बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- वस्त्रों के चुनाव को प्रभावित करने वाले तत्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा
वर्तमान समय में वस्त्र सम्बन्धी आवश्यकता, माँग को प्रभावित करने वाले तत्वों का वर्णन कीजिए।
अथवा
वस्त्रों के चयन को कौन-कौन से तत्व प्रभावित करते हैं?
उत्तर -
वस्त्रों का चयन करते समय महिला की पसन्द को कई तरह के तत्व प्रभावित करते हैं, क्योंकि प्राचीन समय में वस्त्र दो तरह के होते थे -
1. कार्य के वस्त्र - इन वस्त्रों को दैनिक कार्यों में पहना जाता था।
2. विशिष्ट वस्त्र - इन वस्त्रों को कुछ विशेष अवसरों पर पहना जाता था।
वर्तमन समय में वस्त्रों के निम्नलिखित प्रकार के होते हैं -
1. विशिष्ट वस्त्र,
2. औपचारिक वस्त्र,
3 अनौपचारिक वस्त्र,
4. खेल के वस्त्र,
5. कार्य के वस्त्र।
वस्त्रों के चयन को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित तत्व हैं -
1. जनसंख्या में वृद्धि - जितनी तीव्र गति से जनसंख्या बढ़ रही है उसी तीव्रता से वस्त्र उद्योगों की भी वृद्धि हो रही है। जब जनसंख्या की वृद्धि होगी तो वस्त्रों की भी आवश्यकता होगी।
2. आय में वृद्धि - जैसे-जैसे मनुष्य की आय में वृद्धि होती जाती है, वैसे-वैसे ही वस्त्रों पर खर्च करता है। जब आय में वृद्धि होगी तो वस्त्रों पर अधिक व्यय होता है
3. पारिवारिक एवं भौगोलिक स्थिति - ग्रामीण परिवारों से शहरी परिवार के मनुष्य अधिक मँहगे वस्त्र खरीदते हैं। गाँव के किसान परिवारों को शहर के फैशन की जानकारी कम होती है। जैसे-जैसे किसानों की आय में वृद्धि होती जाती है वैसे-वैसे उनका भी वस्त्र पर खर्च बढ़ गया है, क्योंकि टी.वी., रेडियो, समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के द्वारा उन्हें भी जानकारी प्राप्त होती रहती है। इस प्रकार से अब गाँव के किसान परिवारों के वस्त्र भी शहरी परिवारों के समान होने लगे हैं। ग्रामीण परिवारों में उनका आय का अधिक अनुपात व्यक्तिगत देख-रेख पर व्यय होता है, क्योंकि ग्रामीण परिवार शहरी परिवारों से (बड़े) संयुक्त परिवार होते हैं। जिस स्थान पर परिवार निवास करता है वहाँ की भौगोलिक स्थिति का भी प्रभाव उसके वस्त्रों पर पड़ता है। ठण्डे मौसम वाले स्थानों पर गर्म कपड़ों का चलन होता है जबकि गर्म मौसम वाले स्थान पर मँहगें वस्त्रों का चलन होता है।
4. व्यवसाय का वस्त्रों पर प्रभाव - मकान में यदि कोई बड़ा व्यवसाय या कारखाना है तो उसका प्रभाव वस्त्रों पर पड़ता है, यदि कोई बड़ा अधिकारी है तो उसके वस्त्रों का चयन अलग ही होगा। व्यवसायी के परिवर के सदस्य वस्त्र पर अधिक व्यय करते हैं।
5. महिलाओं की बदलती स्थिति का प्रभाव - पहले के समय में महिलायें घर की चारदीवारी में ही रहती थीं, उनके वस्त्रों पर अधिक व्यय नहीं होता था, परन्तु आज के समय में स्त्री-पुरुष के समान ही धन तो अर्जित कर रहीं हैं वह अपने वस्त्रों का चुनाव स्वयं करती हैं। आज की महिला अच्छे किस्म के वस्त्रों पर ध्यान देती है।
6. शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति का प्रभाव - आवास एवं भोजन की आवश्यकता से अधिक शारीरिक आवश्यकता होती है। वस्त्रों के द्वारा ही शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है। शरीर को गर्मी में ठण्ड तथा सर्दी में गर्म रखने के लिए वस्त्र को उपयोग में लाया जाता है। गर्मी के दिनों में सूर्य की किरणें धूप के रूप में शरीर में पहुँचती हैं तो सूती वस्त्र हमारी रक्षा करते हैं। जबकि ठण्ड में बर्फीली हवाएँ हमारे शरीर पर पड़ती है तो ऊनी वस्त्र हमारी रक्षा करते हैं। मनुष्य को अपने शरीर के अनुसार बने वस्त्र आराम पहुँचाते हैं तथा कुछ विशेष प्रकार के व्यवसायों में विशेष प्रकार के वस्त्रों की आवश्यकता होती है जो कि उनको कार्य करने में सहायक होते हैं।
7. समुदाय में वस्त्रों का प्रभाव - कुछ इस तरह के भी वस्त्र होते हैं जो कि समूह के द्वारा स्वीकार किए जाते हैं। जैसे विवाह में एक विशेष प्रकार के वस्त्र पहनना, बच्चों के स्कूल के वस्त्र, पार्टी के वस्त्र, खेलकूद व व्यवसाय के वस्त्र तथा नौकरी के इन्टरव्यू के वस्त्र इत्यादि। यदि उचित वस्त्र पहनते हैं तो समुदाय में पारिवारिक स्थिति उससे अच्छी होती है।
8. दार्शनिकता का वस्त्रों पर प्रभाव - परिवार की दार्शनिकता का प्रभाव वस्त्रों पर विशेष रूप से पड़ता है, क्योंकि कुछ परिवारों का मुख्य उद्देश्य यह है कि वस्त्र केवल शारीरिक सुरक्षा प्रदान करते हैं तथा संस्कृति की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं जबकि अन्य व्यक्तियों के लिए यह एक कला है और व्यक्तित्व को अभिव्यक्त करने का एक माध्यम है।
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- प्रश्न- विभिन्न प्रकार की बुनाइयों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 1. स्वीवेल बुनाई, 2. लीनो बुनाई।
- प्रश्न- वस्त्रों पर परिसज्जा एवं परिष्कृति से आप क्या समझती हैं? वस्त्रों पर परिसज्जा देना क्यों अनिवार्य है?
- प्रश्न- वस्त्रों पर परिष्कृति एवं परिसज्जा देने के ध्येय क्या हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (1) मरसीकरण (Mercercizing) (2) जल भेद्य (Water Proofing) (3) अज्वलनशील परिसज्जा (Fire Proofing) (4) एंटी-सेप्टिक परिसज्जा (Anti-septic Finish)
- प्रश्न- परिसज्जा-विधियों की जानकारी से क्या लाभ है?
- प्रश्न- विरंजन या ब्लीचिंग को विस्तापूर्वक समझाइये।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabrics) का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- कैलेण्डरिंग एवं टेण्टरिंग परिसज्जा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिंजिइंग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- साइजिंग को समझाइये।
- प्रश्न- नेपिंग या रोयें उठाना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - i सेनफोराइजिंग व नक्काशी करना।
- प्रश्न- रसॉयल रिलीज फिनिश का सामान्य परिचय दीजिए।
- प्रश्न- परिसज्जा के आधार पर कपड़े कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- कार्य के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- स्थायित्व के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabric) किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- स्काउअरिंग (Scouring) या स्वच्छ करना क्या होता है? संक्षिप्त में समझाइए |
- प्रश्न- कार्यात्मक परिसज्जा (Functional Finishes) किससे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- रंगाई से आप क्या समझतीं हैं? रंगों के प्राकृतिक वर्गीकरण को संक्षेप में समझाइए एवं विभिन्न तन्तुओं हेतु उनकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रोद्योग में रंगाई का क्या महत्व है? रंगों की प्राप्ति के विभिन्न स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रंगने की विभिन्न प्रावस्थाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कपड़ों की घरेलू रंगाई की विधि की व्याख्या करें।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा रंगों द्वारा कैसे की जाती है? बांधकर रंगाई विधि का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बाटिक रंगने की कौन-सी विधि है। इसे विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- वस्त्र रंगाई की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों की रंगाई के समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- डाइरेक्ट रंग क्या हैं?
- प्रश्न- एजोइक रंग से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- रंगाई के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? संक्षिप्त में इसका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dye) के लाभ तथा हानियाँ क्या-क्या होती हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक रंग (Natural Dyes) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dyes) के क्या-क्या उपयोग होते हैं?
- प्रश्न- छपाई की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इंकजेट (Inkjet) और डिजिटल (Digital) प्रिंटिंग क्या होती है? विस्तार से समझाइए?
- प्रश्न- डिजिटल प्रिंटिंग (Digital Printing) के क्या-क्या लाभ होते हैं?
- प्रश्न- रंगाई के बाद (After treatment of dye) वस्त्रों के रंग की जाँच किस प्रकार से की जाती है?
- प्रश्न- स्क्रीन प्रिटिंग के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्टेन्सिल छपाई का क्या आशय है। स्टेन्सिल छपाई के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक रंगाई प्रक्रिया के बारे में संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- ट्रांसफर प्रिंटिंग किसे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक छपाई (Polychromatic Printing) क्या होती है? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए : (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
- प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
- प्रश्न- कसूती कढ़ाई का विस्तृत रूप से उल्लेख करिए।
- प्रश्न- सांगानेरी (Sanganeri) छपाई का विस्तृत रूप से विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कलमकारी' छपाई का विस्तृत रूप से वर्णन करिए।
- प्रश्न- मधुबनी चित्रकारी के प्रकार, इतिहास तथा इसकी विशेषताओं के बारे में बताईए।
- प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जरदोजी कढ़ाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- इकत शब्द का अर्थ, प्रकार तथा उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बगरू (Bagru) छपाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कश्मीरी कालीन का संक्षिप्त रूप से परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों पर संक्षिप्त में एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
- प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
- प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए |
- प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पटोला वस्त्रों का निर्माण भारत के किन प्रदेशों में किया जाता है? पटोला वस्त्र निर्माण की तकनीक समझाइए।
- प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरुषों के वस्त्र खरीदते समय आप किन बातों का ध्यान रखेंगी? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों के चुनाव को प्रभावित करने वाले तत्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फैशन के आधार पर वस्त्रों के चुनाव को समझाइये।
- प्रश्न- परदे, ड्रेपरी एवं अपहोल्स्ट्री के वस्त्र चयन को बताइए।
- प्रश्न- वस्त्र निर्माण में काम आने वाले रेशों का चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- रेडीमेड (Readymade) कपड़ों के चुनाव में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- अपहोल्सटरी के वस्त्रों का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- गृहोपयोगी लिनन (Household linen) का चुनाव करते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है?
- प्रश्न- व्यवसाय के आधार पर वस्त्रों के चयन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूती वस्त्र गर्मी के मौसम के लिए सबसे उपयुक्त क्यों होते हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर के अनुकूल वस्त्रों का चयन किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- मौसम के अनुसार वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- वस्त्रों का प्रयोजन ही वस्त्र चुनाव का आधार है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों हेतु वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करेंगी?
- प्रश्न- गृह उपयोगी वस्त्रों के चुनाव में ध्यान रखने योग्य बातें बताइए।
- प्रश्न- फैशन एवं बजट किस प्रकार वस्त्रों के चयन को प्रभावित करते हैं? समझाइये |
- प्रश्न- लिनन को पहचानने के लिए किन्ही दो परीक्षणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ड्रेपरी के कपड़े का चुनाव कैसे करेंगे? इसका चुनाव करते समय किन-किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है?
- प्रश्न- वस्त्रों की सुरक्षा एवं उनके रख-रखाव के बारे में विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रों की धुलाई के सामान्य सिद्धान्त लिखिए। विभिन्न वस्त्रों को धोने की विधियाँ भी लिखिए।
- प्रश्न- दाग धब्बे कितने वर्ग के होते हैं? इन्हें छुड़ाने के सामान्य निर्देशों को बताइये।
- प्रश्न- निम्नलिखित दागों को आप किस प्रकार छुड़ायेंगी - पान, जंग, चाय के दाग, हल्दी का दाग, स्याही का दाग, चीनी के धब्बे, कीचड़ के दाग आदि।
- प्रश्न- ड्राई धुलाई से आप क्या समझते हैं? गीली तथा शुष्क धुलाई में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- वस्त्रों को किस प्रकार से संचयित किया जाता है, विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों को घर पर धोने से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- धुलाई की कितनी विधियाँ होती है?
- प्रश्न- चिकनाई दूर करने वाले पदार्थों की क्रिया विधि बताइये।
- प्रश्न- शुष्क धुलाई के लाभ व हानियाँ लिखिए।
- प्रश्न- शुष्क धुलाई में प्रयुक्त सामग्री व इसकी प्रयोग विधि को संक्षेप में समझाइये?
- प्रश्न- धुलाई में प्रयुक्त होने वाले सहायक रिएजेन्ट के नाम लिखिये।
- प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचित करने का क्या महत्व है?
- प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचयित करने की विधि बताए।