बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्धसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर
अधयाय - 17 प्रबन्धकीय नियंत्रण : अवधारणा, प्रक्रिया, प्रभावी नियन्त्रण पद्धति तथा परम्परागत एवं आधुनिक नियन्त्रण की तकनीकें
(Managerial Control: Concept, Process, Effective Control System and Traditional and Modern Techniques of Control)
नियंत्रण प्रशासन एवं प्रबन्ध का एक आवश्यक साधन वर्षो से रहा है। नियत्रण से यह ज्ञात हो जाता है कि संस्था का कार्य योजनाबद्ध चल रहा है अथवा नहीं और संस्था के विभिन्न तत्वों में समन्वय स्थापित करने में उद्देश्यों से पर्याप्त सम्बन्ध स्थापित है अथवा नहीं। नियंत्रण की अच्छी योजना के आधार पर ही उच्च प्रबन्धक वर्ग अधि कारों की प्रत्यायोजना करता है तथा उच्च प्रबन्धक अनावश्यक विस्तृत कार्यों से मुक्ति प्राप्त करने लगता है। आधुनिक व्यवसाय में नियंत्रण से आशय उन सब क्रियाओं से लगाया जाता है जिनके द्वारा पूर्व निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कम्पनी के कार्यो को निर्देशित एवं अभिप्रेरित किया जाता है। इसका तात्पर्य किसी व्यक्ति पर प्रतिबन्ध लगाना नहीं है बल्कि यह वह साधन है जिसके द्वारा प्रबन्धक विश्वास तथा सुरक्षा के साथ अपने अधिकारों का प्रत्यायोजन एवं विकेन्द्रीयकरण कर सकता हैं।
नियंत्रण में यह देखा जाता है कि कार्य योजनाओं एवं निर्देशों के अनुसार हो रहा है तथा उचित सुधारात्मक कार्यवाही की जा रही है। सुधारात्मक कार्यवाही में योजनाओं का परिवर्तन, संगठन ढांचे में परिवर्तन, स्टाफिंग में सुधार अथवा निर्देशन में परिवर्तन करना होता हैं।
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