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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2759
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- भारत में पर्यावरण संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर-

भारत में पर्यावरण की रक्षा तथा संवर्धन के लिए सरकारी तथा गैर-सरकारी ( संस्थागत तथा व्यक्तिगत) दोनों ही प्रकार के प्रयास चल रहे हैं। भारत में पर्यावरणीय प्रश्नों के समाधान के लिए समाजवादी तरीका या मार्ग को अपनाया गया है।

इस कार्य के लिए जनता की शिरकत, उसकी दिलचस्पी तथा उसकी सजग चेतना को अधिक प्राथमिकता दी गई। वास्तव में देखा जाय तो भारत में पर्यावरण की ओर गम्भीरता से ध्यान आकर्षित कराने का श्रेय संजय गाँधी को जाता है। युवक कांग्रेस के पाँच सूत्रों में से एक सूत्र 'पेड़ लगाओ' था। पहले पहल इस बात को बड़ी सतही तौर पर लिया गया किन्तु वृक्षारोपण कार्यक्रम के बारे में सरकार तथा आम जनता दोनों ने ही गहरी दिलचस्पी दिखाई।

सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए वन नीति तय की जिसके अन्तर्गत तय किया गया कि देश के कुल क्षेत्रफल का एक-तिहाई सुरक्षित जंगल हो । अतः विद्यमान जंगलों की रक्षा के लिए वन संरक्षक अधिनियम, 1980 लागू किया गया। इस अधिनियम के अनुसार कोई भी सुरक्षित वन किसी अन्य प्रकार के वन में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है और केन्द्र सरकार की स्वीकृति के बिना वन भूमि का किसी गैर-वन के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकता।

चूंकि कुल भूमि के 22.7 प्रतिशत भाग में ही जंगल हैं। इस कारण 1/3 हिस्से में सुरक्षित वन रखने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वन लगाने की वृहद योजनाओं की शुरुआत की गई। वृक्षारोपण आंदोलन के प्रति जनता की व्यापक दिलचस्पी जागृत हुई तथा वह वृक्षों की रक्षा के प्रति सचेत हुई।

वृक्षों की रक्षा के लिए कतिपय राज्य शासन ने इमारती लकड़ी के लिए जंगल कटाई का राष्ट्रीयकरण कर दिया है। सुन्दरलाल बहुगुणा द्वारा प्रारम्भ किया गया 'चिपको आन्दोलन' को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। कतिपय देशों में इस तरह के आन्दोलन प्रारम्भ हो गए हैं। केरल की सायलेंट वैली की रक्षा के लिए पर्यावरण विशेषज्ञों, पर्यावरण प्रेमियों तथा आन्दोलनकर्त्ताओं ने एक दीर्घ आन्दोलन चलाया। सुन्दरलाल बहुगुणा द्वारा शुरू किए गए 'चिपको आन्दोलन' को 1987 का राइट लिव्हलीहुड अवार्ड का 1 लाख डालर का पुरस्कार प्रदान किया गया।

राष्ट्रीय पर्यावरण आयोजन एवं समन्वय समिति - जनसंख्या की वृद्धि एवं फैलाव और आर्थिक विकास के सन्दर्भ में मानव पर्यावरण के सुधार की समस्याओं का पता लगाने, छानबीन करने और उनका हल सुझाने के लिए भारत सरकार ने 1972 में राष्ट्रीय पर्यावरण आयोजना एवं समन्वय समिति बनाई ।

पर्यावरण विभाग - भारत सरकार ने 1 नवम्बर, 1980 को पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रशासनतंत्र और कानूनी उपायों की गहन समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री की अधीनता में, एक नए पर्यावरण विभाग की स्थापना की।

पर्यावरण और वन मन्त्रालय - पर्यावरण और वन मंत्रालय में वर्तमान एकीकृत पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग की स्थापना 1 सितम्बर, 1985 में की गई थी। यह मन्त्रालय केन्द्रीय . सरकार के प्रशासनिक ढाँचे में पर्यावरणीय और वानिकी कार्यक्रमों के आयोजन, संवर्धन और समन्वय के लिए केन्द्र बिन्दु के रूप में कार्य करता है । मन्त्रालय का मुख्य उद्देश्य निम्न प्रकार है-

(1) प्राकृतिक संसाधनों का सर्वेक्षण और संरक्षण
(2) पर्यावरण की सुरक्षा और उनका पुनरुद्धार
(3) पर्यावरण की दृष्टि से कमजोर भागों या क्षेत्रों का विकास करना है।

इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जो उपाय उपयोग में लाये जाते हैं, उनमें हैं-

(1) सर्वेक्षण
(2) प्रभाव मूल्यांकन
(3) प्रदूषण नियन्त्रण और पुनरुद्धार कार्यक्रम

(4) ऐसे कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने वाली एसेन्सियों की सहायता करना

(5) समस्या के हल ढूंढ़ने के लिए अनुसंधान
(6) अपेक्षित जन-शक्ति के विस्तार के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण
(7) पर्यावरणीय सूचना का संकलन और वितरण
(8) पर्यावरणीय जागरुकता पैदा करना।

अधिनियम

भारत सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए कतिपय अधिनियम बनाए हैं। आजकल उद्यम, उद्योग स्थापना तथा भवन निर्माण के लिए पर्यावरण सम्बन्धी प्रमाणपत्र आवश्यक हो गया है। पर्यावरण सम्बन्धी अधिनियम इस प्रकार हैं-

(1) जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974

(2) वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981

(3) वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) उपकरण अधिनियम, 1977

(4) पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986।

पर्यावरण सम्बन्धी कुछ संगठन विभाग

(1) केन्द्रीय गंगा प्राधिकरण गंगा नदी के सफाई कार्यक्रम के लिए
(2) कृषि विभाग के अन्तर्गत भूमि तथा जल संरक्षण कार्य
(3) सामाजिक वृक्षारोपण
(4) वन्य प्राणी संरक्षण
(5) बाढ़ नियंत्रण निकाय
(6) राष्ट्रीय परती भूमि विकास बोर्ड।

दूरदर्शन, रेडियो, विज्ञापन आदि संचार माध्यमों द्वारा पर्यावरण सम्बन्धी प्रचार

सरकार द्वारा पर्यावरण सम्बन्धी जन-जागृति तथा चेतना उत्पन्न करने हेतु संचार व सम्प्रेषण के विविध माध्यमों का प्रयोग किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के प्रति जनता की गहरी रुचि देखने को मिली है।

अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग पर्यावरण के क्षेत्र में - ये अन्तर्राष्ट्रीय संगठन अग्र प्रकार हैं-

1. संयुक्त राष्ट्र संघ पर्यावरण कार्यक्रम
2. दक्षिण एशिया सहकारी पर्यावरण कार्यक्रम 
3. प्रकृति तथा प्राकृतिक संसाधन सुरक्षा 
4. एकीकृत पहाड़ी विकास अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र 

इन संगठनों में भारत अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विश्व बैंक एवं अन्य आर्थिक संगठनों के सहयोग से कोई 15 सामाजिक वानिकी के प्रकल्प भारत में चल रहे हैं।

विश्व की प्राकृतिक विरासत के रूप में कई राष्ट्रीय उद्यान, जैसे - राष्ट्रीय उद्यान, भरतपुर (राज0), मानस टाइगर रिजर्व असम काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम), विशेष विश्व सूची में सम्मिलित किए गए हैं। भारत में कई अन्य प्रकल्पों में भी विदेशी स्वयंसेवी संगठन सहयोग दे रहे हैं।

पुरस्कार - पर्याप्त रक्षा तथा संवर्धन के लिए किये जा रहे उल्लेखनीय प्रयासों के लिए राजकीय, संस्थागत तथा व्यक्तिगत पुरस्कारों का आयोजन किया गया है। ये पुरस्कार इस प्रकार हैं-

1. इन्दिरा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार - एक लाख रुपये के इस पुरस्कार की स्थापना केन्द्रीय सरकार ने की। सन् 1987 का पुरस्कार बाम्बे नेचरल हिस्ट्री सोसायटी को प्रदान किया गया।

2. बजाज पुरस्कार - एक-एक लाख रुपये के तीन पुरस्कारों की स्थापना जमनालाल बजाज फाउन्डेशन ने की।

3. के.पी. गोयनका अवार्ड - पर्यावरण के लिए एक लाख रुपये के इस पुरस्कार की स्थापना की गई।

4. संजय गाँधी अवार्ड - इस पुरस्कार की स्थापना संजय गाँधी मेमोरियल ट्रस्ट के द्वारा की गई है। इसके अन्तर्गत तीन एक-एक लाख रुपये के पुरस्कार पर्यावरण तथा परिस्थितिकी ऊर्जा तथा परिवार कल्याण तथा जनसंख्या नियंत्रण के क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया जाता है।

5. दादाभाई नौरोजी मेमोरियल प्राइस सम्मान - वृक्ष मित्र पर्यावरण के क्षेत्र में वनों की रक्षा या पेड़ों की रक्षा तथा उन्हें बढ़ाने में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को 'वृक्ष मित्र' का सम्मान प्रदान किया गया है।

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