बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्धसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण तथ्य
• उत्पादन प्रबन्ध को प्रबन्ध का सर्वाधिक क्रियात्मक क्षेत्र माना जाता है।
• जनसम्पर्क प्रबन्धक बाहरी लोगों से सम्पर्क करता है।
• हेनरी मिण्टिजबर्ग मेकगिल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे।
• उत्पादन नियोजन, उत्पादन नियंत्रण, प्रक्रिया विश्लेषण, समय व गति अध्ययन आदि उत्पादन से सम्बन्धित भूमिकाएँ है।
• मिण्टिजबर्ग ने अन्तर्वैयक्तिक भूमिकाओं को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा है-
मुख्य व्यक्ति भूमिका
नेतृत्व भूमिका
सम्पर्क अधिकारी भूमिका
• प्रबन्धक अपने समूह का नेता होता है तथा उसे नेता की भूमिका का निष्पादन करना पड़ता है।
• नेतृत्व भूमिका में प्रेरणा, प्रतिनिधित्व, समन्वय, निर्देश, पर्यवेक्षण आदि भूमिकाएँ सम्मिलित हैं।
• सम्पर्क अधिकारी की भूमिका में प्रबन्धक को बाहरी दुनिया में संगठन का प्रतिनिधित्व करना होता है।
• प्रबन्धक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सूचनाएँ प्राप्त करना एवं उनका सम्प्रेषण करना है । मिटिजबर्ग ने सूचनात्मक भूमिका को तीन भागों में बाँटा हैं-
मॉनीटर की भूमिका
विस्तारक की भूमिका
वक्ता की भूमिका
• निर्णयात्मक भूमिका प्रबन्धक की अन्तिम भूमिका है।
• मिण्टिजबर्ग ने प्रबन्धक की निर्णयात्मक भूमिका को निम्नलिखित चार समूहों में बाँटा है-
उद्यमी भूमिका
बाधा निपटाने की भूमिका
संसाधन आबंटनकर्ता की भूमिका
वार्ताकार की भूमिका
• मिण्टिजबर्ग द्वारा बतायी गयी भूमिकाएँ अन्तर्सम्बन्धित हैं।
• प्रबन्ध के कार्यों में नियोजन, संगठन, समन्वय, निर्देशन, अभिप्रेरण, नियुक्तियाँ एवं नियंत्रण को शामिल किया जाता है।
• प्रबन्ध के क्रियात्मक क्षेत्रों में उत्पादन प्रबन्ध, वित्तीय प्रबन्ध, कार्मिक प्रबन्ध, विपणन प्रबन्ध आदि आते हैं।
• प्रबन्ध के कार्य सभी संस्थाओं में लगभग समान होते हैं, जबकि क्रियात्मक क्षेत्र अलग-अलग संस्थाओं में भिन्न-भिन्न होते हैं।
• इंग्लैंड के शिक्षा मंत्रालय ने प्रबन्ध के निम्नलिखित 9 क्रियात्मक क्षेत्र बताए हैं-
1. उत्पादन प्रबन्ध
2. विकास प्रबन्ध
3. कार्मिक प्रबन्ध
4. वित्तीय प्रबन्ध वितरण प्रबन्ध
6. परिवहन प्रबन्ध
7 क्रय प्रबन्ध
8 कार्यालय प्रबन्ध
9. अनुरक्षण प्रबन्ध
• संस्था की आवश्यकता के अनुसार प्रबन्ध के अन्य क्रियात्मक क्षेत्र हो सकते हैं-
जनसम्पर्क प्रबन्ध
शोध प्रबन्ध
निर्यात आयात प्रबन्ध
सामग्री प्रबन्ध
तकनीकी प्रबन्ध
जोखिम प्रबन्ध
परिवर्तन प्रबन्ध
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