बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवादसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारत में मध्यम वर्ग का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
2. भारतीय राष्ट्रवाद के विकास की दृष्टि से मध्यम वर्ग का क्या महत्व रहा?
उत्तर -
भारत में मध्यम वर्ग का उदय
भारत में मध्यमवर्गीय चेतना का विधिवत् शुभारम्भ सन् 1825 ई. के आस-पास बंगाल में राजा राममोहन राय द्वारा किया गया। यह मध्यम वर्ग बड़े-बड़े नगरों में रहने वाला अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त एक बुद्धिजीवी वर्ग था। इसका उद्देश्य शासन-प्रशासन में सहभागिता करना था। इस नवोदित मध्यम वर्ग ने भारतीय राष्ट्रवादी भावना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। अंग्रेजी शासन के प्रसार के फलस्वरूप में मध्यकालीन अनेक राजे-रजवाड़े और उनकी सामन्तवादी शासन प्रणालियाँ समाप्त हो चुकी थीं। इसी के परिणामस्वरूप तत्कालीन शासन व्यवस्था में मध्यम वर्ग का उदय हुआ। मध्यम वर्ग के उदय के इसी के साथ कई अन्य कारण भी रहे जिनका कि उल्लेख अग्रलिखित शीर्षकों के अर्न्तगत किया जा सकता है -
भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारण - मध्यम वर्ग के उदय के निम्नलिखित प्रमुख कारण रहें-
(i) 1857 ई. जैसा स्वतन्त्रता संग्राम पुनः न हो पाना - 1870 ई. तक आते-आते यह बात स्पष्ट हो चुकी थी नवीन परिस्थितियों में सार्थक व प्रगतिशील नेतृत्व कर पाने के मामले में ब्राह्मणों व मौलवियों का प्रभाव कम हो गया था। अतः ऐसे में 1857 ई. जैसे किसी सशस्त्र स्वतन्त्रता संग्राम की आशा क्षीण प्रतीत होने लगी थी और इसी निराशा ने मध्यम वर्ग के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(ii) भारतीय राजे-महाराजों व नवाबों की प्रशासकीय दुर्बलता - तत्कालीन परिस्थितियों में मध्यम वर्ग के उदय का एक प्रमुख कारण भारतीय राजे-महाराजों और नवाबों की दुर्बलता भी थी। यह प्रशासन व्यवस्था के कुशल संचालन एवं सशक्त नेतृत्व करने के मामले में असमर्थ हो चुके थे।
(iii) कृषकों तथा श्रमिकों की दयनीय स्थिति - भारत में तत्कालीन स्थितियाँ अत्यन्त चिन्तनीय थी और उनमें भी भारतीय 'कृषकों' तथा 'श्रमिकों की स्थिति तो अत्यन्त ही दयनीय थी। वे असहाय और असंगठित थे और उनसे किसी प्रकार के नेतृत्व की आशा भी नहीं की जा सकती थी। अतः इन स्थितियों में मध्यम वर्ग का उदय होना स्वाभाविक ही था।
(iv) नेतृत्वकर्ता विकासशील वर्ग की आवश्यकता - तत्कालीन स्थितियों में एक ऐसे वर्ग की आवश्यकता थी जो कुशल नेतृत्व प्रदान कर सके। प्रारम्भ में मध्यम वर्ग छोटा था परन्तु फिर भी यह विकासशील था। इसने शीघ्र ही पाश्चात्य शिक्षा व ज्ञान का अर्जन करके स्वयं में नेतृत्व की क्षमता का विकास कर लिया। तत्कालीन परिस्थितियों में ऐसे नेतृत्वकर्ता वर्ग की अत्यधिक आवश्यकता थी और इस वर्ग के उदय व विकास में इस आवश्यकता का भी प्रमुख योगदान रहा।
भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की भूमिका - भारत में उदित मध्यमवर्गीय चेतना का प्रमुख उद्देश्य ब्रिटिश शासन व प्रशासन की समझ प्राप्त करके इसमें अपेक्षित सुधारों को लागू करना था। इस वर्ग ने भारत में अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीतियों तथा इंग्लैण्ड में उनकी प्रजातान्त्रिक संस्थाओं के मध्य व्याप्त अन्तर को भली प्रकार समझा। इस समझ के आधार पर मध्यम वर्ग ने राष्ट्रीय आन्दोलन और भारतीय राष्ट्रवाद की भावना को जाग्रत करने में भारतवासियों को कुशल नेतृत्व प्रदान किया। तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए मध्यम वर्ग ने सर्वप्रथम राष्ट्रीयता की भावना के प्रसार पर बल दिया। इस हेतु इनके द्वारा कुछ उद्देश्यों का भी निर्धारण किया गया जोकि निम्नलिखित थे-
1. भारत में ब्रिटिश शासन की खामियों और भारतीय जनता की समस्याओं के प्रति ब्रिटिश सरकार का ध्यान केन्द्रित कराना व अपेक्षित सुधारों को लागू करवाना।
2. महारानी विक्टोरिया के घोषणा पत्र के प्रावधानों को यथार्थ रूप में लागू कराने हेतु प्रयास करना।
3. ब्रिटिश न्याय के प्रति आस्था रखते हुए नियमों व कानूनों का पालन करना तथा इनके द्वारा व्यवस्था में सुधार करवाना।
इस प्रकार उपर्युक्त उद्देश्यों के द्वारा मध्यम वर्ग अहिंसात्मक तरीके से सर्वप्रथम भारत को राष्ट्रीयता के धागे में पिरोना चाहता था। इनका यह मानना था कि जब तक भारतवासियों में राष्ट्रीयता की भावना का संचार न हो जाए तब तक स्वतन्त्रता के विषय में सोचना जल्दबाजी होगी। मध्यम वर्ग ने समाज सेवा व समाज-सुधार को प्राथमिक लक्ष्य माना तथा इनके द्वारा राष्ट्रवाद की भावना के प्रसार का बीड़ा उठाया। मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों के रूप में बंकिम चन्द्र चटर्जी, रानाडे, बाल गंगाधर तिलक, दादा भाई नौरोजी, गोपालकृष्ण गोखले इत्यादि के नामों का विशेष रूप से उल्लेख किया जा सकता है। इन महापुरुषों द्वारा अहिंसात्मक रूप से एवं न्यूनतम हानि का मार्ग अपनाकर भारत में राष्ट्रीयता के प्रसार का कार्य किया गया, जोकि अत्यधिक उल्लेखनीय है।
अतः अन्ततः स्पष्ट रूप से यह कहा जा सकता है कि भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण रही। मध्यम वर्ग के प्रयासों के फलस्वरूप भारतीय जनमानस में चेतना आयी और राष्ट्रवाद की स्थायित्व प्राप्त हुआ।
|
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
- प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
- प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
- प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
- प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
- प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
- प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
- प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
- प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
- प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
- प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
- प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।