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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2759
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- समस्या समाधान विधि के दोष स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

समस्या-समाधान विधि के कुछ प्रमुख दोष भी हैं, जो इस प्रकार हैं-

(1) सन्दर्भ सामग्री का अभाव - इस विधि में विद्यार्थी को बहुत अधिक सन्दर्भ सामग्री की आवश्यकता पड़ती है जो आसानी से विद्यार्थी को उपलब्ध नहीं होती। कई ऐसी पुस्तकें समस्या का समाधान ढूँढ़ने में आवश्यक होती हैं जो प्रायः विद्यालय के पुस्तकालय में नहीं होतीं ।

(2) चयनित अंशों का अध्ययन - इस विधि का एक और दोष यह भी है कि विद्यार्थी सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन न कर केवल उन्हीं अंशों का अध्ययन करते हैं जो उनकी चुनी हुई समस्या से सम्बन्धित होते हैं।

(3) अधिक समय खर्च - इस विधि का एक व्यावहारिक दोष यह भी है कि इसमें समस्या का समाधान ढूँढ़ने में विद्यार्थी का समय बहुत अधिक खर्च हो जाता है। इससे हमेशा यह भय बना रहता है कि पाठ्यक्रम पूरा होगा या नहीं।

(4) नीरस शैक्षणिक वातावरण - इस विधि का कक्षा में अधिक प्रयोग होने से सम्पूर्ण शैक्षणिक वातावरण में नीरसता आ जाती है। अगर विद्यार्थी किसी एक समस्या पर कई दिन या कई सप्ताह कार्य करते हैं तो उस समस्या से उनकी रुचि समाप्त हो जाती हैं क्योंकि बालक स्वभाव से ही विभिन्न प्रकार के कार्यों में भाग लेना चाहते हैं।

(5) समस्या का चुनाव एक कठिन कार्य - विज्ञान शिक्षण में समस्या समाधान विधि का उपयोग इसलिए भी दोषपूर्ण या सीमित है क्योंकि समस्या का चुनाव करना बहुत ही कठिन कार्य होता है। प्रत्येक विद्यार्थी या शिक्षक समस्या का चुनाव नहीं कर सकता।

(6) अनुभवी शिक्षकों की आवश्यकता - विज्ञान शिक्षण में समस्या समाधान विधि के प्रयोग के लिए कुशल, योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों की आवश्यकता होती है जो कि समस्या का सावधानी से चुनाव कर सकें। लेकिन वास्तव में ऐसे गुणी एवं अनुभवी शिक्षकों का अभाव ही रहता है।

(7) निर्मित समस्याओं का वास्तविक जीवन की समस्याओं से तालमेल का अभाव - ऐसा देखने में आता है कि कई बार कक्षा में निर्मित समस्यायें वास्तविक जीवन की समस्याओं से तालमेल नहीं खातीं जिसके परिणामस्वरूप विद्यार्थी व्याहारिक ज्ञान प्राप्त करने में असमर्थ रहते हैं।

(8) प्राथमिक कक्षाओं के लिए अनुपयुक्त - समस्या समाधान विधि प्राथमिक कक्षाओं के लिये उपयोगी नहीं है, क्योंकि इन कक्षाओं के विद्यार्थियों का मानसिक स्तर इतना ऊँचा नहीं होता कि वह समस्या का चुनाव कर सकें तथा समस्याओं का हल निकाल सकें।

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