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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2760
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- कविता शिक्षण हेतु कक्षा 10 के लिये किसी एक कविता को लेकर पाठ योजना का निर्माण कीजिए।

उत्तर-

पाठ योजना सं० 2
विद्यालय - तिलक इण्टर कॉलेज, कानपुर
विषय - हिन्दी कविता
शीर्षक - सान्ध्य गीत I
कक्षा - 10अ
चक्र - द्वितीय
दिनांक - 4.10.2025
अवधि - 40 मिनट

सामान्य उद्देश्य -

1. छात्राओं को हिन्दी कविता के शिक्षण द्वारा हिन्दी भाषा व साहित्य से परिचित करना।
2. छात्राओं को काव्य के भाव पक्ष एवं कला-पक्ष का रसास्वादन करना।
3. छात्राओं को कविता के सस्वर पठन-पाठन सहित काव्य कला के विभिन्न पक्षों से अवगत कराना।
4. कविता शिक्षण के माध्यम से छात्राओं में काव्य रचना की सृजनात्मक प्रतिभा जाग्रत करना।
5. छात्राओं की निरीक्षण, तर्क, जिज्ञासा, कल्पना व चिन्तन आदि मानसिक शक्तियों का विकास करना।

विशिष्ट उद्देश्य -

1. छात्राओं के समक्ष महादेवी वर्मा के 'सान्ध्यगीत' नामक कविता संग्रह की कविता 'चिर सजग दूर जाना' के शिक्षण के अन्तर्गत कविता का सन्दर्भ सस्वर वाचन, अनुकरण - वाचन, उच्चारण संशोधन, शब्दार्थ, भाव- पक्ष एवं कलापक्ष आदि की व्याख्या करना।
2. छात्राओं को कवयित्री महादेवी वर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से परिचित करना।
महादेवी वर्मा का चित्र, परिचय तथा पुस्तक सान्ध्यगीत।
1. छात्रायें महादेवी वर्मा के कवित रूप की सामान्य जानकारी रखती हैं।
2. छात्रायें काव्य के रस, अलंकार, छन्द कलापक्ष एवं भावपक्ष आदि से भली-भाँति परिचित हैं।
3. छात्रायें रसानुसार कविता के सस्वर पठन-पाठन तथा वाचन आदि की विधियों की जानकार हैं।

शिक्षण उद्देश्य  -- सहायक सामग्री, पूर्व ज्ञान

प्रस्तावना - छात्राध्यापिका छात्राओं से निम्न प्रकार करेंगी-

क्रम प्रश्न उत्तर
1. छायावाद के कुछ प्रमुख कवियों के नाम बताइये। प्रसाद, पंत, निराला और महादेवी वर्मा।
2. छात्राध्यापिका छात्राओं को महादेवी वर्मा का चित्र दिखाकर प्रश्न करेगी। यह किसका चित्र है? यह महान कवयित्री महादेवी वर्मा का चित्र है।
3. महादेवी वर्मा की रचनाओं में प्रमुख रूप से किन-किन रसों का निर्वाह किया गया है? करुण, श्रृंगार और वीर रस।
4. महादेवी जी की कविता - चिर- सजग-दूर जाना के  भाव व रस का वर्णन कीजिए। मौन ( समस्या)।

 

उद्देश्य कथन - महादेवी वर्मा प्रेम, सौन्दर्य और विरह की कोमल भावनाओं से युक्त कवयित्री हैं। आज हम उनकी वीर रस प्रधान ओजस्वी कविता चिर सजग-दूर जाना का अध्ययन करेंगे।

प्रस्तुतीकरण - सम्पूर्ण कविता को एक ही अन्विति या सोपान में पढ़ाया जायेगा।

आदर्शवचन - छात्राध्यापिका सम्पूर्ण कविता का भावानुसार समुचित ध्वनि, स्तर, प्रवाह, आरोह-अवरोह तथा भाव भंगिमाओं के साथ सस्वर वाचन करेंगी।

अनुकरण वाचन - छात्राध्यापिका कक्षा की कुछ छात्राओं से प्रस्तुत कविता का सरस्वर अनुकरण वाचन करायेंगी।

उच्चारण शोधन - छात्राध्यापिका अनुकरण-वाचन के दौरान छात्राओं की उच्चारण, प्रवाह, आरोह अवरोह तथा रसानुभूति से सम्बन्धित गलतियों में उन्हीं के सहयोग से संशोधन करेंगी।

शब्द अर्थ विधि विवरण
चिर सजग लम्बे समय से जागती हुई विलोम सोई हुई
उनींदी अलसाई प्रश्नोत्तर प्रश्न- नींद की खुमारी को क्या कहते हैं?
      उत्तर- नींद की खुमारी को उनींदापन कहते हैं।
अस्त-व्यस्त अव्यवस्थित वाक्य प्रयोग शीघ्रता में वह अस्त-व्यस्त हो जाता है।
बाना वेश या रूप वाक्य प्रयोग यह कैसा वाना-बाना रखा है।
हिमगिरि हिमालय पर्वत प्रश्नोत्तर प्रश्न- हिम से आच्छादित पर्वत को क्या कहते हैं?
      उत्तर- हिमगिरि
विद्युत शिखा बिजली की लकीर तुलना जिस प्रकार दीपक की लौ को दीप शिखा कहते हैं, उसी प्रकार विद्युत की लकीर को विद्युत शिखा कहते हैं।

 

भावार्थ शिक्षण - छात्राध्यापिका कविता की एक-एक पंक्ति को पढ़कर छात्राओं से तत्सम्बन्धित निम्नांकित प्रश्न पूछेंगी और समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करेंगी-

प्रश्न उत्तर
1. महादेवी जी कौन से पथ पर चलना चाहती हैं? साधना के पथ पर चलना चाहती हैं।
2. वे स्वयं से किस वस्तु को दूर रखना चाहती हैं? वे आलस को स्वयं से दूर रखना चाहती हैं।
3. वे अपने प्राणों को सम्बोधित करते हुए अपने देश के विषय में क्या कहती हैं? वे कहती हैं कि उनके प्राणों का वेश आज अस्त-व्यस्त क्यों हैं?
4. आलस के विषय में वे क्या कहती हैं? वे कहती हैं- आलस का त्याग कर अब जाग जाओ।
5. महादेवी जी का लक्ष्य क्या है? महादेवी जी का लक्ष्य बहुत दूर जाकर बड़ी साधना करना है।
6. उन्होंने अपना मार्ग किस प्रकार निर्धारित किया है? महादेवी जी कहती हैं कि आज चाहे स्थिर हिमालय प्रकम्पित हो जाये आकाश से प्रलय वर्षा होने लगे, घोर अन्धकार प्रकाश को निगल जाए अथवा कड़कती बिजली के साथ तूफान ही क्यों न आ जाए, तब भी तुम्हें उस विनाश लीला में अपने निशान छोड़ते हुए साधना के पथ से विचलित न होकर आगे बढ़ते जाना है।
7. वे पुनः अपने प्राणों से क्या कहती हैं? वे कहती हैं, हे प्राण!अब तू जाग जा, क्योंकि तुझे अभी बहुत दूर जाना है।

 

तुलना - छात्राध्यापिका छात्राओं से महादेवी जी की उक्त कविता से तुल्य कोई अन्य कविता सुनाने के लिए प्रश्न करेगी-

प्रश्न उत्तर
1. महादेवी जी की इस कविता से मिलती-जुलती कोई अन्य कविता है- मेरी मंजिल यहाँ सुनाइये। कविवर डॉ. ईश्वरदत्त शील की एक कविता नहीं है, मुझको दूर कहीं है जाना, जहाँ न अपना ओ बेगाना, स्वप्नों की मिटती दुनिया पर मानव रहता है बेगाना, मुझको दूर कहीं है जाना।

 

कला पक्ष या सौन्दर्य बोध - छात्राध्यापिका छात्राओं से प्रस्तुत कविता के कला पक्ष से सम्बन्धित निम्नलिखित प्रश्न करेंगी-

प्रश्न उत्तर
1. महादेवी जी की यह कविता किस भाषा और बोली में है? यह कविता हिन्दी की खड़ी बोली में है।
2. इसमें कौन-सा अलंकार हैं? इसमें हिमगिरि के हृदय में कम्प, व्योम का रोना, तिमिर का डोलना तथा तूफान के बोलने आदि के कारण मानवीकरण अलंकार है।
3. इसमें कौन सी शब्द शक्ति का प्रयोग हुआ है? इसमें लक्षणा का प्रयोग किया गया है।
4. इस कविता में कौन सा रस है? इस कविता में वीर रस की प्रधानता है।

 

श्यामपट्ट कार्य- छात्राध्यापिका श्यामपट्ट पर उपर्युक्त शब्दार्थ कार्य का छात्राओं के सहयोग से लेखन करेंगी तथा छात्रायें उसे अपनी अभ्यास पुस्तिकाओं पर उतारेंगी।

आवृत्ति प्रश्न- छात्राध्यापिका छात्राओं से प्रस्तुत कविता के शिक्षण से सम्बद्ध निम्नांकित आवृत्ति या पुनरावृत्ति प्रश्न करेंगी-

प्रश्न उत्तर
1. कविता में किस रस का परिपाक हुआ है? वीर रस का परिपाक हुआ है।
2. महादेवी जी साधना पथ में किस वस्तु का त्याग कर देना चाहती हैं? महादेवी जी आलस्य व प्रमाद का त्याग करना चाहती हैं।
3. महादेवी जी के प्राण कहाँ जाने को व्याकुल हैं? महादेवी जी के प्राण बहुत दूर जाने को आतुर हैं।

गृहकार्य - छात्राध्यापिका छात्राओं को निम्न कार्य घर से करके लाने का निर्देश देंगी-

1. महादेवी जी की इस कविता से प्रेरित होकर किसी कविता की रचना कर घर से लिखकर लाइये।

2. इस कविता के भाव सरल शब्दों में लिखकर लाइये।

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