बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 1
भारतीय समाज की संरचना एवं संयोजन : गाँव एवं कस्बे
(The Structure and Composition
of Indian Society: Village and Town)
"भारत महामानवता के लिये पुण्यतीर्थ के समान है। किसी को भी ज्ञात नहीं कि किसके आह्वान पर मनुष्यों की इतनी धाराएँ दुगुनी वेग से बहती हुई कहाँ-कहाँ से आईं और महासमुद्र रूपी इसी भारत में आ मिलीं और घुल-मिल गयीं।' -कवि गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर
भारतीय समाज की संरचना अति प्राचीन व गौरवपूर्ण है और वह अपने ज्ञानमय प्रकाश से पथभ्रष्ट मानवता को निरन्तर राह दिखलाती रही है। आज भी इस गौरव से भारत वंचित नहीं है। विश्व के कई देश जब आज युद्ध, प्रतियोगिता और आपसी तनाव के बीच फँसकर त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, तब भी भारत शान्ति और विश्वप्रेम के अभय-मन्त्र का पाठ उन्हें पढ़ा रहा है, विवेकपूर्ण मार्गदर्शक का काम कर रहा है। साथ ही भारतीय सामाजिक संरचना ने विश्व की विभिन्न संस्कृतियों, विचारों, प्रजातियों, दर्शनों, धर्मों, भाषाओं आदि के प्रति अत्यधिक सहनशीलता का परिचय देते हुए उन्हें अपने में स्थान दिया है। फलतः प्रत्येक दृष्टिकोण से भारतीय समाज विभिन्नताओं की एक अनूठी लीलाभूमि बन गया है। पर इन्हीं विभिन्नताओं के सन्दर्भ में भारतीय समाज की संरचना का एक और महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि यह समाज गाँव और कस्बों का होते हुए भी मौलिक रूप में एकता प्राप्त किये हुए है। किसी भी समाज की भौतिक संरचना के निर्माण में जिन समुदायों का योगदान होता है उनमें गाँव और कस्बे का स्थान प्रमुख है। इन्हें एक-दूसरे से पृथक् समुदाय इसलिए कहते हैं कि इनकी सामाजिक, पारिस्थितिकी, भौतिक संरचना, जनसंख्या या जीवन शैली में काफी अन्तर होता है। गाँवों की जनसंख्या कम होती है व कृषि मुख्य व्यवसाय होता है। जनसंख्या, व्यवसाय और पारस्परिक सम्बन्धों के आधार पर गाँव एवं नगर की मिश्रित विशेषताओं से सम्बन्धित तुलनात्मक रूप से छोटे समुदाय को कस्बे के नाम से सम्बोधित किया जाता है।
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- अध्याय - 1 भारतीय समाज की संरचना एवं संयोजन : गाँव एवं कस्बे
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 2 नगर और ग्रामीण-नगरीय सम्पर्क
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 3 भारतीय समाज में एकता एवं विविधता
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 4 भारतीय समाज का अध्ययन करने हेतु भारतीय विधा, ऐतिहासिक, संरचनात्मक एवं कार्यात्मक परिप्रेक्ष्य
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 5 सांस्कृतिक एवं संजातीय विविधताएँ: भाषा एवं जाति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 6 क्षेत्रीय, धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 7 भारत में जनजातीय समुदाय
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 8 जाति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 9 विवाह
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 10 धर्म
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 11 वर्ग
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 12 संयुक्त परिवार
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 13 भारत में सामाजिक वर्ग
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय- 14 जनसंख्या
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 15 भारतीय समाज में परिवर्तन एवं रूपान्तरण
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 16 राष्ट्रीय एकीकरण को प्रभावित करने वाले कारक : जातिवाद, साम्प्रदायवाद व नक्सलवाद की राजनीति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला