बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्धसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण तथ्य
• प्रबन्ध को अपने कर्मचारियों का निर्देशन करना होता है।
• निर्देशन के अन्तर्गत प्रबन्धक अपने अधीनस्थों को आदेश - निर्देश देते हैं।
• निर्देशन में ऐसा वातावरण बनाया जाता है जिसमें कर्मचारी स्वेच्छा से पूर्ण उत्साह में कार्य करें।
• निर्देशन से ही संस्था तथा कर्मचारी वर्ग को गतिशील बनाया जाता है।
निर्देशन प्रबन्ध को सक्रिय बनाता है।
• हैमेन ने प्रबन्ध को सम्बन्धकारी कार्य माना है।
• निर्देशन प्रबन्ध का एक व्यापक कार्य है।
• निर्देशन प्रत्येक स्तर पर व्याप्त होता है।
• निर्देशन से व्यक्तियों का विकास किया जाता है।
• निर्देशन से कर्मचारियों का नेतृत्व होता है। निर्देशन का सार निष्पादन हैं।
• निर्देशन में विविध कार्य जैसे आदेश निर्देश, नेतृत्व एवं मार्गदर्शन आता हैं। निर्देशन के मुख्य अंगों में निम्नलिखित आते हैं-
आदेश-निर्देश
पर्यवेक्षण / निरीक्षण
नेतृत्व
अभिप्रेरण
सम्प्रेषण
समन्वय
• आदेश निर्देश उचित, पूर्ण एवं स्पष्ट हों।
• आदेश निर्देश की भाषा आधीनस्थों के बौद्धिक स्तर के अनुरूप होनी चाहिए।
• निर्देशन के लिए सम्प्रेषण भी आवश्यक होता है।
• निर्देशन संस्था को क्रियाशील बनाने का कार्य है।
• निर्देशन प्रबन्धकीय कार्यों की संयोजन कड़ी है।
• सभी प्रकार के सामूहिक प्रयासों, सहकारी उद्यमों तथा संयुक्त कार्यों में निर्देशन आवश्यक होता है।
• निर्देशन का उद्देश्य दोहरा होता है।
• निर्देशन के उद्देश्य हैं-
संस्था के लक्ष्यों की प्राप्ति
कर्मचारियों के व्यक्तिगत उद्देश्यों की प्राप्ति।
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