बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- हिन्दी शिक्षण में पद्य का महत्त्व बताते हुए कक्षा सात के लिए पद्य की एक पाठ-योजना बनाइए।
अथवा
कक्षा सात के लिए एक कविता का चयन करते हुए उस पर एक पूर्ण पाठ योजना तैयार कीजिए।
उत्तर-
पाठ योजना - 1
Image - 86 Table 87, 88, 89, 90, 91
विद्यालय - सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज पी. ए. सी. श्यामनगर, कानपुर। |
विषय - हिन्दी | कक्षा - VII B |
उपविषय-पद्य | चक्र - द्वितीय | |
दिनांक- 29 जनवरी, 2025. | प्रकरण - भिक्षुक | अवधि - 40 मिनट |
सामान्य उद्देश्य
(1) छात्रों के हृदय में मातृ भाषा के प्रति प्रेम व श्रद्धा उत्पन्न करना।
(2) छात्रों में लय-ताल मधुरता एवं भावानुसार कविता पढ़ने की क्षमता उत्पन्न करना।
(3) छात्रों की कल्पना शक्ति एवं शब्द- अर्थमूलक सौन्दर्यानुभूति की वृद्धि करना।
(4) छात्रों में काव्य के सत्यम, शिवम, सुन्दरम् पक्षों को पूर्णरूपेण आत्मसात करने की क्षमता
उत्पन्न करना।
(5) उनके उदात्त भावों का संवर्धन करके चरित्र निर्माण में योगदान देना।
(6) छात्रों की संरचनात्मक प्रतिभा को सजग करके उन्हें काव्य रचना की ओर प्रेरित करना।
(7) कविता द्वारा छात्रों के संवेगों का परिष्कार करना।
विशिष्ट उद्देश्य
विशिष्ट उद्देश्य के पक्ष | अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन |
1. ज्ञानात्मक पक्ष | 1.1 - बच्चे भिक्षुकों की स्थिति बता सकेंगे। |
1.2 - विद्यार्थी बता सकेंगे कि भूख कितनी पीड़ादायी होती है। | |
2. अवबोधात्मक पक्ष | 2.1 - विद्यार्थी भिक्षुक के कार्यों को बता सकेंगे। |
2.2 - विद्यार्थी भिक्षुक की भावनाओं को बता सकेंगे। | |
3. कौशलात्मक पक्ष | 3.1 - भिक्षुकों के कार्यों को जान सकेंगे। |
3.2 - विद्यार्थी भिक्षुकों के द्वारा किये जाने वाले कार्यों को जान सकेंगे। | |
4. अनुप्रयोगात्मक पक्ष | 4. 1 - भिक्षुकों की स्थिति को समझाते हुए भिक्षावृत्ति को समाप्त करने का प्रयास कर सकेंगे। |
4.2 - छात्र गरीबों की सहायता कर सकेंगे। |
सहायक सामग्री - भिक्षुकों की दशा प्रदर्शित करता हुआ चार्ट व अन्य सामान्य सहायक सामग्री। पूर्व ज्ञान - छात्र भिक्षुकों के विषय में सामान्य जानकारी रखते हैं और उनकी स्थिति से भी सामान्य रूप से परिचित हैं।
प्रस्तावना | छात्राध्यापिका क्रियाएँ | छात्र क्रियाएँ |
1. भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख पर्वों के नाम बताइये। | होली, दीपावली, ईद, क्रिसमस आदि। | |
2. पर्वो पर हम क्या करते हैं? | खुशियाँ मनाते हैं। | |
3. पर्वों पर हम दान किसे देते हैं? | भिखारियों को। |
उद्देश्य कथन - आज हम भिक्षुक नामक कविता का अध्ययन करेंगे।
प्रस्तुतीकरण | शिक्षण बिन्दु | छात्राध्यापिका क्रियाएँ | छात्र क्रियाएँ | शिक्षण विधि सहायक सामग्री |
श्यामपट्ट कार्य |
वह आता पर आता। साथ. .................. बच्चे ................. पीकर रह जाते। |
भिक्षुक की वेदनाओं को लिखते हुए कवि कहता है कि वह मुहल्ले के रास्ते को गलियों पर आते समय अपने भाग्य पर पछताते हुए अपने मन में अनेक विचार लाता है। भूख से उसकी पेट और पीठ दोनों आपस में सटकर एक जैसे लगने लगते हैं वह अपनी लकुटी के सहारे चलता हुआ प्रत्येक दरवाजे पर अपनी झोली का मुँह कुछ दाने पाने के लिए फैलाता है पुनः अपने हृदय को टूटा हुआ पाकर पछताता हुआ रास्ते पर चला जाता है। विकासात्मक प्रश्न 1. किसके पेट और पीठ मिलकर एक हो गये हैं?- 2. भिक्षुक किसके सहारे चल रहा है? 3. भिक्षुक प्रत्येक दरवाजे पर क्या फैलाता है? आदर्श वाचन कवि कहता है कि भिक्षुक के साथ उसके दो बच्चे भी हैं। वह सदैव हाथ फैलाए रहते हैं जब उनके होंठ भूख के कारण सूख जाते हैं तो वे सोचते हैं कि भाग्य निर्माता ने हमारे भाग्य में क्या लिखा है। यह सोचकर वे अपने कष्ट को अपने दिल में छिपाकर रखने की कोशिश करते हैं। |
शान्त होकर ध्यानपूर्वक सुनते है। उ०- भिक्षुक के। उ०- लकुटी के उ०- झोली का मुँह छात्र मौन रहकर ध्यानपूर्वक सुन रहे हैं। |
व्याख्या विधि प्रश्नोत्तर विधि व्याख्या विधि |
दो टूक- दो टुकड़े कलेजा - दिल लकुटी - लाठी पथ - रास्ता टेक - सहारा सदा - हमेशा कष्ट - दुःख कोशिश - प्रयास |
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विकासात्मक प्रश्न 1. भिक्षुक के साथ कितने बच्चे हैं? 2. बच्चों का बायाँ हाथ कहाँ है? 3. बच्चे किसका घूँट पीकर रह जाते हैं? |
दो। पेटपर। आँसुओं का। |
प्रश्नोत्तर विधि |
बोध प्रश्न -
1. भिक्षुक क्या करता है?
उत्तर- भिक्षुक प्रत्येक घर के द्वार पर अपनी झोली का मुँह फैलाता है।
2. भिक्षुक के कपड़े कैसे होते हैं?
उत्तर- भिक्षुक के कपड़े फटे हुए गन्दे से होते हैं।
3. भिक्षुक क्या सोचता है?
उत्तर- भिक्षुक सोचता है कि भाग्य निर्माता ने हमारे भाग्य में क्या लिखा है?
4. आप भिक्षुओं को क्या देते हैं?
उत्तर- हम भिक्षुओं को रोटी, चावल, कपड़े व पैसे आदि देते हैं।
श्यामपट्ट सारांश-
शब्दार्थ
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
दो टूक | दो टुकड़े | कलेजा | दिल |
लकुटी | लाठी | पथ | रास्ता |
टेक | सहारा | सदा | हमेशा |
कष्ट | दुःख | कोशिश | प्रयास |
निरीक्षण कार्य - छात्राध्यापिका सभी छात्र व छात्राओं को श्यामपट कार्य को अपनी अभ्यास पुस्तिका पर उतारने का आदेश देगी और स्वयं पूरी कक्षा में घूम-घूमकर निरीक्षण कार्य करेगी।
पुनरावृत्ति प्रश्न -
1. किसके पेट और पीठ मिलकर एक हो गये हैं?
2. भिक्षुक किसके सहारे चलता है?
3. भिक्षुक प्रत्येक दरवाजे पर क्या फैलाता है?
4. भिक्षुक के साथ कितने बच्चे हैं?
5. भिक्षुक के बच्चे किसका घूँट पीकर रहते हैं?
गृहकार्य - सभी छात्र भिक्षुक कविता को याद करेंगे और भिक्षुक कविता को अपनी अभ्यास पुस्तिका पर लिखकर लायेंगे।
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