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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2731
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर

महत्वपूर्ण तथ्य

• उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध एक पद्धति है जिसके द्वारा प्रबन्धकों के वास्तविक कार्य निष्पादन का मूल्यांकन होता है।

• उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध वह प्रबन्धकीय व्यवहार होता हैं जो विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति पर जोर देता है।

• "उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध प्रणाली में प्रबन्धक एवं सम्पूर्ण प्रतिष्ठान दोनों की कार्यकुशलता में सुधार के लिए विभाग तथा प्रत्येक व्यक्तिगत प्रबन्धक के स्तर पर उद्देश्यों का निर्धारण किया जाता है।" - पीटर एफ. ड्रकर

• उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध को एम. बी. ओ. के नाम से भी जाना जाता है।

• उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध को लक्ष्य प्रबन्ध या परिणामों द्वारा लक्ष्य प्रबन्ध भी कहते हैं। ऐलन ने इसे अन्तिम परिणाम कहा है।

• उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध आधुनिक विधि या सिद्धांत है।

• उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध एक व्यावहारिक पहलू है जिसके आधार पर रणनीति बनायी जाती है।

• उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध एक प्रक्रिया है।

उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध में प्रबन्धक तथा अधीनस्थ सामान्य उद्देश्यों के अनुरूप क्रियाओं को तय करते हैं व क्रियाओं का संचालन करते हैं।

उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध की विशेषताएँ - इस प्रकार है-

वांछित उद्देश्य या परिणाम
निष्पादन स्तर का निर्धारण
निष्पादन का मूल्यांकन
नियंत्रण सूचना का प्रबन्धक के पास सही समय पर पहुँचना।
क्रियात्मक उद्देश्यों का संगठन से जुड़ा होना।
क्रियात्मक उद्देश्यों का संगठन से जुड़ा होना।
उत्तरदायित्व तथा प्रतिबद्धता की भावना जाग्रत करना।
कर्मचारियों को प्रेरणा देना।

उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध प्रक्रिया का क्रम - इस प्रकार हैं-

उपक्रम के सम्पूर्ण उद्देश्यों का निर्धारण करना
अलग-अलग उद्देश्यों का निर्धारण करना। 
प्रबन्धकों के अलग-अलग लक्ष्यों का निर्धारण करना। 
लक्ष्यों, उद्देश्यों एवं परिणामों का अवलोकन करना। 

उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध पद्धति के अन्तर्गत क्रमबद्ध रूप से उठाए जाने वाले प्राथमिक कदम - निम्नलिखित हैं-

सम्पूर्ण लक्ष्यों को पारिभाषित एवं निर्धारित करना।

प्रत्येक इकाई या उप इकाई के लिए अल्पकालीन उद्देश्यों एवं लक्ष्यों का निर्धारण करना।

व्यक्तिगत प्रबन्ध के उद्देश्य या लक्ष्यों को निर्धारित करना।

प्रबन्धक में साधनों का विवरणपत्र देना।
नियंत्रण व्यवस्था की स्थापना करना।

समय-समय पर संस्था की प्रगति जानने के लिए अधिकारियों एवं अधीनस्थों की सभाएँ करना।

परिणामों का मूल्यांकन तथा लक्ष्यों व उद्देश्यों की समीक्षा करना।

उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध के ए. एम. ब्राउन ने - निम्नलिखित लाभ बताए हैं-

कुशल निष्पादन
लाभदेय क्रियाएँ
प्रबन्धकीय क्षमता को मान्यता
उच्च मनोबल
श्रेष्ठ प्रत्यायोजन
प्रभावी प्रबन्धकीय विकास
श्रेष्ठ संचार

उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध की सीमाएँ / दोष - इस प्रकार हैं-

व्यक्तियों को प्रेरित करने में असमर्थ
प्रभाव के वितरण में परिवर्तन की आवश्यकता
प्रशिक्षण की आवश्यकता
उद्देश्यों के निर्धारण एवं प्रकटीकरण में कठिनता

• उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध की सफलता तभी हो सकती है जबकि उच्च अधिकारी अधीनस्थों के साथ लक्ष्य निर्धारण करने में प्रशिक्षित हो।"  -जार्ज. एस आर्डियोर्न

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