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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2786
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. 'ब्रिटिश इण्डिया सोसायटी' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
2. 'ब्रिटिश इण्डियन ऐसोसिएशन' के विषय में आप क्या जानते हैं?
3. मद्रास नेटिव एसोसिएशन पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
4. 'पूना सार्वजनिक सभा' के संस्थापक कौन थे? इस संगठन का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
5. 'इण्डियन ऐसोसिएशन' की स्थापना व उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर -

भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठन व इनके कार्य
(Pre-Congress Organization
and Their Works)

भारत में कांग्रेस की स्थापना से पूर्व भी कई राष्ट्रवादी संगठनों की स्थापना हो चुकी थी। यह संगठन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन से जुड़े हुए थे तथा भारत में राष्ट्रवाद के प्रसार में योगदान कर रहे थे। भारत में 19वीं शताब्दी में राष्ट्रीय भावना एवं राजनीतिक जाग्रति का क्रमिक विकास होना प्रारम्भ हो चुका था। धीरे-धीरे भारतवासियों को ऐसी संस्थाओं की आवश्यकता महसूस होने लगी जो उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुँचा सकें तथा भारतीयों में राष्ट्रीयता की भावना को सशक्त बना सकें।

अतः भारत में 19 वीं सदी के पूर्वार्द्ध से ही कई संस्थाओं व संगठनों की स्थापना प्रारम्भ हो गयी थी, इनमें से कुछ प्रमुख संगठन निम्नलिखित हैं-

1. साधारण ज्ञान सभा - साधारण ज्ञान सभा की स्थापना 1838 ई. की गयी। इस सभा में सामाजिक-धार्मिक मामलों के अतिरिक्त राजनीतिक विचार-विमर्श भी किया जाता था। इसमें जिन मामलों पर विचार किया जाता था उनमें सरकारी विभागों में बेगार समाचार पत्रों की स्वतंत्रता इत्यादि प्रमुख थे।

2. ब्रिटिश इण्डिया सोसायटी - 1842 ई. में एक भारतीय राष्ट्रवादी श्री द्वारकानाथ ने इंग्लैण्ड से सर जार्ज टामसन को भारत में राजनीतिक संगठन स्थापित करने हेतु आमन्त्रित किया। इन दोनों के संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप सन् 1843 ई. में बंगाल में 'ब्रिटिश इण्डिया सोसायटी' की स्थापना हुई। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य भारतीय जनमानस की स्थिति, देश के कानूनों, संस्थाओं और साधनों के विषय में सूचनाएँ एकत्र कर्ना था। इसके साथ-साथ अर्जित सूचनाओं के आधार पर वैध व अहिंसात्मक तरीकों से विभिन्न प्रकार के नागरिक अधिकारों का विस्तार एवं देशहित के कार्य करना था।

3. जमींदार सभा - कलकत्ता के जमींदारों द्वारा सन् 1838 ई. में एक संस्था की स्थापना की गयी, जोकि 'जमींदार सभा' के नाम से जानी गयी। इस सभा का प्रमुख उद्देश्य सरकार के द्वारा किये जा रहे भूमि खण्डों पर जबरन अधिकार का विरोध करना था।

4. ब्रिटिश इण्डियन ऐसोसिएशन - मध्यम वर्ग के आन्दोलनकारियों एवं उच्चवर्गीय जमींदारों के प्रयत्नों के फलस्वरूप 1851 ई. में 'ब्रिटिश इण्डियन ऐसोसिएशन' नामक संस्था की स्थापना हुई। यह संस्था कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों में पहली महत्वपूर्ण संस्था थी। इस संस्था के प्रथम अध्यक्ष श्री राधाकान्त देव थे। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य इंग्लैण्ड की जनता को भारत में ब्रिटिश प्रशासन के विषय में भारतीय जनता की भावनाओं से अवगत कराना था। यह संस्था भारत में ब्रिटिश प्रशासन में सुधार हेतु भी प्रयासरत् थी। 1853 ई. में ब्रिटिश इण्डियन ऐसोसिएशन द्वारा विधान परिषदों का पुनर्गठन करने, उच्च सेवाओं में भारतीयों की नियुक्ति तथा विश्वविद्यालय की स्थापना सम्बन्धी माँगे की गयी।

5. मद्रास नेटिव एसोसिएशन - मद्रास नेटिव एसोसिएशन की स्थापना सन् 1853 ई. में की गयी। इस संस्था न मद्रास प्रान्त के निवासियों की समस्याओं व अभावों की ओर इंग्लैण्ड की संसद कर ध्यान आकृष्ट किया। इस संगठन ने ब्रिटिश कर पद्धति, न्याय-व्यवस्था, शिक्षा की कमी इत्यादि क्षेत्रों की ओर ब्रिटिश सरकार द्वारा अपेक्षित सुधार किये जाने की माँग की।

6. पूना सार्वजनिक सभा - 1870 ई. में पूना में सार्वजनिक सभा की स्थापना की गई। इस संस्था के प्रमुख नेता व संस्थापक महादेव गोविन्द रानाडे थे। इस सभा का प्रमुख उद्देश्य जनता को शिक्षित करना व भारतीय अर्थव्यवस्था की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करना था। इस सभा ने कालान्तर में कौंसिल के सदस्यों के चुनाव की भी माँग प्रस्तुत की थी।

7. इण्डियन ऐसोसिएशन - 1876 ई. में कलकत्ता में 'इण्डिया लीग' के स्थान पर 'इण्डियन ऐसोसिएशन' नामक संगठन की स्थापना की गयी। कलकत्ता के 'इलबर्ट हॉल' में इस संस्था की प्रथम बैठक हुई, जिसमें इसके निम्नलिखित चार उद्देश्य तय किये गये थे-

(i) हिन्दू-मुस्लिम एकता को बढ़ाना।
(ii) सार्वजनिक आन्दोलनों में जनता को सम्मिलित करना।
(iii) विभिन्न जातियों के व्यक्तियों को देशहित में संगठित करना।
(iv) जन-जागृति उत्पन्न करना।

इस संस्था द्वारा 1876 ई. में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में बैठने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष किये जाने का भी विरोध किया गया था।

8. महाजन सभा - सन् 1884 ई. में समाचार पत्र 'हिन्दू' के संस्थापकों द्वारा मद्रास में महाजन सभा की स्थापना की गयी। इस संस्था द्वारा सेना पर हो रहे खर्च, न्याय, राजस्व को पृथक करने की आलोचना करते हुए नागरिक परीक्षा तथा लेजिस्लेटिव कौंसिलों में सुधार की माँगे की गयी।

9. बॉम्बे प्रेसीडेन्सी एसोसिएशन - सन् 1885 ई. श्री फिरोजशाह मेहता, बदरुद्दीन तैयबजी व के. टी. तेलंग द्वारा इस संस्था की स्थापना की गयी। इस संस्था का उद्देश्य सरकार तक जनता के विचारों को पहुँचाना तथा जनता के राजनीतिक अधिकारों के लिए संघर्ष करना था।

इस प्रकार उपर्युक्त सम्पूर्ण विवेचन के आधार पर निष्कर्षतया यह कहा जा सकता है कि भारत में 19 वीं सदी के प्रारम्भ से ही राष्ट्रवाद की धारा का प्रवाह कमोवेश प्रारम्भ हो गया था। इस क्रम में भारत में कांग्रेस से पूर्व ही कई महत्वपूर्ण संगठनों व दवाब समूहों की स्थापना की जा चुकी थी। यह संगठन राष्ट्रवादी भावना के प्रसार के सशक्त माध्यम बने और अन्ततः इन्हीं संगठनों की प्रेरणा के फलस्वरूप भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ, जोकि भारतीय राष्ट्रवाद व स्वाधीनता आन्दोलन की अग्रणी संस्था साबित हुई।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
  2. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
  3. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
  4. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
  5. प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
  6. प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
  8. प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
  11. प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
  14. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
  15. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
  16. प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  17. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
  18. प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
  19. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
  22. प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
  23. प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
  25. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
  26. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  28. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  29. प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
  30. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  33. प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
  34. प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
  35. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  37. प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  39. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
  41. प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
  42. प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
  43. प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
  47. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  49. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  50. प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
  51. प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
  53. प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
  54. प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
  55. प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
  56. प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
  57. प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
  58. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
  61. प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  65. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  66. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
  68. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
  69. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  70. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  71. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
  75. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
  76. प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
  77. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
  78. प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
  79. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
  81. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
  82. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
  83. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
  85. प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  87. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
  88. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
  89. प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
  91. प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
  92. प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
  93. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  94. प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  95. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
  96. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
  97. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
  100. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
  102. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।

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