बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पर्यावरण संरक्षण एवं परिवृद्धि के उपाय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पर्यावरण के संरक्षण एवं परिवृद्धि हेतु राजपत्र में केन्द्रीय शासन को प्रदत्त शक्तियाँ प्रदान की गयी हैं, जो इस प्रकार हैं-
(1) अधिनियम के उपबन्धों के अधीन रहते हुए केन्द्र सरकार को ऐसे सभी उपाय करने की शक्ति होगी, जो कि पर्यावरण संरक्षण और गुणवत्ता की अभिवृद्धि तथा पर्यावरण प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण तथा उपशमन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
(2) विशेष रूप से उपखण्ड 1 की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना इन उपायों में सभी के लिए या अग्रलिखित विषयों में से किसी एक के लिए किये गये उपाय शामिल होंगे-
(i) राज्य सरकारों, अधिकारियों तथा अन्य प्राधिकारियों के कार्यों का समन्वय।
(ii) पर्यावरण प्रदूषण के निवारण, नियन्त्रण तथा उपशमन के लिए राष्ट्र स्तर पर योजनाएँ बनाना तथा उनका निष्पादन करना।
(iii) पर्यावरण के गुणों के विभिन्न पहलुओं पर मापकों का निर्धारण करना ।
(iv) पर्यावरण प्रदूषकों के उत्सर्जन तथा निस्सारण के लिए इस खण्ड के अधीन भिन्न मानकों का निर्धारण करना।
(v) उन प्रक्रियाओं तथा अभिरक्षणों का निर्धारण करना जिनसे कि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
(vi) परिसंकटमय पदार्थों के उपयोग के सम्बन्ध में प्रक्रियाओं तथा अभिरक्षणों का निर्धारण करना।
(vii) पर्यावरण प्रदूषण के सम्बन्ध में सूचनाएँ एकत्र करके उनका प्रसार करना ।
(viii) पर्यावरण प्रदूषण के निस्तारण, नियन्त्रण तथा उपशमन से सम्बन्धित पुस्तकों, संहिता या मार्गदर्शिकाओं को तैयार करना ।
(3) अधिकारियों की नियुक्ति एवं उनके अधिकार एवं कर्त्तव्य-
(i) धारा 3 की उपधारा (iii) के उपबन्धों पर बिना प्रतिकूल प्रभाव डाले केन्द्र सरकार अधिकारियों की नियुक्ति ऐसे पदनामों सहित कर सकती है, जैसा कि वह उचित समझे। इस अधिनियम के प्रयोजनार्थ उन्हें ऐसे अधिकार एवं शक्तियाँ सौंप सकती है, जो कि अधिनियम के अन्तर्गत उचित समझे ।
(ii) उपधारा (i) के अन्तर्गत अधिकारियों की नियुक्ति केन्द्रीय सरकार के साधारण नियन्त्रण तथा निर्देशन के अधीन होगी।
(4) निर्देश देने का अधिकार - इस अधिनियम के उपबन्धों के अधीन रहते हुए केन्द्रीय सरकार अपनी शक्ति के प्रयोग में तथा कार्यों के निर्वहन में इस अधिनियम के अन्तर्गत लिखित रूप से किसी भी व्यक्ति, अधिकारी या किसी भी प्राधिकारी को निर्देश दे सकती है तथा ऐसे व्यक्ति,अधिकारी या प्राधिकारी निर्देशों के अनुपालन हेतु बाध्य होंगे।
(5) पर्यावरण सम्बन्धी प्रदूषण के लिए विनियमन सम्बन्धी नियम-
(i) केन्द्रीय सरकार शासकीय राजतंत्र में अधिसूचना द्वारा सभी विषयों से सम्बन्धित या धारा 3 में निर्दिष्ट किसी भी विषय से सम्बन्धित नियम बना सकती है।
(ii) विशिष्ट रूप से पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना सभी के लिए या निम्नलिखित में से किसी भी विषयों के लिए प्रावधानित किया जा सकेगा, मुख्यतः-
(a) विभिन्न क्षेत्रों तथा प्रयोजनों के लिए वायु, जल या मृदा गुण-मानक।
(b) विभिन्न क्षेत्रों के लिए विभिन्न पर्यावरण प्रदूषकों की सान्द्रता, अधिकतम सीमा निर्धारण आदि।
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