बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सेमिनार के प्रकार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सेमिनार प्रमुख रूप से निम्न प्रकार के होते हैं-
(1) लघु सेमिनार - इस प्रकार के सेमिनार का आयोजन कक्षा में किसी प्रकरण की व्याख्या करने के उद्देश्य से किया जाता है। इसका उद्देश्य छात्रों को सेमिनार आयोजित करने के लिए प्रशिक्षण देना है, जिससे वे इस सम्बन्ध में विभिन्न प्रकार की भूमिकायें निभा सकें। यह छात्रों की उत्साहित करने वाली परिस्थिति होती है। इस प्रकार के सेमिनार का आयोजन प्रमुख सेमिनार के आयोजन से पूर्व करना उचित रहता है।
(2) मुख्य सेमिनार - मुख्य सेमिनार का आयोजन विभागीय या संस्थान स्तर पर किसी महत्त्वपूर्ण विषय को लेकर किया जाता है। इस प्रकार के सेमिनार में संस्थान या विभाग के सभी छात्र व अध्यापक वर्ग भाग लेते हैं। ये सेमिनार विभाग में साप्ताहिक या मासिक तौर पर आयोजित किये जाते हैं। सामान्यतः इस प्रकार के सेमिनार किन्हीं विशिष्ट विषयों को लेकर आयोजित किये जाते हैं।
(3) राष्ट्रीय सेमिनार - इस प्रकार के सेमिनार किसी परिषद् या संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किये जाते हैं। सेमिनार के विषय से सम्बन्धित विशेषज्ञों को इस प्रकार के सेमिनार में आमंत्रित किया जाता है। सेमिनार का सचिव इस सम्बन्ध में सेमिनार का विषय, दिनांक, दिन, समय तथा स्थान का चयन करता है, अर्थात् सेमिनार आयोजन की सम्पूर्ण तैयारी सचिव पहले से ही कर लेता है। एन.सी.ई.आर.टी. इस प्रकार के सेमिनार का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विषयों को लेकर करती रहती है, जैसे- शिक्षा तकनीकी, जनसंख्या शिक्षा, शैक्षिक विचारधाराएं दूरस्थ शिक्षा, भारत में शैक्षिक अनुसंधान का स्थान आदि।
(4) अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार - अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार बड़े-बड़े अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों तथा UNESCO द्वारा अत्यधिक गूढ़ एवं अध्यापक विषयों को लेकर किये जाते हैं, जैसे- छात्र असन्तोष, अध्यापक शिक्षा में नवीनतम खोजें, परीक्षा सुधार आदि । कोई राष्ट्र भी अन्तर्राष्ट्रीय विषयों को लेकर इस प्रकार के सेमिनार आयोजित कर सकता है लेकिन इस प्रकार के सेमिनार आयोजन में सार्थकता एवं पारदर्शिता का होना आवश्यक समझा जाता है। मात्र नाम के लिए इस प्रकार के सेमिनार का आयोजन नहीं किया जाना चाहिये।
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