उत्तर-व्यवहारवाद
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- अध्याय - 6 आधुनिकतावाद एवं उत्तर-आधुनिकतावाद
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 7 राज्य : प्रकृति, तत्व एवं उत्पत्ति के सिद्धांत
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- अध्याय - 8 राज्य के सिद्धान्त
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 9 सम्प्रभुता : अद्वैतवाद व बहुलवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 10 कानून : परिभाषा, स्रोत एवं वर्गीकरण
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- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 11 दण्ड
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 12 स्वतंत्रता
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 13 समानता
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- अध्याय - 14 न्याय
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 15 शक्ति, प्रभाव, सत्ता तथा वैधता या औचित्यपूर्णता
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 16 अधिकार एवं कर्त्तव्य
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 17 राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक विकास एवं राजनीतिक आधुनिकीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 18 उपनिवेशवाद एवं नव-उपनिवेशवाद
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 19 राष्ट्रवाद व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
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- अध्याय - 20 वैश्वीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 21 मानवाधिकार
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
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- अध्याय - 22 नारीवाद
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 23 संसदीय प्रणाली
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
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- अध्याय - 24 राष्ट्रपति प्रणाली
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- अध्याय - 25 संघीय एवं एकात्मक प्रणाली
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- अध्याय - 26 राजनीतिक दल
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- उत्तरमाला
- अध्याय - 27 दबाव समूह
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 28 सरकार के अंग : कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 29 संविधान, संविधानवाद, लोकतन्त्र एवं अधिनायकवाद .
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 30 लोकमत एवं सामाजिक न्याय
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 31 धर्मनिरपेक्षता एवं विकेन्द्रीकरण
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- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 32 प्रतिनिधित्व के सिद्धान्त
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- उत्तरमाला